एक आईना भारत
पाली सिटी,
औषधीय पौधों से निरंतर लाभ प्राप्त करने के लिए उन्हें सही तरीके से घरों में उगाना और संरक्षण आवश्यक
पाली सिटी,वन विभाग की महत्वपूर्ण घर-घर औषधि योजना के सफल क्रियान्वयन को लेकर जिला कलक्टर अंश दीप ने आमजन को इस संबंध में जागरूक करने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि वन विभाग के माध्यम से वन विभाग के माध्यम से ''घर-घर औषधि योजना'' के तहत वर्ष 2021-22 में जिलेवासियों को आगामी पांच वर्षो तक तीन बार आठ-आठ (कुल 24) पौधे उपलब्ध करवाएं जाएंगे। जिला स्तर पर इस वर्ष 208254 परिवारों को प्रति परिवार आठ पौधों के हिसाब से औषधीय पौध वितरण के लिए 11 वन पौधशालाओं में तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा व कालमेघ के 18 लाख 32 हजार 635 पौधे तैयार किए जा रहे है।
उन्होंने कहा कि औषधीय पौधों को आमजन किस तरह से अपने घरों में आसानी से उगा सकते हैं, उनका संरक्षण कर सकते हैं और उनसे प्राप्त औषधियों का उपयोग कैसे कर सकते हैं, इस जानकारी को आसान भाषा में आम जन तक पहुंचाया जाना आवश्यक है। औषधीय पौधों से निरंतर लाभ प्राप्त करने के लिए उन्हें सही तरीके से घरों में उगाना और संरक्षण आवश्यक है। इसके लिए राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान और आयुर्वेद विभाग के सहयोग से आसान भाषा में औषधीय पौधों के उपयोग संबंधी जानकारी तैयार की जा रही है। औषधीय पौधों के वितरण के समय यह जानकारी ब्रोशर के माध्यम से आमजन को उपलब्ध करवाई जाएगी। यह जानकारी इलेक्ट्रॉनिक फाइल के माध्यम से सोशल मीडिया में भी साझा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि घर-घर औषधि योजना एक लाभकारी योजना है। इसे सफल बनाने के लिए सभी विभागों के अधिकारियों को कठोर प्रयत्न करने चाहिए। उन्होने विभागीय वृक्षारोपण कार्यक्रमों में जैव विविधता को भी बढ़ाने के प्रयास करने को कहा। घर-घर औषधि योजना के तहत जल्द ही आमजन में पौधे वितरित किए जाएंगे, इसलिए सभी वन संरक्षकगण तैयारियों को अंतिम रूप दें। वे अधीनस्थ जिले में संचालित नर्सरी प्रभारियों को अपने-अपने मोबाइल फोन ऑन रखने के निर्देश दें, ताकि आमजन को पौध वितरण के समय परेशानी ना हो।
उन्होंने जिले में वर्षा ऋतु के दौरान विभिन्न योजनाओं में संपादित किए जाने वाले वृक्षारोपण कार्यक्रमों की तैयारी की समीक्षा करते हुए वन भूमि पर उच्च कोटि के वृक्षारोपण कराने पर जोर दिया। उन्होंने वृक्षारोपण के जरिए बायो डायवर्सिटी बढ़ाने के निर्देश देते हुए कहा कि वृक्षारोपण क्षेत्रों में पौधों के रोपण के साथ-साथ सीधी बुवाई और स्थानीय वनस्पति के पुनरुद्धार पर जोर दिया जाए। घर-घर औषधि योजना के संबंध में उन्होंने कहा कि जिले में प्रत्येक विभाग की भूमिका सुनिश्चित करते हुए तुलसी, कालमेघ, अश्वगंधा और गिलोय के पौधे लोगों को वितरित करने के साथ-साथ इनके रखरखाव एवं उपयोग पर भी जानकारी प्रदान की जाए। घर-घर औषधि योजना की शुरुआत और वृक्षारोपण कार्यक्रम से पहले सभी तैयारियों की समीक्षा कर ली जाए।
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