बाड़मेर /सुरेंद्र सिंह चान्देसरा
बाड़मेर रेलवे स्टेशन के बाहर की तरफ बने टैक्सी स्टैंड को नगर परिषद ने हटाने हुए टैक्सी (थ्री व्हीलर) हिदायत दी थी कि यहां पर टैक्सी खड़ी नहीं करें। नगर परिषद व ट्रैफिक पुलिस शुक्रवार को खड़ी टैक्सियों हटाने पहुंचे तो टैक्सी ड्राइवरों का गुस्सा फूट गया। नगर परिषद के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। टैक्सी ड्राइवर व यूनियन के पदाधिकारी एकत्रित होकर जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर को ज्ञापन दिया।
दरअसल, बाड़मेर रेलवे स्टेशन के बाहर की तरफ ट्रेन आने के बाद वाहनों को जाम लग जाता है। इस दौरान कभी कभार तो लंबी-लंबी लाइनें लग जाती है। इसके चलते नगर परिषद ने टैक्सी को स्टैंड को हटाने को लेकर दो दिन पहले हिदायत दी थी। टैक्सी यूनियन का कहना है कि यह टैक्सी स्टैंड दो दशक पुराना है।
शुक्रवार को जब नगर परिषद व ट्रैफिक पुलिस टीम को टैक्सियों को हटाने के लिए पहुंचे तो टैक्सी यूनियन नारेबाजी करने लगी गई। टैक्सी ड्राइवर व यूनियन के पदाधिकारी कलेक्ट्रेट पहुंच गए। कलेक्टर को ज्ञापन देकर प्रशासन के खिलाफ रोष प्रकट किया। टैक्सी स्टैंड को यथावत रखने की मांग की।
टैक्सी यूनियन के उपाध्यक्ष रावतसिंह ने बताया कि करीब 30 वर्षों से स्थापित टैक्सी स्टैंड को नगर परिषद और रेलवे द्वारा हटाया जा रहा है, जो रिक्शा ड्राइवरों के साथ कुठाराघात है। इनके अनुसार करीब 200 से अधिक टैक्सी ड्राइवर रेलवे स्टैंड के माध्यम से अपने परिवार का गुजारा करते हैं। इस स्टैंड के हटाए जाने के बाद करीब 2 हज़ार रिक्शा चालकों के परिवारों पर बेरोजगारी का संकट छा जाएगा।
टैक्सी ड्राइवर उमेद सिंह ने बताया कि नगर परिषद और डीटीओ द्वारा शहर में 16 टैक्सी स्टैंड स्थापित किए गए थे। इसमें से रेलवे स्टेशन टैक्सी स्टैंड भी शामिल था, लेकिन अब नगर परिषद ने टैक्सी स्टैंड के बोर्ड को उखाड़ कर फेंक दिया है। रिक्शा चालकों को हटाने की तैयारी में है, जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।