#आहोर #ओडवाड़ा आज घर टूटा तो बिलखने लगीं मां-बेटी, बोलीं-अब हम कहां रहेंगे:महिला हुई बेहोश
आज घर टूटा तो बिलखने लगीं मां-बेटी, बोलीं-अब हम कहां रहेंगे:महिला हुई बेहोश
हाईकोर्ट के आदेश पर चारागाह भूमि पर बने 150 मकानों को तोड़ रहे, पुलिस बोली- कोर्ट का आदेश है, हम कुछ नहीं कर सकते
कई नेता और जनप्रतिनिधि ने ट्वीट पर दी प्रतिक्रियाएं, क्या अब जिन्होंने कनेक्शन दिए और वह लोगो को बसने दिया उन पर कार्यवही होगी ?
जालोर(उजीर सिलावट) ओडवाड़ा गांव में 35 एकड़ ओरण भूमि पर बने 150 से अधिक मकान व कच्चे अतिक्रमण को हाई कोर्ट के आदेश पर हटाने को लेकर जिला प्रशासन सहित बड़ी संख्या में पुलिस जाप्ता मौके पर पहुंचा पुलिस को देखकर पूरा गांव अपने घरों को बचाने के लिए पुलिस के सामने धरने पर बैठ गए। ओडवाड़ा में 35 एकड़ ओरण भूमि में बने 150 से अधिक मकान व कच्चे बाडें हटाने को लेकर जिला प्रशासन व पुलिस का जाप्ता मौके पर पहुचा, जहा पर मकानों की दिवारो को गिराया गया।
यह है मामला, दो भाइयो का विवाद कई घर बेघर
ओड़वाड़ा की पूर्व सरपंच प्रमिला राजपुरोहित ने बताया कि करीब 3 साल पहले गांव के निवासी मुकेश पुत्र मुलसिंह राजपुरोहित व महेन्द्रसिंह पुत्र बाबुसिंह राजपुरोहित के बीच अपनी जमीन के बटवारे को लेकर विवाद हो गया जिसके बाद दोनों भाईयों में मामला इतना बढ गया कि मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया जिसके बाद दोनों भाईयों के जमीन के नाप हुऐ। जिसमें गांव के करीब कच्चे पक्के मकान ओरण भूमि में पाये गये। जिसके बाद कोर्ट के आदेश से 2022 व 2023 में कुछ कच्चे अतिक्रमण हटा दिये गये थे । अब फिर से कोर्ट के आदेश पर 150 से अधिक कच्चे मकान व 160 के करीब बाडें बंदी हटाने को लेकर गांव में मकानों को चिन्हित कर निशान लगाये थे। आहोर उपखण्ड अधिकारी शंकरलाल मीणा ने बताया कि इसमें कई लोगों ने न्यायालय से फिर से स्थगन आदेश भी ले रखा है, लेकिन गुरुवार को 138 चिन्हित पक्के निर्माण को हटाने की कार्रवाई की गई है। मीणा ने बताया कि गर्मी के मौसम को देखते हुए आवासरत किसी व्यक्ति को बेघर करने का प्रयास नहीं किया गया है। दीवारों को तोड़ा गया है। न्यायालय की पालना में कार्रवाई की गई है। आपको बता दें कि इस संबंध में 20 मई को प्रशासन की ओर से न्यायालय में जवाब पेश करना है।
ग्रामीणों से चला समझाइस का दौर
ओडवाड़ा ग्राम में हाई कोर्ट के आदेश पर जालोर, आहोर उपखंड अधिकारी तहसीलदार, पटवारी, ग्राम सेवक सहित कई अधिकारी पहुंचे तो ग्रामीणों ने मकान नहीं तोड़ने को लेकर विरोध दर्ज करवाया वही रास्ते को जाम कर धरने पर बैठ गए प्रशासन द्वारा कई बार ग्रामीणों को समझाया गया की हाई कोर्ट का आदेश है की ओरण भूमि में जो अतिक्रमण किया गया है उसको हटाया जाना है। आपके किसी प्रकार से जन हानी नहीं होगी लेकिन ग्रामीण नहीं माने पुलिस द्वारा ग्रामीणों को धरने से हटाने के लिए हल्का बल प्रयोग किया गया।
