कच्चे घरों के झोपड़ों में लगी आग, जला सामान:3 मवेशी जिंदा जले, हवा की वजह से पास की ढाणियों को लिया चपेट में



 बाड़मेर जिले के सेड़वा सारला गांव में एक घर के झोपड़े में दोपहर बाद अचानक लग गई। तेज हवा की वजह से आग ने विकराल रूप ले लिया। आसपास के कच्चे घरों को भी चपेट में लिया। इन घरों से दो गैस के सिलेंडर भी फट गए। वहीं तीन मवेशी भी जिंदा चल गया। ग्रामीणों ने अपने स्तर पर करीब डेढ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। 5-7 ढाणियां जलकर राख हो गई। सूचना पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। जिला मुख्यालय पर सूचना देने के बाद फायर बिग्रेड पहुंचने से पहले ही ग्रामीणों ने आग पर काबू पा लिया।

सारला सरपंच मोहन सेंवर ने बताया कि सारला ग्राम पंचायत के शरणार्थियों की बस्ती में शाम 4 बजे कच्चे घर की रसोई झोपड़े में अचानक आग लग गई। इस दौरान इस घर में कोई नहीं था। झोपड़े में आग देखकर आसपास के लोग अपनी ढाणियों से बाहर निकल गए। आग बुझाने लगे, तेज हवा के चलते आसपास की कच्चें घर भी आग की चपेट में आ गई। करीब 5-7 कच्चे घरों में आग लग गई। इन ढाणियों में रखे दो सिलेंडर फट गए। ग्रामीणों ने पास की ट्यूबवेल से पानी का पाइप लाकर व रेत से भी आग पर काबू पाने का प्रयास किया। करीब डेढ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। सरपंच ने बताया कि तीन मवेशी जिंदा जल गए और चार मवेशियों को आग से निकालकर बचाया गया।

ढाणियों में रखा सारा समान जला
सरपंच के मुताबिक शरणार्थी बस्ती में कच्चे घर में काफी संख्या के लोग रह रहे है। इसमें से 6 कच्चें घरों में आग लग गई। ढाणियों में रखा घरेलू सामान व अनाज व बिस्तर सहित अन्य कीमती सामान भी जलकर राख हो गया है। पटवारी व सरपंच द्वारा सामान कितना चला है इसका आंकलन किया जा रहा है।

फायर बिग्रेड नहीं होने से होता है नुकसान
चौहटन उपखंड पर फायर बिग्रेड नहीं होने से कई बार छोटी आग को भी कंट्रेाल कर पाना मुश्किल होता है। फायर बिग्रेड को जिला मुख्यालय से बुलाना पड़ता है। मुख्यालय से चौहटन व आसपास के इलाको में फायर बिग्रेड पहुंचने में डेढ- दो घंटे लगते है। शनिवार को लगी आग पर भी स्थानीय लोगों ने कंट्रोल किया। फायर बिग्रेड समय पर पहुंची भी नहीं।

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