लाईलाज नहीं है टीबी , नरेगा श्रमिकों को किया टीबी रोग के प्रति जागरूक





लाईलाज नहीं है टीबी , नरेगा श्रमिकों को किया टीबी रोग के प्रति जागरूक

जालोर  चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत नरेगा साईट सांकरणा में जागरूकता गतिविधि का आयोजन कर नरेगा श्रमिकों को टीबी रोग के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। जिला पीपीएम समन्वयक इमरान बेग ने बताया कि जिला क्षय रोग अधिकारी डा. सुरेश कुमार के निर्देशन में साकरणा गांव में नरेगा श्रमिकों को टीबी रोग के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। कार्यक्रम में नरेगा श्रमिकों को टीबी रोग के बारे में जागरूक करते हुए टीबी रोग होने के लक्षण जैसे दो हफ्ते से अधिक खांसी का आना, बुखार, भुख न लगना, लगातार वजन कम होना, बलगम में खुन आना आदि लक्षण नजर आये तो तुरन्त नजदिकी चिकित्सालय, स्वास्थ्य कार्यकर्ता या आशा सहयोगिनी से सम्पर्क करें। उपरोक्त सभी लक्षण टीबी रोग के हो सकते है। टीबी रोग की जांच एवं पुरा ईलाज सभी स्वास्थ्य केन्द्र पर निःशुल्क उपलब्ध है। बेग ने बताया कि यदि हम या हमारे कोई परिचित टीबी रोग से ग्रसित हो जाते है तो धबराना नहीं है बल्कि मजबुती के साथ टीबी को पराजित करना है। टीबी रोग लाईलाज नहीं है डाट्स उपचार पद्वति द्वारा टीबी का ईलाज संभव है।क्षय पर्यवेक्षक श्रवण कुमार ने बताया कि टीबी एक संक्रामक रोग है जो एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति में फैल सकता है। टीबी संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छीकनें से टीबी के जीवाणु हवा में फैल जाते है एवं अन्य किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को संक्रमित कर सकते है। इस लिये टीबी रोगी को हमेशा खांसते, छींकते समय मुंह पर रूमाल का उपयोग करना चाहिए। टीबी रोगी को नियमित उपचार लेना चाहिए, अधुरे व अपूर्ण उपचार से टीबी रोग और भी ज्यादा गंभीर हो सकता है। पोष्टिक आहार एवं नियमित उपचार से हम टीबी को मात दे सकते है। साथ ही निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत प्रत्येक टीबी रोगी को उपचार अवधि के दौरान 500 रूपये प्रतिमाह पोषण सहायता भी दी जा रही है। इस अवसर पर मैल नर्स प्रथम नेनाराम मीणा, एएनएम पूजा यादव एवं कई जन मौजुद थे।
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