अधिकारियों को विधानसभा के लम्बित प्रश्नों के उत्तर 15 अगस्त तक देना सुनिश्चित करने के निर्देश




पाली सिटी

अधिकारियों को विधानसभा के लम्बित प्रश्नों के उत्तर 15 अगस्त तक देना सुनिश्चित करने के निर्देश

पाली सीटी, जिला कलक्टर अंश दीप ने सभी विभागों के अधिकारियों को विधानसभा के लम्बित प्रश्नों के उत्तर 15 अगस्त तक देना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। 
उन्होंने कहा कि 30 दिवसों की समय सीमा वाले विधानसभा प्रश्नों का ज्यादा समय तक लम्बित रहना उचित नहीं है। सभी विभाग अपने पास आए प्रश्नों के जवाब नियत समय सीमा में देना सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी कहा कि आमजन से सीधे जुड़े विभागों के पास विधानसभा प्रश्न अधिक संख्या में आते है, इन विभागों को इस ओर अधिक ध्यान देना होगा। 
उन्होंने कहा कि आपसी तालमेल व सामंजस्य रखते हुए विभागों को चाहिए कि अपने विधानसभा प्रश्नों के साथ-साथ उनके पास अन्य विभागों से आए विधानसभा प्रश्नों के जवाब भी शीघ्र देने के प्रयास करें। ---------
पाली, 10 जुलाई। बजट घोषणा वर्ष 2020-21 के अनुसार नई पंचायत समितियों एवं ग्राम पंचायतों के गठन के बाद जिन पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों में कार्यालय के लिये उपयुक्त सरकारी भवन उपलब्ध नहीं है, वहां मिनी सचिवालय की तर्ज पर पंचायत सचिवालय भवनों का निर्माण की कवायद शुरू कर दी गई हैं। जिला कलक्टर अंश दीप ने ग्राम पंचायत भवनों, पंचायत समिति भवनों और पंचायत समिति मुख्यालय पर बनने वाले अम्बेडकर भवनों के लिए भूमि आवंटन में आ रही समस्याओं का शीघ्र निस्तारण करने के निर्देश दिए है।
उन्होंने कहा कि पंचायत समिति और ग्राम पंचायत के कार्यालय के साथ-साथ नरेगा कार्यालय, राजीव गांधी और अटल सेवा केन्द्र एवं अन्य सरकारी कार्यालय होने से गांवों के स्तर तक मिनी सचिवालय की अवधारणा को साकार किया जा सकेगा। पंचायत स्तर पर बनाए जाने वाले भवनों में सभी सरकारी कार्यालय एक ही परिसर में होने से लोगों को सुविधा मिलेगी।
उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत और पंचायत समिति स्तर पर बनाए जाने वाले भवनों का मानचित्र भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बनाया जाए। नए भवन पर्यावरण के अनुकूल हों, वहां सघन वृक्षारोपण किया जाए और वर्षा जल संचयन का भी प्रावधान हो। उन्होंने बताया कि पंचायत समिति के लिए 6 एकड़ भूमि, ग्राम पंचायत के लिए 3 एकड भूमि और अम्बेडकर भवन के लिए एक हजार वर्ग मीटर भूमि की आवश्यकता है। राजस्व विभाग, नगरीय विकास विभाग और जिलों के सहयोग से भूमि उपलब्ध होते ही भवन निर्माण का कार्य शीघ्र ही प्रांरभ किया जाएगा।
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