सुमेरपुर विधायक जोराराम कुमावत ने विधानसभा में मनोहर अपहरण मामले को उठाया
मनोहर अपहरण प्रकरण पर विधायक कुमावत ने सीबीआई जांच की मांग की
एक आईना भारत /अशोक राजपुरोहित
खरोकडा / सुमेरपुर विधायक जोराराम कुमावत ने मनोहर अपहरण प्रकरण की त्वरित जांच की मांग की| सुमेरपुर विधायक कुमावत ने विधानसभा सदन में बताया कि विधानसभा क्षेत्र सुमेरपुर के नेतरा गाँव निवासी स्कूली छात्र मनोहर पुत्र प्रकाश सिंह राजपुरोहित 23 नवम्बर 2016 को प्रतिदिन की भांति बस में बैठकर नेतरा से फालना में इड्युको कोचिंग स्कूल पढाई करने हेतु गया | स्कूल में अवकाश होने के बाद उसी बस में बैठकर उसे घर आना था लेकिन मनोहर स्कूल से घर नहीं आया | घर पर नही आने पर परिवार वालों ने स्कूल में पूछताछ की, रिश्तेदारों के यहाँ पूछताछ की| उसके उपरांत भी नहीं मिलने पर फालना थाने में 24 नवम्बर 2016 को मु. नं. 152 धारा 363 में FIR दर्ज कराई | 30 नवम्बर 2016 को विद्यालय के गेट पर चिठ्ठी मिली जिसमें 25 लाख की फिरोती की माँग की, इस तरह कुल छ: चिठियाँ आई व् चिठियों में अलग–अलग स्थानों पर फिरोती की रकम लेकर आने को कहा, जब पुलिस ज्यादा सक्रिय हुई तो चिठियाँ आनी बंद हो गई | पुलिस की जांच के साथ सीआईडी को भी केस सुपुर्द किया | मनोहर के अपरहण के बाद पुलिस व सीआई डी की जांच को 4 वर्ष 3 महीने हो गये हैं, अभी तक मनोहर का पता पुलिस नहीं लगा पाई है| मनोहर को गायब किया है, अपहरण किया है, वो जिन्दा भी है या उसे किसी ने मार दिया है इसका आज दिनाक तक पुलिस पता नहीं लगा पायी है|
उन्होंने सदन में बताया की मनोहर अपने माता पिता का इकलौता बेटा है | तीन बहनो का इकलौता भाई था और माता–पिता अकेला सिराग था जो अपने इकलौते बेटे की खोज में पुलिस के चक्कर लगा रहे है और अपने बेटे की तलाश हेतु सबसे गुजारिश कर रहे है | मनोहर के बुजुर्ग माता पिता अपने बुढ़ापे की आस अपने बेटे के लिए दर दर की ठोकरे खा रहे है| पुलिस ने पाली पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में जांच कमेटी बैठा दी, लेकिन जांच कमेटी के 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी परिणाम शून्य है|
विधायक कुमावत ने सदन में कहा की मैंने स्वयं ने इस प्रकरण को सदन में 3 बार विभिन्न सत्रों में उठाया और पाली अधीक्षक से भी कई बार मिला | कई सामाजिक संगठन और जन प्रतिनधि भी इस मुद्दे को लेकर सरकार और प्रशासन से मिल चुके है किन्तु पुलिस इस पर हाथ पर हाथ धरे बैठी है| विधायक कुमावत ने सदन में इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए कहा की सरकार इस गंभीर मुद्दे पर अतिशीघ्र कार्यवाही करवाए और 4 वर्ष 3 माह बीत जाने के बाद भी अब तक गुमशुदा बच्चे को तलाश कर उनके बूढ़े माँ बाप को न्याय दिलाने में मदद करे और इस जांच को एसओजी, एटीएस, सीबीआई या अन्य जांच एजेंसी से करवाने की मांग की | ताकि समय रहते इनके माता पिता को न्याय मिल सके |
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