शिक्षक दिवस पर रचना
गुरु बिन कुछ नही
हे ! गुरु तेरी महता का
क्या करूं बखान,
परिंदों कोे पहुंचा देते हो
सफलता के पायदान।
दिनकर सा चहुंमुखी प्रकाश
फैलाते हो,
जीवन की डगर को आसान
कर जाते हो ।
ये कच्ची ईंटें है इनको श्रेष्ठ
पकाते हो,
संचित ज्ञान का देकर के
अमूल्य उपहार।
सत्यता का जीवंत पाठ
पढ़ाते हो,
अमिट ऊर्जा का हो जाता
नवीन संचार ।
तेरी आराधना से शब्द अर्थ
का भंडार पा जाते है,
अंतरपट खुलकर होता
अद्भुत चमत्कार ।
शिक्षा की बगिया में बहार
सी छा जाती है,
स्वर्णिम स्वपन होने लगे जब
कलियों के साकार।
शालू मिश्रा नोहर,
राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक
विद्यालय सराणा, ब्लॉक- आहोर,
जिला- जालौर
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