अगर ऐसी औलाद हो तो भगवान किसी को औलाद न दे, पत्थर काटने वाले हथौड़े से मां के पैर तोड़े

अगर ऐसी  औलाद हो तो भगवान किसी को औलाद न दे, पत्थर काटने वाले हथौड़े से मां के पैर तोड़े

एक बेटे और बहू ने पकड़ा, दूसरे ने अधमरा किया; 2 साल पहले पिता का सिर फोड़ा




अलवर - अलर के बीबीरानी के खेड़ा गांव में मंगलवार को दो बेटों ने अपने मां-बाप को बुरी तरह पीटा। इस घिनौनी हरकत में दोनों बेटों की पत्नियां और बच्चे भी शामिल रहे। बेटों ने हैवानियत की हदें पार कर दीं। पत्थर काटने वाले हथौड़े से मां के पैरों पर एक के बाद एक पांच वार किए। बीच-बचाव में आए पिता को भी लात-घूसों से पीटा। घर में एक छोटी बेटी थी, वह मां-बाप की हालत देख रोने और कांपने लगी। जब बुजुर्ग पति-पत्नी को हॉस्पिटल ले जाया गया तो दर्द से तड़प रहे थे। बार-बार एक ही बात बोल रहे थे...भगवान ऐसी औलाद किसी को न दे...। अभी दोनों बुजुर्ग अलवर के जिला हॉस्पिटल में हैं। यहां 60 साल के उदयचंद और 55 साल की राजबाला का इलाज चल रहा है। हॉस्पिटल में जिस वार्ड में भर्ती है, वहां के आस-पास लोगों ने जब पूछा ये कैसे हुआ तो वे भी नहीं बता सके कि उनके ही बेटों ने पिटाई की।

लेकिन, जब बेटियां हॉस्पिटल पहुंचीं तो पूरी घटना बताई। इसके बाद जो खुलासे हुए तो 60 साल के पिता की आंख में भी आंसू थे। बहनें रो रही थीं क्योंकि ये लोग उन्हें भी धमकी दे चुके थे। इस घटना के बाद  रिपोर्टर ने जब पिता और बेटियों से बात की तो बताया कि ये पहली बार नहीं है। लेकिन, बेटों की इज्जत खराब नहीं हो इसलिए दोनों ने कभी किसी को नहीं बताया। बेटे तो दूर की बात दोनों बहू भी इन्हें पसंद नहीं करती है। जब झगड़े की वजह पूछी तो बताया कि झगड़ा केवल जमीन के एक बंटवारे का है। घर की बहुओं को लगता है कि जमीन बेटियों के नाम न कर दे, इसलिए आए दिन मारपीट करते रहते हैं। और, ऐसा पिछले 4 साल से चल रहा है।


पिता बोले- जिन्होंने मां के पैर तोड़ दिए वे किसके सगे हो सकते है


मेरे (उदयचंद) तीन बेटे और तीन बेटियां हैं। तीनों बेटियाें लक्ष्मी,बीना और मधु की शादी हो चुकी है। तीन बेटे दिलीप, हितेंद्र और परविंदर हैं। घर का बंटवारा किया हुआ है। इसलिए दिलीप और हितेंद्र अलग रहते हैं। पास में ही परविंदर का मकान है। दिलीप और हितेंद्र कारपेंटर हैं, दोनों का व्यवहार हमें अच्छा नहीं लगता है। इसलिए हम सबसे छोटे बेटे परविंदर के साथ ही रहते हैं। वो खेती-बाड़ी करता है। 4 साल पहले मैंने तीनों बेटियों की शादियां कर दी थी। तब तक सबकुछ सही चल रहा था। लेकिन, इसके बाद दिलीप (32) और हितेंद्र (28) के साथ इनकी पत्नियों का व्यवहार बदलने लगा। बात केवल जमीन की है। गांव में मेरी करीब 8 बीघा जमीन है। जो दिलीप और हितेंद्र ने अपने नाम पहले से करवा दी थी। अब इसी जमीन में से करीब 2 बीघा हिस्सा बचा है। इनकी पत्नियों ने दिमाग में ये डाल दिया था कि कहीं हम लोग बाकी बची जमीन अपनी बेटियों को न दे दें। जबकि मेरे और पत्नी के मन में ऐसा कुछ नहीं था। इसी बात को लेकर पिछले 4 साल से विवाद चल रहा था। लेकिन, हमें पता नहीं था कि मेरे ही बेटे और बहू हैवानियत की हदें पार कद देंगे और इतना बुरी तरह से पीटेंगे कि हमें हॉस्पिटल में आना पड़ेगा।


राजबाला से उसके बेटे पहले भी मारपीट कर चुके हैं। लेकिन, बदनामी के डर से किसी को नहीं बताया।


