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पाली सिटी,
ग्रामीण विकास विभाग की बैठक में पौधरोपण अभियान चलाने के संबंध में दिशा निर्देश।
पाली सिटी, जिले की सभी ग्राम पंचायतों में इस साल मानसून के दौरान चयनित सरकारी भवनों के परिसर में आदर्श पोषण वाटिका विकसित की जाएगी। इसके साथ ही सभी ग्राम पंचायतों के चारदीवारीयुक्त सरकारी भवनों में सघन पौधरोपण किया जाएगा। ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए है।
जिला कलक्टर अंश दीप ने बताया कि मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य की अध्यक्षता में 28 मई को हुई ग्रामीण विकास विभाग की बैठक में पौधरोपण अभियान चलाने के संबंध में दिशानिर्देश जारी किए गए थे। इस कार्यक्रम के तहत जिले के चयनित चारदीवारी वाले कार्यालय परिसरों में आगामी दिनों में पौधरोपण अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान यथासंभव आदर्श पोषण वाटिका विकसित की जाएगी। इसमें विशेष रूप से यह प्रयास किया जाएगा कि जहां समुचित स्थान उपलब्ध हो, वहां फलदार पौधों व सब्जियों की वाटिका विकसित की जाए। जहां संभव हो, वहां रूफ वाॅटर हार्वेस्टिंग, पौध नर्सरी, कम्पोस्ट पिट तथा ड्रिप इरीगेशन युक्त ग्रीन हाउस आदि भी विकसित किया जाएं। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में नरेगा के अभिसरण से राशि का प्रावधान किया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि राज्यव्यापी वृहद एवं व्यवस्थित वृक्षारोपण अभियान 2021-2025 के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी अर्द्धसरकारी कार्यालयों के चारदीवारी वाले भवनों, आवास, कार्यालय, विद्यालय, आंगनवाड़ी केन्द्र, गोदाम, सामुदायिक भवन, मोक्ष धाम में संघन वृक्षारोपण कर आगामी तीन वर्ष तक उनका नियमित रख-रखाव किया जाएगा। प्रत्येक ग्राम पंचायत में उपलब्ध विभिन्न परिसरों में योजना अवधि के दौरान औसतन 500 नये पौधे रोपे जाएंगे। इन गतिविधियों पर संभावित व्यय महात्मा गांधी नरेगा योजना एवं पंचायतों को प्राप्त अनुदान राशि 15वें वित्त आयोग व्यय अनुदान के 50 प्रतिशत जल संरक्षण के लिए निर्धारित राशि से किया जा सकेगा। इन कार्यालयों की कार्यकारी संस्था यथा संभव ग्राम पंचायत ही रहेगी।
उन्होंने बताया कि अभियान के तहत फलदार पेड-पौधे, इमारती लकड़ी के पेड, छायादार, फूलदार पेडपौधे, सब्जियों की पौध, व्यावहारिक औषधिय पौधे, पशु चारे, लाईवफेंसिंग, बहुउपयोगी, अल्पअवधि में तैयार होने वाले तथा जेवइंधन बायोफ्यूल व तेलिय पेड पौधों का रोपण किया जाएगा। सरकारी परिसरों में रोपे जाने वाले पौधो के रखरखाव के लिए स्थाई जल स्त्रौतों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। ऐसा नहीं होने पर टैंकरों से पौधों को पानी पिलाया जाएगा। अभियान के दौरान रौपे जाने वाले किसी पौधे के मृत हो जाने पर उसी हाईट का पौधा तत्काल लगाया जाएगा। मृत पौधो के जगह नये पौधे लगाने के लिए आगामी मानूसन का इंतजार नहीं जाएगा। जहां तक हो सके पड़े परिसरों में दो पंक्तियों में पौधा रोपण किया जाएगा। पहली पंक्ति चार दीवारी से तीन फीट दूर एवं दूसरी पंक्ति पहली पंक्ति 10-15 फीट दूर लगाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि ऐसे परिसर जिनमें पाथ-वें, आंतरिक सड़क, एप्रोच सड़क निर्मित है, में रास्ते के दोनो तरफ सघन पेड रोपे जाएंगे। वृक्षारोपण अभियान की माॅनिटरिंग इ-पंचायत सोफ्टवेयर में माॅड्यूल जोडकर की जाएगी। इस अभियान के लिए पंचायत समितियों में पद स्थापित विकास अधिकारी नोडल अधिकारी होंगे। पेड मरने, दीमक व कीडे लगने, पानी नहीं पिलाने व मृत पौधो के स्थान पर नये पौधे नहीं लगाने के संबंध में भी कार्मिकों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद व पंचायतीराज के अधीन विभागों के कार्मिक हर 15 दिन में उन्हें आवंटित सभी परिसरों का निरीक्षण करेंगे। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में अच्छा कार्य करने वाली प्रदेश की चार जिला परिषदों, प्रत्येक पंचायत समिति की चार ग्राम पंचायतों एवं प्रत्येक जिले की चार पंचायत समितियों को पुरूस्कृत व सम्मानित किया जाएगा।
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