अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा सार्वजनिक शौचालय
मायलावास ग्राम पंचायत की अनदेखी, गंदगी से अटा सार्वजनिक शौचालय
*लाखो रुपये खर्च कर बनाया सुलभ शौचालय देखरेख के अभाव में बदहाल*
*ग्राम पंचायत को कई बार अवगत करवाने के बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है*
*मरुधर आईना ।
सिवाना । मायलावास ग्राम पंचायत की अनदेखी से स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियां उड़ रही हैं। मोकलसर चौराया पर यात्रियों के सुविधा के लिए बनाए गए सुलभ शौचालय में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। शासन प्रशासन द्वारा लगातार स्वच्छ भारत अभियान के तहत गांव गांव में अभियान चलाया जा रहा है। कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए स्वच्छता की सर्वप्रथम प्राथमिकता होती है परंतु ग्राम पंचायत की अनदेखी से शौचालय में गंदगी का अंबार लग रहा है। सार्वजनिक शौचालय में सफाई नहीं करवाने से उपयोग में नहीं आ रहा है जिसमें लोग जाने से लोग कतरा रहे हैं। शौचालय से उठने वाली दुर्गंध से आसपास के व्यपारियो का जीना हराम है। शौचालय में व्याप्त गंदगी के चलते अब उपयोग लायक नहीं रह गया है। लेकिन बार-बार शिकायत करने के बाद भी जिम्मेदारी इस ओर गंभीर नहीं है। स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए गंदगी का निराकरण शौचालय सहित हर गंदगी वाली जगह में करना चाहिए जिससे कि होने वाली बीमारियां से रोकथाम हो सके।
*सुलभ शौचालय लोगों के लिए बना परेशानी का सबब*
मोकलसर चौराये पर बना सार्वजनिक शौचालय लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। इस शौचालय के चारों और गंदगी फैली हुई है। यहाँ से निकलती दुर्गन्ध से आस पास के दुकानदार बेहद दुखी है। यहाँ तक की उनका व्यापार भी इस से प्रभावित हो रहा है। अगर इस शौचालय को देखेंगे तो इस में न तो कोई दरवाजा है और न ही सफाई की कोई उचित व्यवस्था। शौचालय में दरवाज़ा न होने के कारण कई बार शौचालय के सामने से गुजरती महिलाओं को शर्मसार होना पड़ता है।
शौचालय की गंदगी से प्रभावित रोष प्रकट व्यापारियों ने कहा कि शौचालय से लगातार गंदगी का रिसाव सड़क पर हो रहा है। जिसके चलते मुख्य सड़क पर गंदगी फ़ैल रही है। यही नहीं शौचालय से निकलती दुर्गन्ध से दुकानों में बैठना मुश्किल हो गया है। आस पास खाने पीने की दुकाने भी है लेकिन दुर्गन्ध के कारण ग्राहक यहाँ आने से कतराते है वहीँ मक्खियों मच्छरों से बीमारियाँ फ़ैल रही है।
*लाखो रुपये खर्च कर बनाया सुलभ शौचालय देखरेख के अभाव में बदहाल*
मायलावास ग्राम पंचायत की ओर से चौराहा पर आम लोगों की सुविधा को ध्यान में रखकर लाखों रुपए की लागत से सार्वजनिक शौचालय बनाया गया है, लेकिन देखरेख के अभाव में शौचालय का बुरा हाल है। शौचालय में इतनी गंदगी पसरी है लोग यहां कदम रखना भी पसंद नहीं करते हैं। जिससे व्यापारियों के साथ दूर दराज से आने वाले पर्यटकों को खासी परेशानी हो रही है ऐसे में लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं। इसके बावजूद ग्राम पंचायत सफाई पर ध्यान नहीं दे रही हैं। इसके चलते व्यापारियों में काफी रोष है। यहां जगह-जगह लगे गंदगी के ढेर स्वच्छता अभियान की पोल खोल रहे हैं। बालोतरा - मोकलसर से जालोर सहित गुजरात को जोड़ने वाले नेशनल हाइवे 325 पर स्थित मोकलसर चौराया पर दर्जनों गांवों से लोग यहाँ आते जाते रहते है। यात्रियों की सुविधा के लिए चौराहे पर बना सार्वजनिक सुलभ कॉम्पलेक्स दुर्दशा का शिकार, जर्जर हालात और गंदगी से अटा पड़ा है। केंद्र सरकार सफाई के नाम पर हर वर्ष ग्राम पंचायत को लाखों रुपए का बजट देती है। इसके बावजूद भी ग्राम पंचायत की ओर से कोई साफ-सफाई का प्रावधान नहीं कर रही हैं। शौचालय में गंदगी से आसपास के दुकानदारों का रहना दूभर हो गया है। इसके अलावा यहां से गुजरने वाले राहगीरों ग्रामीण को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मायलावास ग्राम पंचायत ने चौराहे के बीच महिला तथा पुरुष शौचालय का निर्माण कराया गया है, जिससे आने वाले लोगों को इसका लाभ मिल सके, लेकिन शौचालय बनने के बाद से नियमित देखरेख में इसका लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है।
*दर्जनों गांवों के लोग आते है खरीदारी को, सुविधा के लिए बना एकमात्र शौचालय भी नही के बराबर*
सार्वजनिक स्थलों पर खड़े होकर पेशाब करना क्षेत्र की एक बड़ी समस्या बन गई है। हालत यह है कि घर से बाहर निकलें और पेशाब करने की जरूरत पड़ जाए तो सड़क के किनारे खड़ा होने के सिवा कोई दूसरा चारा भी नहीं है। नतीजतन आम लोग पूरे क्षेत्र का ही इस्तेमाल यूरिनल के रूप में करते हैं। कहीं भी किसी भी सड़क के किनारे मजबूरीवश लोग अपनी शंकाए मिटा लेते हैं। सबसे बड़ी समस्या तो महिलाओं के साथ है। लोक-लाज के चलते ये सड़क के किनारों का इस्तेमाल कर नहीं सकती हैं। कई बार महिलाओं को अपना काम आधा-अधूरा छोड़कर ही घर वापस लौट जाना पड़ता है।
*महिलाओं को होती है सबसे अधिक परेशानी*
खुले में शौच करने के चलते आसपास बदबू का तो माहौल रहता ही है, साथ ही यहां से महिलाओं का गुजरना भी मुश्किल हो जाती है। चौराहे पर सार्वजनिक शौचालय की साफ-सफाई नही होने के कारण सड़क किनारे लोग खुले में ही शौच करने को मजबूर है, ऐसे में महिलाएं कुछ दूर ही खड़ी हो जाती है और शर्म के मारे यहां से गुजर भी नहीं पाती है। शौचालय में सुविधा के अभाव में क्षेत्र के लोगों को खासी परेशानी हो रही है। पर प्रशासन व ग्राम पंचायत ऐसे मुद्दे से बेखबर है।
*ग्राम पंचायत को कई बार अवगत करवाने के बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है*
ऐसा नही है कि इस सम्बंध में ग्राम पंचायत को जानकारी नही है। दुकानदारों द्वारा कई बार ग्राम पंचायत को मौखिक रूप से अवगत करवाया गया पर समस्या आज भी जस के तस ही हैं। अब इसे सफाई कर्मचारियों की ढीलाई कही जाए या फिर ग्राम पंचायत की अनदेखी।