मासिक सत्संग कार्यक्रम में डॉ. राधाकृष्णन की जयंती शिक्षक दिवस के रूप में मनाई



मासिक सत्संग कार्यक्रम में डॉ. राधाकृष्णन
 की जयंती शिक्षक दिवस के रूप में मनाई

विद्यार्थी को सफल व बेहतर इंसान बनाने में शिक्षक की अहम भूमिका - देवी ममता

मरुधर आईना / 

नागौर।   गो चिकित्सालय में भादवा के पावन माह में चल रहे मासिक सत्संग कार्यक्रम के दौरान भारत के   प्रख्यात शिक्षाविद् व भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती शिक्षक दिवस के रूप में हर्षोल्लास से मनाई गई। 
              गो चिकित्सालय के व्यवस्थापक श्रवणराम बिश्नोई ने बताया कि प्रसिद्ध कथा वाचिका देवी ममता के सानिध्य में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्रपट के समक्ष पुष्प व पुष्पमाला अर्पित कर सैंकड़ों भक्तों की उपस्थिति में जयंती मनाई गई। 
          इस दौरान देवी ममता ने बताया कि प्रतिवर्ष 5 सितम्बर को भारत के पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए मनाया जाता है। वे एक महान दार्शनिक थे, उन्होंने भारत रत्न पुरस्कार प्राप्त किया था। इस दिन भारत के श्रेष्ठ शिक्षकों को पुरस्कार प्रदान किया जाता है। 
     देवी ममता ने बताया कि हर किसी के जीवन में शिक्षक की अहम् भूमिका होती है। एक शिक्षक बच्चे को सफल और बेहतर इंसान बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। भारत में शिक्षक दिवस का उत्सव स्कूलों, कॉलेजों व संस्थानों में विभिन्न मनोरंजन गतिविधियों से भरा होता है। 
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन् एक विद्वान शिक्षक थे, उन्होंने अपने जीवन में चालीस साल एक शिक्षक के रूप में भारत के भविष्य को बेहतर बनाने में लगाए। शिक्षक के रूप में उनके योगदान और बहुमूल्य कार्यो को याद करने के लिए हर वर्ष उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में बनाया जाता है।  शिक्षा केवल धन देने से ही नहीं प्राप्त होती है, बल्कि अपने गुरू के प्रति सम्मान और विश्वास से ही ज्ञान की प्राप्ति होती है। 
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