विश्व पशु कल्याण दिवस पर पूर्ण रूप से पशु हत्या बन्द हो मानव व पशुओं के बीच समन्वय स्थापित करना जरूरी - राष्ट्रीय अध्यक्ष राठौड़



विश्व पशु कल्याण दिवस पर पूर्ण रूप से पशु हत्या बन्द हो 

मानव व पशुओं के बीच समन्वय स्थापित करना जरूरी - राष्ट्रीय अध्यक्ष राठौड़

मरुधर आईना / 

नागौर, 3 कामधेनु सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिपेन्द्रसिंह राठौड़ ने बताया कि प्रतिवर्ष पूरे विश्व में 4 अक्टूबर को विश्व पशु कल्याण दिवस मनाया जाता है। विश्व पशु कल्याण दिवस मनाने का उद्देश्य पशु कल्याण मानकों में सुधार लाना है साथ ही व्यक्तियों, समूह और संगठनों का सपोर्ट देना है। इसके अलावा पशुओं के प्रति दया की भावना और सुरक्षा देने के लेकर प्रोत्साहित करने हेतु इस दिन को मनाया जाता हैं जिससे पशुओं का जीवन सक्षम और बेहतर से बेहतर हो सकें। 
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा आज मानव अपने स्वार्थ पूर्ति हेतु बेजुबान जानवरों की क्रूरता से हत्या कर देता हैं। चाहे वह धार्मिक उद्देश्य से हो या अन्य कोई कारणों से। इस वजह से पशुओं की स्थिति बहुत ही दयनीय होती जा रही हैं। पशुओं की इस दयनीय स्थिति के कारण समाज और पर्यारण दोनों पर प्रभाव पड़ रहा हैं। गाय का महत्व वैसे तो पूरी दुनिया में काफी है, लेकिन अगर भारत की बात की जाए तो प्राचीन काल से ही पूजा-पाठ से लेकर व्यवसाय तक गाय का बहुत ही ज्यादा महत्व रहा हैं। गाय को गौ माता कहें जानें वाले भारत में गाय की बड़ी क्रूरता से हत्या कर दी जाती है। पिछले कुछ महीनो से गायों की सुरक्षा को लेकर पूरे भारत में जोश की एक लहर देखी जा रही है। जिस पर कई राजनैतिक मुद्दे भी उठे लेकिन पशु क्रूरता की कहानी तो जैसे समाप्त होने का नाम ही नहीं ले रही। जबकि हम सभी जानते हैं कि, भारत में पशुओं की सुरक्षा के लिए जानवरों के प्रति क्रूरता की रोकथाम ''अधिनियम 1966'' को लाया गया था। ये जानते हुए भी पशुओं के प्रति क्रूरता निरंतर जारी है।
देशभर में गौहत्या पूर्ण रूप से बन्द हो, सड़कों पर कोई दुर्घटनाग्रस्त गोवंश व वन्य जीवों पर अत्याचार न हो इस हेतु कामधेनु सेना के संस्थापक श्री श्री 1008 महामण्डलेश्वर स्वामी कुशालगिरी जी महाराज द्वारा देश के सबसे बड़े संगठन कामधेनु सेना का गठन किया गया, जिसका उद्देश्य गौरक्षा, गौ सेवा, हिन्दूत्व, राष्ट्रहित, धार्मिक, जनहित जैसे मुद्दों पर कार्य करती है। देशभर के 5 लाख गोसैनिकों को तैयार करना व 2 लाख गौ सैनिकों को त्रिशूल दीक्षा देना है। संगठन द्वारा अब तक 25 हजार से अधिक गौ सैनिकों को त्रिशूल दीक्षा दी जा चुकी है। देशभर में संगठन द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में कामधेनु सैनिकों द्वारा गौरक्षार्थ, वन्य जीव हितार्थ कार्य किया जा रहा है।  
दिपेन्द्रसिंह ने कहा कि पशु कल्याण दिवस का विशेष उद्देश्य है कि, विलुप्त हो रहें और मारें जा रहें पशुओं की रक्षा करना। इसके साथ ही पशुओं के कल्याण के सन्दर्भ में विश्व पशु कल्याण दिवस का आयोजन करना और मानव से उनके संबंधो को मजबूत करना, लेकिन आज की दुनिया में मानव खुद जानवर बनता चला जा रहा है। एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक हर साल दुनियाभर में करीब 56 अरब जानवरों की हत्या कर दी जाती है, और हर सेकेण्ड में लगभग तीन हजार जानवरों की मृत्यु हो रही है।
इसके के लिए और कोई नहीं बल्कि मानव ही जिम्मेदार हैं। जानवरों की हत्या पर पाबंदी लगाने के लिए सरकार ने 'पेटा' जैसे कई कानून बनायें हैं, लेकिन इसके बावजूद लोग जानवरों की हत्या करने में एक बार भी नहीं सोचते और न ही डरते है। इन लोगो के प्रति सरकार को विशेष करवाई करनी चाहियें और दोषी पायें गए लोगों को दंड दिया जाना चाहिए। तभी हम पशुओं की रक्षा कर सकेंगे। 
भारत के 28 राज्यों में 10 राज्य ऐसे हैं जहां गाय, बछड़ा, बैल, सांड और भैंस को काटने और उनका मांस खाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। बाक़ि 19 राज्यों में गौ हत्या पर पूरी या आंशिक रोक है। प्रशासन के साथ-साथ कामधेनु सेना, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल जैसे कई विभिन्न संगठन भी गौ-हत्या को रोकने के लिए आगे आ रहें हैं। अगर सही समय पर सही कदम नहीं उठाया गया तो, गौ माता भी अन्य पशु-पक्षीयों के समाना लुप्त हो जायेगी। फिर इसका प्रभाव पर्यावरण और समाज पर पड़ेगा। जिससे हमें ऐसे गंभीर परिणाम भुगताने पड़ेगें, जिसके बारें में हम कभी कल्पना भी नहीं सकतें।
कामधेनु सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिपेन्द्रसिंह राठौड़ ने बताया कि गाय को राष्ट्र माता का दर्जा देकर गौहत्या पूर्ण रूप से बन्द होनी चाहिए। 4 अक्टूबर को पूर्ण रूप से सम्पूर्ण देशभर में मांस इत्यादि की खुली नहीं रहनी चाहिए, यदि कोई मांस की दुकान खोलता है तो उसके विरूद्ध कठोर कार्यवाही होनी चाहिए तभी हमारा सही रूप में विश्व पशु कल्याण दिवस मनाना सार्थक होगा।
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