RLP के समर्थन के बाद RTI अमराराम की मांगे मानी:CM के बाड़मेर दौरे से पहले 5 लाख मुआवजा, संविदा पर नौकरी दी जाएगी


बाड़मेर -  RTI एक्टिविस्ट अमराराम एसओजी को जांच देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर जयपुर में धरने पर बैठा था। आरएलपी के समर्थन में उतरने के बाद शुक्रवार रात करीब 9-10 बजे लिखित में समझौते के बाद पीड़ित परिवार की मांगे मान ली गई है। पीड़ित अमराराम को मुआवजा 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दिया गया है। आरएलपी ने अपनी ओर से 5 लाख रुपए देने की घोषणा की। वहीं, पीड़ित या परिवार के एक सदस्य को संविदा पर नौकरी दी जाएगी। अब पूरे मामले की जांच एसओजी से करवाने का निर्णय हुआ है।

दरअसल, जयपुर के शहीद स्मारक 11 मार्च से अमराराम अपने पिता, पत्नी बच्चों सहित धरने पर बैठा था। अमराराम को न्याय दिलाने के लिए आरएलपी के तीन विधायक सहित नेता भी धरने पर बैठ गए। आरएलपी के समर्थन में आने के बाद दो दिन से सरकार ने वार्ता भी शुरू की। गुरुवार को मुख्य सचेतक महेश जोशी भी धरना स्थल पर पहुंच कर वार्ता की थी। वहीं चीफ सेक्रेटरी के साथ वार्ता भी हुई थी। वहीं, आरएलपी सुप्रीमों हनुमान बेनीवाल गुरुवार रात को धरना स्थल पर पहुंचकर अमराराम से मुलाकात की थी। शुक्रवार को फिर से सरकार व अधिकारियों के साथ वार्ता का दौर शुरू हुआ। कई दौर की वार्ता के बाद रात को समझौता हो गया। सीएम के बाड़मेर दौरे से 12 घंटे पहले अमराराम की मांगों पर सहमति जता दी गई।

दो दिन तक चला वार्ता का दौर

रालोपा के तीनों विधायक पुखराज गर्ग, नारायण बेनीवाल, इंदिरा बावरी अपने समर्थको के साथ धरने पर बैठ गए थे। बीते चार दिनों से पीड़ित के साथ विधायकों का भी धरना चल रहा था। सीएम 2 अप्रैल को बाड़मेर आ रहे थे। अमराराम मामले में मांगे नहीं माने जाने से आरएलपी नाराज थी और बाड़मेर में सीएम के विरोध की चेतावनी दी थी। इसके बाद सरकार ने शुक्रवार द देर रात फिर से चीफ सेक्रेटरी के साथ वार्ता पर बुलाया। इस पर पीड़ित के पिता और आरएलपी विधायकों के साथ वार्ता हुई। इस पर पीड़ित अमराराम को 5 लाख रुपए आर्थिक सहायता, इसमे दो लाख रुपए पहले दिए गए है और 3 लाख अब और देगी। इसके अलावा अमराराम को संविदा पर नौकरी, मथुरादास माथुर जोधपुर, सवाई मानसिह अस्पताल जयपुर या एम्स जोधपुर इलाज में सरकार हर संभव मदद करेगी। पूरे मामले की जांच एसओजी से करवाने का निर्णय किया गया।

अब मामले की जांच SOG करेंगी

आरटीआई अमराराम ने गिड़ा पंचायत समिति की ग्राम पंचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजाकर किया तो उस पर 22 दिसंबर 2021 को हमला कर दिया था। इसमे से 4 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, जबकि 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया। पीड़ित ने आरोप लगाए कि षड्यंत्रकारियों को बचाया जा रहा है। सरकार ने मामले की जांच सीआईडी सीबी को दे दी थी। 2 माह तक सीआईडी सीबी ने जांच की। फिर षड्यंत्रकारियों को गिरफ्तार नहीं किया गया। इसके बाद सीआईडी सीबी से जांच पचपदरा पुलिस को दे दी।

आरएलपी ने बाड़मेर में सीएम को काले झंडे दिखाने का किया था ऐलान

अमराराम को न्याय दिलाने के लिए आरएलपी ने बाड़मेर सीएम दौरे के दौरान काले झंडे दिखाकर विरोध करने का ऐलान किया था। इसके बाद सरकार ने शुक्रवार देर रात तक घटनाक्रम चला और फिर लिखित में समझौता होने के बाद धरना समाप्त कर दिया।
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