सुबह आए और कहने लगे- आ आज इनका इलाज करते हैं

रविवार 25 जून को भी इसी जमीन को लेकर विवाद हुआ था। मैंने इन्हें समझाया भी कि ऐसा कुछ भी नहीं है। लेकिन, इन्होंने उस दिन भी हम दोनों के साथ मारपीट की। मामला इतना बढ़ गया कि मुझे सोमवार को थाने जाना पड़ा और दोनों बेटों की शिकायत की। इस दौरान एक पुलिस वाला आया और कुछ देर रुक दोबारा चला गया। सोमवार रात तक सबकुछ सही था। हम लोग परविंदर के यहीं रहते हैं। मंगलवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे थे। परविंदर खेत में गया हुआ था। पत्नी राजबाला चाय बनाकर लाई थी। मेरे हाथ में चाय का ग्लास था। एक घूंट भी नीचे नहीं उतरा था कि हितेंद्र चिल्लाते हुए आया। कहने लगा- आ दिलीप आजा...आज इनका इलाज करते हैं। इतने में दोनों बेटे और उनकी पत्नियों के साथ उनके बच्चे भी आ गए। दिलीप और उसकी पत्नी मेरी पत्नी के हाथ पकड़ लिए और हितेंद्र हथौड़ा लेकर आया। घर के आंगन में पत्थर काटने वाला हथौड़ा पड़ा था। वजन करीब 5 किलो का होगा। उसने एक बार भी नहीं सोचा कि जिस पर वह हमला कर रहा है वह उसकी मां है। और, मेरी आंखों के सामने 5 बार उसके पैर में वार कर दिया। हर वार पर मेरी पत्नी चिखती रही और चिल्लाती रही लेकिन उनके चेहरे पर शिकंद तक नहीं थी। मैं बीच-बचाव करने आया तो मेरे बेटों ने मुझे भी लात-घूसों से पीटा।

पिता उदयचंद को भी बेटों ने लात-घूसों से पीटा था। वे भी हॉस्पिटल में एडमिट है। दो साल पहले भी पिता का सिर फोड़ चुके हैं।


4 साल से पीटते आ रहे हैं, बेटों ने पीटा, लोगों को बोला- एक्सीडेंट में सिर फूटा

हमारे (बेटी बीना) मां-बाप के साथ पहली बार ऐसा नहीं हुआ है। मेरे भाइयों का व्यवहार पिछले 4 साल से चल रहा है। पहले छोटी-मोटी कहासुनी होती थी। उनके मन में इस बात का गुस्सा था कि माता-पिता ने जमीन उनके नाम नहीं की। इसलिए फर्जी तरीके से जमीन नाम करवा ली। कई बार घर में जमीन विवाद को लेकर धक्का-मुक्की करते थे, गालियां देते थे। लेकिन, पिछले 2 साल से मारपीट पर उतर आए। दो साल पहले की बात है कि दिलीप जमीन बंटवारे को लेकर इतना बिफर गया कि पिता के सिर पर फर्सी (खेत में फसल काटने वाले औजार) से वार कर घायल कर दिया था। इसके बाद उन्हें जयपुर ले गए और इलाज करवाया। लोग दोनों बेटों की हंसी नहीं उड़ाए इसलिए पिता ने किसी को नहीं बताया कि उनके बेटे ने सिर फोड़ा है। सभी को ये ही कहा था कि एक्सीडेंट में सिर फूट गया। लेकिन, हम आज ये हकीकत बता रहे हैं कि सिर मेरे भाई ने फोड़ा था। मुझे कहने में भी शर्म आती है कि इस मारपीट में मेरे बेटों तो क्या उनकी पत्नियां और बच्चे तक शामिल थे।

ये उदयचंद की दोनों बेटियां बीना और लक्ष्मी है। दोनों ने बताया कि उनकी भाभी भाइयों को भड़काती थी।


दोनों बहू भड़काती थी, मां के कपड़े तक फाड़ दिए

बेटी लक्ष्मी ने बताया- दिलीप और हितेंद्र की पत्नी दोनों को भड़काती थी। वह कहती थी अपना व्यवहार अच्छा नहीं है। ऐसे में ये जमीन बेटियों के नाम नहीं कर दे। इनकी हालात ये थी कि ये अपने सास और ससुर को खाना डालना तो दूर की बात इनकी शक्ल देखना तक पसंद नहीं करती थी। मां को मां तक नहीं मानते थे। लोगों के सामने इज्जत उतार देते थे। इसलिए दोनों सबसे छोटे बेटे परविंदर के पास ही रहते थे। हम भी पीहर आते तो परविंदर के यहीं जाते हैं। कई बार तो लोगों के सामने गाली-गलौज की और कपड़े तक फाड़ दिए। उन्होंने बताया कि दिलीप के दो बेटे और हितेंद्र के एक बेटा एक बेटी है। लेकिन, जब हमारे मां-बाप के साथ मारपीट होती थी तो इनके बच्चे भी पीछे नहीं रहते थे।


ये दोनों बेटे जिन्होंने अपनी मां के पैर तोड़ दिए और पिता को भी पीटा। अब दोनों पुलिस की हिरासत में है।