धरने पर बैठी महिलाओं के बीच बैठे पुरुष को पकड़ने को लेकर पुलिस व महिलाओं में हुई झड़प
अतिक्रमण के विरोध में धरने पर बैठी महिलाओं के बीच में एक पुरुष बैठा हुआ था जो महिलाओं से बातचीत कर रहा था। उसको पुलिस पकड़ कर ले जाने की कोशिश कर रही थी तो महिलाओं द्वारा पुरुष को बचाने के लिए पुलिस से भीड़ गई। पुलिस द्वारा हल्का बल प्रयोग करते हुए पुलिस ने पुरुष को पकड़ कर पुलिस वैन में बैठाया गया।
गांव में ओरण भूमि पर अतिक्रमण ध्वस्त किये
प्रशासन द्वारा पुलिस के की सुरक्षा में गांव की ओरण भूमि पर बनाएं गए कच्चे पक्के मकान, बाडे, चार दिवारी सभी को ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू की गई वहीं प्रशासन द्वारा घरों में लगे हुए विद्युत कनेक्शन भी कटवाए गए। अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया में कई सालों पहले बनाई गई दीवारें, कच्चे मकान कागज की पुड़िया की तरह ध्वस्त होते हुए दिखाई दिए अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया के दौरान गांव में लोगों की भीड़ नजर आई जिनके मकान ध्वस्त हो रहे थे उनके आंखों से आंसू बंद होने का नाम नहीं ले रहे थे लेकिन प्रशासन कोर्ट के आदेश को निभाने में लगा रहा।
अतिक्रमण हटाने के दौरान महिलाओं के निकले आंसू
आहोर उपखंड अधिकारी शंकर लाल मीणा तहसीलदार हितेश त्रिवेदी सहित प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा ओडवाडा गांव में अरुण भूमि में बसे हुए अवैध अतिक्रमण को हटाने की प्रक्रिया की जारी थी उसे दौरान ग्रामीणों के आंखों के सामने अपने कड़ी मेहनत की पूंजी से बनाए गए मकान धराशाई होते हुए देखकर महिलाओं के आंख से आंसू की धारा बह रही थी। कई महिलाएं रो-रो कर प्रशासन से गुहार लगा रही थी कि हमने बड़ी मेहनत से कड़ी कमाई से इन आसियानों का को बसाया है। आपसे निवेदन है कि इन्हें ना तोड़े लेकिन प्रशासन द्वारा एक न सुनते हुए अपने कार्य में लग रहे और महिलाएं रोती बिलखती रही। वही भीड़ को तितरबितर करने के लिए पुलिस ने किया बल प्रयोग वही कई युवकों को हिरासत में भी लिया गया।
एक मां की बेटी कि शादी से पहले उजड़ा आसियाना
ओडवाडा गांव में अतिक्रमण हटाने में एक मां बेटी का आशियाना भी उजड़ गया। आपको बता दें कि जिस मां बेटी का आशियाना उजड़ा है उस मां कि बेटी कि शादी एक महीने बाद होनी थी लेकिन शादी तो हुई नहीं उससे पहले आशियाना जरुर उजड़ गया। उजड़ते हुए आशियाने को देख कर मां बेटी रोती बिलखती रही लेकिन बुलडोजर चलता रहा। आशियाना उजड़ने से बेटी बेसुध होकर गिर गई। बेसुध होने कि खबर जब प्रशासन को मिली तो आनन फानन में एंबुलेंस बुलवाकर बेसुध हुई बेटी को गांव के राजकीय अस्पताल पहुंचाया जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद जालोर के राजकीय अस्पताल रैफर किया गया है।
कांग्रेस पदाधिकारीयों ने अतिक्रमण स्थलों का लिया जायजा
