भारत-पाक बॉर्डर गांव में लोगों की अनूठी पहल:दलित दूल्हे की घोड़ी पर निकली बिंदौरी, स्वर्ण समाज के लोगों ने पकड़ी घोड़ी की लगाम, एसपी ने की सराहना




 बाड़मेर - सुरेंद्र सिंह चान्देसरा.

पश्चिमी राजस्थान में अब तक दलित दूल्हों को घोड़ी से नीचे उतारने की घटनाएं सामने आती रही थी। भारत-पाक बॉर्डर के गांव मते का तला गांव में दलित दुल्हा को स्वर्ण समाज के लोगों ने घोड़ी पर बिठाया। गांव के नबे सिंह व स्वरूपसिह खारा ने घोड़ी की लगाम पकड़कर बिंदौरी निकाली गई। इसका फोटो, वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर हर तरफ प्रशंसा हो रही है। बाड़मेर एसपी दीपक भार्गव ने स्थानीय वॉट्सऐप ग्रुप पर लिखा कि बहुत ही अच्छी, सकारात्मक व अनुपम उदाहरण, आपसी भाई चारे व सामंजस्य का अच्छा उदाहरण है।

दरअसल, भारत-पाक बॉर्डर के गांव मते का तला निवासी हाकमराम मेघवाल की बेटी रेखा की शादी कंटल का पार गांव के भीमाराम के साथ 18 फरवरी को होनी तय हुई थी। दूल्हे भीमाराम के परिवार ने बिंदौरी निकालने व घोड़ी पर बैठने की इच्छा जाहिर की थी। दुल्हन के पिता शिक्षक हाकमराम मेघवाल ने गांव के लोगों से बात की। गांव के लोगों ने कहा बिल्कुल निकालो, हम लोग भी शादी में शरीक होंगे। हाकमराम ने फिर दूल्हे को बिंदौरी निकालने की इजाजत दे दी। शुक्रवार की रात को जब कंटल का पार गांव से भीमाराम की बारात आई। गांव के स्वर्ण समाज के लोगों ने दूल्हे को घोड़ी पर बैठा कर, डीजे के साथ बंदोली निकाली। घोड़ी की लगाम को स्थानीय नबेसिह सोढ़ा व स्वरूपसिह खारा ने पकड़ कर गांव में बिंदौरी निकाली। सोशल मीडिया पर फोटो व पोस्त सामने आने के बाद इस पहल की हर कोई अब प्रशंसा कर रहा है।

शिक्षक हाकमाराम मेघवाल ने बताया कि शादी तय होने के बाद दूल्हे व उसके परिवार ने बिंदौरी घोड़ी पर निकालने की बात कही। दुल्हन की ओर से किसी ने मना नहीं किया। फिर मैंने गांव के लोगों नबेसिंह सोढ़ा व स्वरूपसिंह से बात की तो उन्होंने कहा बिल्कुल निकालो हम लोग भी शादी में आएंगे।

स्थानीय निवासी नबेसिह का कहना है कि दलित समाज को लेकर कई नकारात्मक बातें होती है। किसी जगह पर दलित दूल्हे को घोड़ी से नीचे उतार दिया या बैठने नहीं दिया गया। लेकिन, शुक्रवार रात को दलित दूल्हे बंदौली भी निकाली और हम लोग सामाजिक समरसता के साक्षी भी बने।

स्वरूपसिंह खारा ने बताया कि हमने दूल्हे को घोड़ी बैठा कर घोड़ी की लगाम निकाल गांव में बिंदौरी निकाली। जिसमें डीजे भी था। दूल्हे ने घोड़ी पर तोरण बांधने की रस्म अदायगी की। ऐसी पहल से जो नकारात्मक बातें चल रही है उसको विराम लगेंगा।

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