रानीवाड़ा काबा में बन रहे प्राकृतिक चिकित्सालयृ एवं वृद्धा आश्रम की परिकल्पना को देखकर अभिभूत हुईं, जालोर जिला कलेक्टर साहिबा



रानीवाड़ा काबा में बन रहे प्राकृतिक चिकित्सालयृ एवं वृद्धा आश्रम की परिकल्पना को देखकर अभिभूत हुईं, जालोर जिला कलेक्टर साहिबा 

मोदरान के निकटवर्ती रानीवाड़ा काबा में निर्माणाधीन स्थल का जिला कलेक्टर, एसडीएम व तहसीलदार ने किया निरीक्षण।
करीबन एक सौ बीघा जमीन में हो रहा है निर्माण।

बारिश के पानी का भी किया जा रहा है स्टोरेज।


जालोर। जिले के मोदरान निकटवर्ती रानीवाड़ा काबा में बन रहे प्राकृतिक चिकित्सालय, वृद्धा आश्रम व गोशाला का जालोर जिला कलेक्टर नृमता वृष्णि, उपखण्ड अधिकारी चंपालाल जीनगर, तहसीलदार मादाराम मीणा व विकास अधिकारी कुलवंत कालमा ने निरीक्षण किया। इस दौरान सरपंच उम्मेदसिंह, वीडिओ अशोक विश्नोई, बीट अधिकारी रविंद्रकुमार व परबतसिंह उपस्थित रहे। 
 कलेक्टर वृष्णि इस प्रोजेक्ट की परिकल्पना को देख अभिभूत हो गई। इतना ही नहीं यहां बरसाती पानी के संरक्षण को लेकर किए गए कार्य की कलेक्टर ने भी जमकर तारीफ की। इस कार्य को मूल रूप देने वाले रतनचंद देशमल सालेचा ने कलेक्टर नमृता वृष्णि को बताया कि सौ वर्ष पहले जिस प्रकार की प्रकृति में लोग जीवनयापन करते थे, उसी प्रकार की जीवनशैली को इस प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। ताकि लोग यहां आकर सुकून पा सके।


बनेगा प्राकृतिक चिकित्सालय

सौ बीघा की इस जमीन में प्राकृतिक चिकित्सालय का निमार्ण किया जा रहा है। यहां लोगों सौ साल पुरानी जीवनशैली से रूबरू होने का मौका मिल सकेगा। उदाहरण के रूप में यहां आने वाले लोगों को घटी (हाथों से आटा पीसने की घटी) जैसे उपकरण भी उपलब्ध रहेंगे। इसके अलावा भी यहां प्राकृतिक चिकित्सा से जुड़ी सुविधा मिलेगा। ताकि लोगों को पुरानी जीवनशैली के बारे में जीने के तरीके की जानकारी भी मिल सके।

वृद्धा आश्रम में मिलेगी जगह

यहां एक बेहतरीन शुद्ध वातावरण का वृद्धाआश्रम भी बन रहा है। इसमें हर वर्ग का व्यक्ति अपना जीवनयापन कर पा सकेगा। रतनचंद सालेचा ने बताया कि भागदौड़ भरी ईस जिंदगी में कई लोग तनावपूर्ण रहते है। इसलिए ऐसे लोगों को इस शुद्ध वातावरण में तनावमुक्त जीवन जीने का वक्त मिलेगा। साथ ही प्राकृतिक जीवनशैली में रहने का मौका मिलेगा। इतना ही नहीं पुराने समय के जीवन में काम आने वाले संयंत्रों के जरिए अपने समय का सदुपयोग करने का मौका मिलेगा। किसी भी परेशान व्यक्ति को तनावमुक्त जीवन जीने का माहौल मिल सकेगा।

गायों का गोशाला में एकत्रित होगा शुद्ध गोमूत्र

यहां एक गोशाला का भी निर्माण किया जा रहा है। इसमें गायों व नंदीशाला की अलग अलग व्यवस्था रहेगी। गोशाला में इस प्रकार से व्यवस्था की जाएगी कि गायों का शुद्ध गोमूत्र एकत्रित कर दवाई में उपयोग लिया जाएगा। गायों के चारे के लिए नेपियर घास का पहले ही उत्पादन शुरू कर दिया है। ताकि गोशाला में आने वाले पशुओं के लिए चारे की कमी नहीं हो पाए। गोशाला के शेड के साथ साथ पक्षियों के लिए मटकों की व्यवस्था की गई है। जिसमें दाना व चुग्गा रखने के बाद पक्षी विचरण कर पाएंगे। 

बरसाती पानी स्टोरेज के लिए दो पौंड

इस स्थान पर दो पौंड भी निर्माण किये है। यहां जितने भी शेड बनाये हुए है, उनके ऊपर का बरसाती पानी का पूरा स्टोरेज किया जा रहा है। एक पौंड करीब दो करोड़ लीटर स्टोरेज का बनाया हुआ है। इतना ही नहीं यहां पौंड भरने पर यहां का पानी नजदीकी सुरयाली नाडी में चला जाता है। पिछले दिनों हुई बारिश में यहां काफी पानी स्टोरेज हुआ है। 

जापानी तकनीक से बनाया भवन

यहां गर्मी में तापमान अधिक होने के कारण यहां नया तरीका इजाद किया है। यहां एक भवन जापानी तकनीक से बनाया गया है। जो लौहे के पिलर पर खड़ा किया गया है। इस भवन में पंखे की भी जरूरत महसूस नहीं की जा सकेगी। 


बारह राशियों के लगेंगे 12 पेड़

इस स्थान पर बारह राशियों के 12 पेड़ भी लगाएंगे। ताकि जिस राशि का व्यक्ति होगा, वह उस पेड़ के साथ अपनी बात कर सके। पेड़ के समक्ष अपना ध्यान योग कर मन सन्तुष्टि पा सके।


इनका कहना है...
सौ साल पहले की जीवनशैली को धरातल पर उतारने के लिए मैंने यहां प्राकृतिक चिकित्सालय, वृद्धा आश्रम, गोशाला, बरसाती पानी स्टोरेज समेत एक ऐसा स्थान तैयार करने का काम शुरू किया है, जिससे जीवनशैली आनन्दित हो सके। हमारी परिकल्पना समाज सेवा की है। जिला कलेक्टर ने यहां निरीक्षण कर जायजा लिया है। 
- रतनचंद सालेचा, श्री लब्धिसुरी जीवदया धाम जयानन्द नगर रानीवाड़ा काबा, जालोर।
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