ओडवाडा गांव में ओरण भूमि पर बने मकानों पर कार्रवाई की जानकारी मिलने पर पीसीसी सदस्य उमसिह चान्दराई, कांग्रेस जिला अध्यक्ष भंवरलाल मेघवाल मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों से मुलाकात कर हटाएं गए अतिक्रमण स्थलों का जायजा लेकर बे घर हुए लोगों को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया वही उचित न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस आपके साथ है।
विधायक राजपुरोहीत ने मुख्यमंत्री से मिलकर ओडवाडा गांव को उजड़ने से रुकवाया
जालौर के ओडवाडा गांव के मामले को लेकर आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित गुरुवार को अल सुबह जयपुर में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मिलकर ग्राम ओडवाडा के विषय को लेकर ज्ञापन सौंपा एवम् मुख्यमंत्री शर्मा को पूरा ब्रीफ करके बताया और संवेदनशील मुख्यमंत्री ने तुरंत इस विषय को लेकर अधिकारियों से बात की और ओडवाड़ा ग्रामवासियों को बेघर कर रहे प्रशासन को ओडवाड़ा गांव को उजड़ने से रुकवाया गया, इस विषय को लेकर विधायक राजपुरोहित ने सोशल मीडिया अकाउंट पर आश्वस्त करते हुए ट्विट किया कि आगे हमारा प्रयास रहेगा कि ओडवाडा ग्रामवासियों से मिलकर एवम् उन्हें साथ लेकर न्यायालय में कानूनी लड़ाई लड़कर ओडवाडा ग्रामवासियों के हित में फैसला लाने का प्रयास रहेगा, इस मामले को लेकर विधायक राजपुरोहित ने 2021 से ओडवाड़ा गांव के हित में प्रयास किए और गांव को उजड़ने से रुकवाया भी था और कहा कि ओडवाड़ा ग्रामवासियों के हर सुख-दुःख में साथ हु तथा आज प्रशासन द्वारा ओडवाडा में महिलाओं-बुजर्गो के साथ बर्बरता एवम् अमानवीय व्यवहार किया है उसकी सकारात्मक कार्यवाही करवाने को लेकर क्षेत्रवासियों को आश्वस्त किया।
इनका कहना
हम न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हैं लेकिन ओडवाड़ा गांव में ओरण में अतिक्रमण को न्यायालय द्वारा 2 वर्ष पूर्व हटाने के लिए आदेश दिए गए थे। लेकिन कांग्रेस सरकार द्वारा गरीब लोगों को घर से बेदखल करने की बजाए मामले को यथास्थिति पर रखा, लेकिन आखिर भाजपा सरकार आते ही न्यायालय से आदेश होने पर ध्वस्त किए गए हैं। लेकिन प्रशासन को कार्रवाई करने से पहले लोगों के रहने और खाने की व्यवस्था करनी थी लेकिन नहीं की गई
उमसिह चान्दराई
पीसीसी सदस्य कांग्रेस
ग्राम ओडवाड़ा में माननीय उच्च न्यायालय जोधपुर के पी पी सिविल रिट पिटीशन 648/23 की पालना में आहोर तहसीलदार द्वारा चिन्हित किए गए हैं। आज उन्हें हटाने की कार्रवाई की जा रही है। माननीय न्यायालय को 20 तारीख को रिप्लाई पेश करनी है। इसलिए कार्रवाई की जा रही हैं। और जो कोई स्टे लिया हुआ है उन्हें प्रभावित नहीं करेंगे बाकी शांतिपूर्वक तरीके से कार्रवाई की जारी है। सुरक्षा की दृष्टि से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सहित प्रशासनिक अधिकारी मौजूद है। हमने किसी भी प्रकार की भेदभाव वाली नीति नहीं अपनाई गई है कोर्ट के आदेश की पालना करवाई जा रही है।
शंकर लाल मीणा
उपखण्ड अधिकारी आहोर
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