मां बोली, घर आकर बेटे को बेईज्जत करते थे सूदखोर:25 प्रतिशत ब्याज वसूलते थे, लोन चुकाने पर भी बाइक, कार छीन ली, मेरा जवान बेटा चला गया; कैसे चुकाऊंगी होम लोन

मृतक सुरेन्द्र की 4 माह की बेटी रितिका।


 साहब; उसने ऐसे लोगों से रुपए उधार ले रखे थे जो उससे 20 से 25 प्रतिशत तक ब्याज वसूलते थे। पति की मौत के बाद आए रुपयों में से करीब 18 लाख रुपए ब्याज सहित सूदखोरों के चुकाने के बाद भी उन्होंने मेरे बेटे का पीछा नहीं छोड़ा। हर दूसरे दिन घर आ जाते थे। गली वालों के सामने उसे गालियां देते, बेइज्जत करते। किसी ने उसकी बाइक, किसी ने कार तो किसी ने उसका मोबाइल तक छीन लिया। वह बहुत परेशान हो चुका था। इतना कहते हुए मुन्नीदेवी रोने लगी, बोली; मेरा तो जवान बेटा सूदखोरों के जुल्मों का शिकार होकर दुनिया छोड़ गया। मकान पर भी 16 लाख का लोन ले रखा है। अब मैं बूढ़ी औरत कैसे मकान का लोन चुकाऊंगी। पुलिस मेरे बेटे को मुझ से छीनने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। इतना कहते ही वह फिर से रोने लग गई। आगे कुछ नहीं बोल सकी।


ज्ञात रहे कि जनता कॉलोनी निवासी सुरेन्द्रसिंह पुत्र धनसिंह चौहान ने सूदखोरों से परेशान होकर 8 मार्च को जहर खा लिया था। 9 मार्च को जोधपुर में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। सुसाइड नोट में सुनील प्रजापत, इरशाद, नितेश पुरी व अमित शर्मा को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया। मामले में पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्जकर जांच शुरू कर दी है।

पति सुरेन्द्र की मौत के बाद से माया की हालत बिगड़ गई। 


पति की अकाल मौत से बिगड़ी पत्नी की तबीयत, चार माह की बेटी का पड़ोसी रख रहें ध्यान
30 वर्षीय पति सुरेन्द्र सिंह के सुसाइड करने के बाद से पत्नी माया की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। रो-रो कर उसकी तबीयत इतनी खराब हो गई कि डॉक्टर के पास ले जाना पड़ा। घर में वह बेसुध सी पड़ी है। उनकी चार माह की बेटी रितिका को पड़ोसी ध्यान रख रहे हैं।

पढ़िए क्या लिखा सुरेन्द्र ने सुसाइड नोट में

दो पेज के अपने सुसाइड नोट में सुरेन्द्र ने लिखा कि उसने नितिश पुरी से 65 हजार रुपए लिए। एक लाख 65 हजार चुकाने के बाद भी वह 20 हजार और मांग रहा है। सुनीश प्रजापत (शान) से 40 हजार लिए चुकाने के बाद भी 15 हजार ब्याज के और मांग रहा है। अमित शर्मा से 15 हजार रुपए लिए मूल रकम चुकाने के बाद भी 20 हजार और मांग रहा है। सुसाइड नोट में लिखा कि 20 से 25 प्रतिशत उससे ब्याज वसूला जा रहा था। इसके साथ ही उसने 12 हजार 500 रुपए इरशाद से उधार लिए जिसके बदले उसने उसकी बाइक रख ली। वह उसकी मां को दी जाए। इन चारों को उसने अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया।

20 हजार नहीं चुकाए तो कार रख ली
सुरेन्द्र की मां ने बताया कि ड्यूटी के दौरान उनके पति धनसिंह चौहान की 9 अप्रैल 2014 को मौत हो गई। उनकी जगह अनुकम्पा नियुक्ति सुरेन्द्र को मिली। पति की मौत के बाद जो पैसे आए उससे कई सूदखोरों का बकाया हिसाब किया। उन्होंने बताया कि सुरेन्द्र ने 4 लाख में एक पुरानी कार फाइनेंस पर ली थी। उसे ठीक करवाने एक मिस्त्री को दी। 20 हजार के करीब खर्चा आया। उसके बदलने उसने वह कार रख ली।

2018 में हुई थी शादी
सुरेन्द्र की शादी 18 अप्रैल 2018 में पाली के केशव नगर निवासी माया कंवर से हुई थी। चार माह पहले ही सुरेन्द्र के घर में बेटी रितिका ने जन्म लिया था। घर में खुशी का माहौल था लेकिन सुरेन्द्र की गलत लोगों से दोस्ती व ऐश-मौज की आदत के चलते 20-25 प्रतिशत ब्याज दर पर रुपए उधार लेने के कारण वह सूदखोरों के जाल में ऐसा फंसा की फिर बाहर नहीं निकल सका।

सूदखोरों पर कार्रवाई को लेकर पुलिस-प्रशासन मौत

पाली में माफिया की तरह सूदखोर काम कर रहे हैं जो 15 से लेकर 40 प्रतिशत ब्याज पर लोगों को अवैध रूप से रुपए उधार देते हैं। ये अपने पास गुर्गे भी रखते हैं। समय पर ब्याज सहित रुपए नहीं चुकाने पर उनके घर तक जाकर सबके सामने उन्हें बेइज्जत करना, उनकी गाड़ी उठाकर ले आना इनके लिए आम बात है, लेकिन फिर भी शहर में अवैध रूप से ब्याज का गौरखधंधा चला रहे इन सूदखोरों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कोई कदम नहीं उठाती। पुलिस का हर बार रटा रटाया जवाब आता है कि अगले ने रुपए उधार लिए थे चुकाने तो पड़ेंगे ही।

ऊंची ब्याज दर वसूलने के लिए सूदखोरों को पुलिस ने कभी दोषी नहीं माना। हर साल सूदखोरों से परेशान होकर औसत 10 लोग जान देर रहे हैँ। फिर भी पुलिस-प्रशासन इन पर लगा लगाने के लिए कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जिला लोक अभियोजक डॉ चंद्रभान सिंह राजपुरोहित ने बताया कि ब्याज पर लोनिंग का काम करने के लिए लाइसेंस लेना जरूरी होता है। यह मनी लैडिंग एक्ट में प्रावधान है। बिना लाइसेंस के काम करने पर शिकायत मिलने पर सजा का प्रावधान भी है।



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