डॉ खीचड़ ने बबूल की झाड़ियों फंसे हिरण के बच्चे को बचाकर , घर लाकर पालन - पोषण किया,
मरुधर आईना /
चितलवाना। रक्षाबंधन के पावन पर्व और पूर्णिमा के शुभ अवसर पर सांचौर के डेडवा ग्राम की सरहद में अलसुबह एक हिरण का बच्चा बबूल की झाड़ियों में फंस गया था इस दौरान पास से गुजर रहे युवा कांग्रेस के नेता एवं वन्यजीव प्रेमी डॉ रमेश खीचड़ और उनकी धर्मपत्नी राजेश्वरी ने झाडियों को हटाकर हिरण के बच्चे को बबूल की कंटिली झाड़ियों से निकालकर उसे अपने घर लाकर जान बचाई पूर्व में डॉक्टर खीचड़ अखिल भारतीय बिश्नोई युवा संगठन के प्रदेश महासचिव पद पर रहते हुए पर्यावरण और वन्य जीव संरक्षण के लिए कार्य करते रहे हैं । वन्य जीव प्रेमी डॉ रमेश खीचड़ का ने बताया की जब एक दो दिन बाद जब यह छोटा हिरण का बच्चा थोड़ा संभल जाएगा तो उसे धमाणा स्थित अमृता देवी वन्य जीव एवं पर्यावरण संस्थान को सुपुर्द कर दिया जाएगा।
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