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37 करोड रुपए की लागत से बनने वाली स्टेट हाईवे सड़क निर्माण में जगह-जगह लापरवाहीयो का अंबार

 

11 माह में 37 करोड़ की लागत से बनने वाली स्टेट हाइवे सड़क अभी बनी भी नहीं उससे पहले ही उखड़ने लगी,


बारिश के पानी से सड़क पर जगह-जगह हुए कटाव,

हादसे को निमंत्रण देते हुए घुमावदार मोड़ व कटाव,

37 करोड रुपए की लागत से बनने वाली स्टेट हाईवे सड़क निर्माण में जगह-जगह लापरवाहीयो का अंबार,

ग्राउंड रिपोर्ट 

फलोदी से निदर स्टेट हाईवे वाया कुचामन से सुरेरा सड़क 11 माह की अवधि पूरी होने के बाद भी बनकर नही हुई तैयार,



मारोठ:- कस्बे के निकटवर्ती गांवों से निकल रही फलोदी से नीदर वाया कुचामन, भूणी, सुरेरा स्टेट हाइवे -19 सड़क सुदृढ़ीकरण एवं चौड़ाईकरण कार्य साइन बार्ड पर लिखे अनुसार विभागीय स्वीकृत राशि 37 करोड रुपए एवं सड़क की कुल लंबाई सुरेरा से कुचामन 34 किलोमीटर है जिसका विभाग द्वारा मैसर्स हरदयाल कंस्ट्रक्शन कंपनी जयपुर को इस सड़क निर्माण का ठेका दिया हुआ है। साइन बोर्ड पर लिखे अनुसार कार्य निर्माण 6 अगस्त 2022 को  चालू किया गया और 6 जुलाई 2023  11माह में निर्माण पूर्ण करना था लेकिन निर्माण कार्य करवा रही फर्म यहां पिछले 11 महीने से ज्यादा समय से सड़क निर्माण कार्य करवा रही है । लेकिन अभी सड़क निमार्ण कार्य पूर्ण नही हुआ बल्कि बारिश की वजह से जगह जगह से उखड़ गई है और सड़क पर कई जगह कटाव लग गए है।



  ग्रामीणों का यह भी आरोप है अभी हुई फिलहाल बारिश में देखा गया  कि नवनिर्मित हो रही इस सड़क पर पानी निकासी के नाले और कटाव  क्षेत्र में सड़क को बहने से बचाने को लेकर पक्की दीवार का निर्माण कार्य नहीं करवाया गया है।जिसकी वजह से सड़क पर कई जगह कटाव लग गए है जो हादसों को निमंत्रण दे रहे है।

ग्रामीणों का आरोप है कि नवनिर्मित सड़क में कई जगह ऐसे खतरनाक घुमाव है जो भविष्य में काफी हानिकारक सिद्ध होंगे ग्रामीणों की मांग है कि विभाग द्वारा इन खतरनाक घुमाओ को कम करने का कार्य विभाग को करना चाहिए ताकि भविष्य के खतरों से बचा जा सके।



इनका कहना है:- 

समय अवधि में कार्य पूर्ण नहीं होने पर बकाया पेमेंट का 10 परसेंट पेलेंटी लगता है। और बारिश की वजह से सड़क पर जहा भी गड्ढे ओर कटाव हुआ है उसे तुरंत दुरुस्त करवाया जाएगा। कुचामन एक्शन को मैं तुरंत निर्देशित करता हूं कि वह मौके पर जाकर सड़क का निरीक्षण कर मुझे सूचित करें।

श्रीवास्तव सार्वजनिक निर्माण विभाग सुपेरिंटेंड इंजीनियर।


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