बेटों की पिटाई से बचने के लिए 15 लाख दे चुका, 3 दिन से कर रहे थे पिटाई

पिता ने बताया पिछले तीन दिनों से दोनों बेटे मारपीट करते आ रहे हैं। इन तीन दिनों में अपनी मां को भी पीटा। मारपीट को लेकर हालात ये है कि कभी भी ये परविंदर के घर आ जाते और मां को भी पीटने लग जाते। हम दोनों के साथ धक्का-मुक्की करते और थप्पड़ मार देते थे। थोड़ा विवाद बढ़ता तो लात-घूसों से पीटने लगते। इस झगड़े से बचने के लए मेरे पास जो रुपए होता वो दे देता और इन्हें रवाना करता। इन 4 सालों में मैं इन्हें 15 लाख रुपए दे चुका हूं।

बेटियों को भी धमकी, गांव आई तो बुरा बर्ताव होगा

घटना की जानकारी मिलने के बाद उदयचंद और राजबाला की तीनों बेटियां हॉस्पिटल पहुंची। इनमें सबसे छोटी बेटी बीना किसी कंपनी में काम करती है इसलिए मां-बाप के साथ ही रहती है। बेटियों ने बताया कि मारपीट के बाद दिलीप और हितेंद्र ने तीनों को कॉल किया और धमकाया कि मां-बाप के पास कोई नहीं आएगा। यदि गलती से भी आ गए तो उनके साथ भी ऐसा ही बर्ताव होगा। बेटियों ने आरोप लगाया कि दोनों भाई खुद के भांणेज को भी मारने तक की धमकी दे चुके हैं। बेटियों ने बताया कि कई बार हमारे सामने भी मां-बाप को पीटा है। यह हमसे भी देखा नहीं जाता। जब टोकते हैं तो भाई-भाभी उन्हें धमकाने लगते हैं। घर की बहूएं अपने ससुर को कुछ नहीं समझती।


इस मारपीट में उनका हाथ भी टूट गया। बेटियों ने बताया कि राजबाला की दोनों बहू उनकी शक्ल देखना तक पसंद नहीं करती थी।


अब उस घर में जाने से डर लगता है, एम्बुलेंस का पीछा करते बोले-छोडे़ंगे नहीं

मुझे अब उस घर में भी जाने से डर लगता है। सोचता हूं यदि वहां गया तो मुझे मेरे बेटे ही जिंदा मार देंगे। इनकी हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि जब हमें हॉस्पिटल लेकर आ रहे थे तो एम्बुलेंस का पीछा किया। यहां भी पीछा करते हुए धमका रहे थे कि दोनों को छोड़ेंगे नहीं। पुलिस भी इनका कुछ नहीं कर सकी। बेटों से परेशान होकर थाने में 4 बार शिकायत दी। लेकिन पुलिस ने आरोपी बेटों के खिलाफ एक बार भी कार्रवाई नहीं की। इसलिए भी उनकी हिम्मत बढ़ गई थी कि पुलिस उनका क्या बिगाड़ लेगी। सोमवार को शिकायत के बाद यदि पुलिस कोई एक्शन ले लेती तो आज हमें ये दिन नहीं देखना पड़ता। वहीं इस मामले में थाने के एसएचओ धारा सिंह ने बताया कि पहले क्या मामला था मेरे ध्यान में नहीं है। लेकिन, मंगलवार को हुई घटना की किसी ने शिकायत नहीं दी। इसके बाद भी जब हमें जानकारी मिली तो थाने के स्टाफ को भेजा गया और बयान लिए गए। इधर, देर शाम को दोनों बेटों को हिरासत में भी ले लिया है।

पिता बोले- जिन्होंने मां के पैर तोड़ दिए वे किसके सगे हो सकते है

पिता इस घटना के बाद से परेशान है। साथ में डर भी है कि कहीं उनके बेटे उन्हें मार न दे। पिता ने बताया कि उनके दोनों बेटे दोषी है। उन्हें बख्शा नहीं जाए। जिन्होंने अपनी मां के पैर तोड़ दिए वे किसके सगे हो सकते हैं। जिस मां ने दुनिया दिखाई, अब वे ही अपनी मां को दुनिया में नहीं रहना देना चाह रहे। अब पुलिस दोनों बेटे व बहूओं को गिरफ्तार करे। हमें सुरक्षित किया जाए।

मां हॉस्पिटल में बेसुध, पैरों की हडि्डयां टूटीं

राजबाला के दोनों पैर तोड़ दिए गए हैं। हाथ भी टूट गया है। डॉक्टर्स ने बताया कि जब उन्हें हॉस्पिटल लाया गया तो पैर लटके हुए थे और खून बह रहा था। जब मेडिकल टेस्ट किए गए तो पता चला कि पैरों की हडि्डयां टूट चुकी हैं और मल्टीपल फ्रैक्चर है। ऐसे में पैरों का ऑपरेशन होगा और रॉड डाली जाएगी। बेटों की पिटाई से मां अब भी हॉस्पिटल् में बेसुध है।


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