*विधायक राजपुरोहित ने जोयला पिकअप वियर का कार्य रद्द करवाने हेतु सदन में नियम 295 के तहत विशेष प्रस्ताव रखा।*
मरुधर आईना
आहोर
आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित ने 15 वी विधानसभा के 6 वें सत्र के दौरान विधानसभा के कार्य संचालन के नियम 295 के तहत विशेष प्रस्ताव के माध्यम से मांग रखी और सदन की कार्यवाही के दौरान कहा कि जालोर, पाली जिले के अधिकतम गाव नदी किनारे बसे हुए हैं। क्योंकि उस समय जवाई नदी करीब 8-9 महिने तक नदी बहती रहती थी। लेकिन पेयजल की आवश्यकता को लेकर 1952 के लगभग जवाई नदी पर जवाई बांध बनाया गया जोधपुर जिले सहित कई गांवों के लिये उसके बाद जवाई नदी में पानी आना लगभग बंद हो गया। जवाई बांध के फाटक पिछले 70 वर्षों में लगभग 8 बार ही ओवर फलो हुआ और फाटक खोलने की आवश्यकता पड़ी। क्योंकि इस बांध के केशमेंट क्षेत्र मे कई ऐनिकेट बना दिये गये जिससे जालोर जिला पिछले 20 वर्षों से जितने कृषि कुए थे सब सुख गये । वहां पर खेती का काम अब लगभग बंद हो गया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 16297 कुए सुख गये जिससे 2.70,585 हेक्टर भूमी में खेती बर्बाद हो गई। इस समस्या के समाधान के लिये जवाई पुर्नभरण योजना लागू करने के लिये लगभग 242 गांवों के किसानों ने एक संघर्ष समिति बनाई। जंवाई संघर्ष समिति को इस संघर्ष समिति को अपार समर्थन मिला। इसके लिये पूर्व सरकार ने जवाई पुर्नभरण डी.पी.आर बनाई और पुर्नभरण की भी घोषणा कि लेकिन अभी तक जवाई पुर्नभरण की कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई।
इन सब के बावजूद अरावली पर्वत श्रृंखला से पौसालिया होते हुए सूकडी नदी बारिश के समय जोयला, नोवी होते हुए रसियावास डोडीयाली आलावा हरजी कुआडा अगवरी गुडा, दयालपुरा वरली. सनवाडा, भैसवाडा, साकरणा से जालोर विशनगढ़ तक बहती थी। जिससे इस क्षेत्र में पेयजल के लिये ट्युबवेल एवं किसानों के कृषि कुए चलते थे लेकिन आज से 15 वर्ष पूर्व पोसालिया पर डायवर्जन बना दिया जिससे उक्त सुकडी नदी का पानी 30 प्रतिशत डायवर्ट हो गया जिससे यह सुकड़ी नदी जो बिशनगढ़ तक चलती थी वो भैसवाडा सांकरणा तक ही सिमट के रह गई।
इस पोसालिया डायवर्जन का विरोध उस समय किसानों ने किया लेकिन किसानों को उस समय भी गुमराह कर दिया गया। उस सुकडी नदी पर पोसालिया डायवर्जन बन गया । अब इसका विरोध हम नहीं कर रहे। अब वह पुरानी हो गई हैं।
मेरे क्षेत्र की जनता को दुख तब हुआ जब इसी सुकडी नदी जो पानी जालोर के आहोर विधानसभा के करीब 30 ग्राम पंचायत के 1.50 से 2 लाख लोगों के पेयजल एवं कृषि कूए इस सुकडी नदी के कारण पानी उपलब्ध हो रहा है, जोयला के निकट construction of joyla pick up weir for diversion के नाम से वित्तीय स्वीकृति देकर कार्य शुरू करवा रहे हैं जिसका बजट लगभग 25 करोड़ का है। यदि यह डायवर्जन बन गया तो आहोर विधान सभा के करीब 60 गांव सुखा ग्रस्त हो जाएंगे, विधायक राजपुरोहित ने सदन में विधानसभा अध्यक्ष के माध्यम से सरकार को अवगत करवाया कि जब इसकी जानकारी मेरे द्वारा चाही गई तो इस योजना का अधिकारी बजट घोषणा का हवाला देते हैं। लेकिन इस कार्य को लेकर बजट की सीधी घोषणा कहीं पर नहीं है। इसलिये जोयला डायवर्जन को रोककर क्षेत्र की जनता को मरने से बचाये अन्यथा 2 लाख लोग पेयजल एवं बिना खेती के मर जाएंगे।
उक्त जोयला डायवर्जन बनाने से पूर्व सामाजिक आर्थिक एवं इसके बहाव क्षेत्र के किनारे पर बसे हुए गांवो पर क्या प्रभाव पड़ेगा इसका सर्वेक्षण कराया यदि नहीं कराया तो सर्वेक्षण करवाया जावे।
सुकडी नदी पर बार-बार प्राकृतिक बहाव रोककर पानी रोक रहे हैं। जिससे पुरे क्षेत्र के किसानों में आक्रोश है। इसको लेकर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित ने मंत्री जी को अवगत करवाया कि इस जोयला पिकअप वियर योजना को रोककर किसानों का भला करें।
और कहा कि यह जोयला डायवर्जन उपयोगी नहीं होकर क्षेत्र के लिये नुकसानदायी है। इसलिये इसकी स्वीकृती को तुरंत प्रभाव से रद्द करके एवं सरकार के 25 करोड़ बचाकर क्षेत्र की जनता के राहत प्रदान करे। साथ ही विधायक राजपुरोहित आहोर सहित पूरे जालोर क्षेत्र में भयकर अकाल पड़ा हुआ है। यहां के क्षेत्र में पेयजल की व्यवस्था के साथ-साथ पशुचारे की व्यवस्था कराते हुए जालोर जिले के किसानों को राहत देने के लिये अकाल घोषित करे एवं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ किसानों को तुरंत दिलवाने की सदन में मांग रखी।
Tags
ahore