एमआरआई मशीनो का भी पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत करवाना होगा रजिस्ट्रेशन



एमआरआई मशीनो का भी पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत करवाना होगा रजिस्ट्रेशन

जालोर  प्रदेश मे भ्रूण लिंग जांच रोकने के लिये अब एमआरआई मशीनों को भी पीसीपीएनडीटी एक्ट के दायरे मे आने पर मशिन व रिपोर्ट करने वाले डिग्रीधारी रेडियोलोजिस्ट का भी पंजीकरण करवाना होगा। नियमो का पालन नही करने वाले सेन्टरो के खिलाफ पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत कार्यवाही की जाएगी। नोडल अधिकारी पीसीपीएनडीटी एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. गजेन्द्र सिंह देवल ने बताया कि मेग्नेटिे रेसोनेंस इमेजिंग(एमआरआई) मशिनों को गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक ( लिंग चयन प्रतिषेध ) अधिनियम, 1994 (पीसीपीएनडीटी एक्ट) के दायरे में शामिल कर लिया गया है, जिसके तहत इनका रजिस्ट्रेशन होगा। बिना पंजीयन के इनका संचालन नही होगा। 
 सीएमएचओ देवल ने बताया कि एमआरआई सेन्टरों पर पीसीपीएनडीटी एक्ट के पुरे निर्देशो का पालन करना होगा तथा हर मरीज का रिकार्ड रखना होगा तथा हर माह रिपोर्ट मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय मे भिजवानी होगी। 

इस कारण किया गया शामिल

  अभी तक केवल सोनोग्राफी मशीनो को ही पीसीपीएनडीटी एक्ट के दायरे मे लिया गया था लेकिन अब एमआरआई तकनीक को भी शामिल किया गया है, जानकरो का कहना है, कि इनको शामिल करने की वजह भ्रूण लिंग पहचान की आंशका है क्योकि एमआरआई मशीन मे भी सोनोग्राफी के तरह पुरी ग्राफिक्स इमेज तैयार हो जाती है, जिससे भ्रूण की पहचान आसानी से हो सकती इसकी आंशका को देखते हुये चिकित्सा विभाग ने एमआरआई मशीनों का भी पंजीयन अनिवार्य किया है। अब इसको लागु करने के निर्देश दिये है।

जिले मे 03 एमआरआई मशीन संचालित

 सीएमएचओ देवल ने बताया की जालोर जिले मे वर्तमान मे 03 एमआरआई मशीनो का संचालन किया जा रहा है जिसमे 01 भीनमाल मे तथा 02 सांचौर मे है, जिनको पंजीयन करवाने संबंधित सेंटर को निर्देश दिये गये है।

क्या है पीसीपीएनडीटी एक्ट, 1994

  जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक शंकर सुथार ने बताया कि गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसीपीएनडीटी) लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम, 1994 के अन्तर्गत लिंग परीक्षण करना कानुनी अपराध है साथ ही इसके लिये सहयोग करना व विज्ञापन करना भी अवैध है, ऐसा करने पर 03 से 05 वर्ष की सजा तथा 10 हजार से 01 लाख रूपये तक का जुर्माना हो सकता है। लिंग जांच करना अवैध है, इसको रोकने के लिये राज्य सरकार द्वारा मुखबीर योजना चलाई जा रही है जिसके तहत 03 लाख रूपये की राशि मुखबीर व गर्भवती महिला को दी जाती है तथा इसकी शिकायत हेतु व्हाट्सअप नम्बर 9799997795 पर दी जा सकती है।
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