किसानों के तीन काले कानूनों के खिलाफ राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन
आज किसान दुख और रोष में : जागरवाल
एक आईना भारत /
खरोकडा / भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) अराजनैतिक संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राजाराम मील के निर्देशानुसार पाली जिला अध्यक्ष मदनसिंह जागरवाल के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए किसानों के विरूद्ध तीन काले कानूनों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी ज्ञापन जिला कलेक्टर पाली के मार्फत राष्ट्रपति के नाम जिले के सैंकड़ों किसानों के साथ ज्ञापन दिया ।जागरवाल ने बताया कि किसान बहुत दुःख और रोष के साथ अपने देश के मुखिया को यह पत्र लिख रहे हैं कि आज 26 जून 2021 को अपने मोर्चे के 7 माह पूर्ण हो गए है लेकिन अभी तक केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के हित में कोई निर्णय नहीं हुआ है।देश किसान को अन्नदाता कहता है। पिछले 74 साल में किसान ने जिम्मेवारी निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। जब देश आजाद हुआ तब किसान 33 करोड़ देशवासियों का पेट भरते थे। आज उतनी ही जमीन के सहारे किसाने 140 करोड़ जनता को भोजन दे रहा है। इस कोरोना महामारी के दौरान जब देश की बाकी अर्थव्यवस्था ठप्प हो गई, तब भी किसान अपनी जान की परवाह किए बिना रिकॉर्ड उत्पादन किया, खाद्यान्न के भंडार खाली नहीं होने दिए।लेकिन इसके बदले आप की मोहर से चलने वाली भारत सरकार ने हमें दिए तीन ऐसे काले कानून जो हमारी नस्लों और फसलों को बर्बाद कर देंगे, जो खेती को किसानों के हाथ से छीनकर कंपनियों की मुठ्ठी में सौंप देंगे। खेती के तीनों कानून असंवैधानिक हैं क्योंकि केंद्र सरकार को कृषि मंडी के बारे में कानून बनाने का अधिकार ही नहीं है। फसल के दाम में किसान की लूट के कारण खेती घाटे का सौदा बन गई, किसान कर्ज में डूब गए और पिछले 30 साल में 4 लाख से अधिक किसानों को आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसलिए किसानों मांग है कि किसान को स्वामीनाथन कमीशन के फार्मूले (सी2$50प्रतिशत) के हिसाब से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपनी पूरी फसल की खरीद की गारंटी मिले तथा एमएसपी की गारंटी निर्धारित की जाए।ज्ञापन में यह भी बताया गया कि पिछले सात महीने से भारत सरकार ने किसान आंदोलन को तोड़ने के लिए के लोकतंत्र की हर मर्यादा की धज्जियां उड़ाई हैं। देश की राजधानी में अपनी आवाज सुनाने के लिए आ रहे अन्नदाता का स्वागत करने के लिए इस सरकार ने हमारे रास्ते में पत्थर लगाए, सड़कें खोदीं, कीलें बिछाई, आंसू गैस छोड़ी, वाटर कैनन चलाए, झूठे मुकदमे बनाए और हमारे साथियों को जेल में बंद रखा। इस आन्दोलन में हमारे 500 से ज्यादा साथी इस आंदोलन में शहीद हो गए।
ज्ञापन में किसानों ने केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुरजोर मांग की है कि केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए 3 काले कानून को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए और किसानों को खेती के लिए राहत का पैकेज दिया जाए ताकि किसान अन्नदाता के रूप में देश के लोगों को भरण पोषण कर सके और जीवित रह सके ।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर पेमाराम चौधरी, प्रदेश सचिव प्रकाश भाकर मारवाड़ ब्लॉक अध्यक्ष नवरतनराम चौधरी, दुर्गाराम चौधरी राजकियावास, बाबुलाल कीर मानपुरा, एडवोकेट विजयराज चौधरी बाली, पाली देहात गोविन्दराम बन्जारा, देसुरी ब्लॉक अध्यक्ष दिनेश आदिवाल, रानी ब्लॉक अध्यक्ष मांगीलाल चौधरी, सोजत ब्लॉक अध्यक्ष बुद्धाराम गुर्जर, विरदाराम सैनी जैतारण, रोहट ब्लॉक अध्यक्ष दुर्गाराम पटेल, पूर्व सरपंच नारायणसिंह जाडन, पूर्व जिला उप प्रमुख भीकाराम सीरवी, मांगूसिंह दूदावत, सदाराम विश्नोई, झुंजारसिंह जोधा, रफीक चौहान, कुन्दनसिंह राजपुरोहित, हरीसिंह राजपुरोहित खरोकड़ा, युवा किसान नेता प्रेम पटेल दूदली, किसान नेता मंगलाराम भिण्डर, खुदाबक्ष पठान, चुन्नीलाल कीर, ज्ञानसिंह पुनाड़िया, चन्द्रपाल राजपुरोहित पनायता,अर्जुन देवासी जब्बरसिंह रजपूत, शेषाराम हीरागर, लालाराम चौधरी, राणाराम देवासी, कैलाश सैन, मिश्रीलाल नायक मारवाड़ जंक्शन, पारसमल प्रजापत, भेराराम प्रजापत, अर्जुनसिंह जोधा रताराम मेघवाल, घीसाराम प्रजापत, पूनाराम विश्नोई, नेहड़ा तुलसाराम प्रजापत, भीमसिंह राजपूत, भंवरलाल विश्नोई सहित सोजत, मारवाड़, रानी, पाली देहात, सुमेरपुर, बाली, देसुरी आदि जिले के अनेक स्थानों से किसान उपस्थित थे ।
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