स्व. नरसाराम व रुक्मादेवी बेनीवाल की स्मृति में निकाली भव्य शोभायात्रा
जोधपुर में 11 नवम्बर को आयोजित होने वाली कथा के पोस्टर का हुआ विमोचन
मरुधर आईना / नागौर
नागौर। गो चिकित्सालय, नागौर में हनुमान बेनीवाल द्वारा आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा के अंतिम दिवस पर महामण्डलेश्वर स्वामी कुशालगिरी महाराज के सानिध्य में नंदा कामधेनु की महाआरती की गई उसके पश्चात् स्व. नरसाराम व रुक्मादेवी बेनीवाल की पुण्य स्मृति में गो चिकित्सालय के परिक्रमा मार्ग से होते हुए कथा स्थल तक हरि कीर्तन ,गाजे-बाजे के साथ भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। जिसमें सैकड़ो की संख्या में महिलाएं व पुरुष शामिल हुए।
कथा वाचिका देवी ममता ने सुदामा चरित्र का प्रसंग सुनाते हुए बताया कि संसार में मित्रता श्री कृष्ण और सुदामा की तरह होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि स्वाभिमानी सुदामा ने विपरीत परिस्थितियों में भी अपने सखा कृष्ण का चिंतन और स्मरण नहीं छोड़ा जिसके फलस्वरूप कृष्ण ने भी सुदामा को परम पद प्रदान किया। सुदामा चरित्र की कथा का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गये। प्रसंगानुसार जसवंतगढ़ की प्रसिद्ध झांकी टीम द्वारा 'कृष्ण सुदामा मिलन' की दिव्य सजीव झांकी का प्रस्तुतिकरण दिया गया।
कथा के मध्य महामण्डलेश्वर ने विश्व स्तरीय गौ चिकित्सालय जोधपुर में वैष्णव परिवार द्वारा आयोजित होने वाली 11 नवम्बर को सात दिवसीय भागवत कथा के पोस्टर का मंच पर विमोचन किया कथा विश्राम के दिन पंडाल में गोदान हेतु झोली फेराई गयी डेढ लाख से अधिक गोहितार्थ सहयोग आया।
कथा प्रभारी श्रवण सेन ने बताया कि कथा के समापन के पश्चात् भक्तों ने महामण्डलेश्वर, देवीजी व कथा आयोजनकर्ता हनुमान बेनीवाल को छबड़ी में बेठाकर झूलाते हुए,पुष्पवर्षा करके भव्य मान सम्मान किया। कथा के दौरान सरजु देवी जाट, मदनलाल कुमावत, दामोधर शर्मा, कैलास मेघवाल, सत्यनारायण शर्मा, एन.ई.जी एसोसिएशन ग्रुप सहित अनेक दानदाताओं ने गोहितार्थ सहयोग किया। सभी दानदाताओं का व्यास पीठ की ओर से स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कथा लाइव के दौरान जैठाराम सैन, अशोक शर्मा, राजेन्द्र गुप्ता इत्यादि गो भक्तों ने देश के अलग-अलग कोनो से ऑनलाइन सहयोग किया। अंतिम दिन की कथा में संत गोविंदराम महाराज, संत ताराचंद महाराज, संत रूपदास महाराज, साध्वी मीरा बाईसा, साध्वी कृष्णा कंवर बाईसा इत्यादि भागवत आरती में उपस्थित रहे।
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