उद्घाटन में जा रहे जर्नलिस्ट जैसलमेर-हादसे में जिंदा जले
बस रुकवा कर स्टेशन से चढ़े थे, पत्नी अस्पताल में बिलखती रही
जैसलमेर - जैसलमेर हादसे में वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र सिंह चौहान (50) की भी जान चली गई। वे अपने दोस्त जैसलमेर केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज भाटिया के साथ पोकरण जा रहे थे। जहां दोनों को पोकरण में एक मेडिकल की दुकान के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होना था। हादसे में राजेंद्र सिंह की मौत हो गई, वहीं उनके दोस्त मनोज भाटिया गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनका जोधपुर में इलाज जारी है। परिचितों ने बताया- जिस बस में हादसा हुआ वह एयरफोर्स चौराहे से आगे निकल गई थी, जिसके बाद उन्होंने ड्राइवर को फोन किया और बस को रेलवे स्टेशन पर रुकवाकर वहां से बस में सवार हुए। कुछ देर बाद ही यह दर्दनाक हादसा हो गया, जिसमें चौहान की मौके पर ही मौत हो गई। वे मरू लहर अखबार में लंबे समय से काम कर रहे थे। जैसलमेर हादसे में वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र सिंह चौहान (50) की भी जान चली गई। वे अपने दोस्त जैसलमेर केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज भाटिया के साथ पोकरण जा रहे थे। जहां दोनों को पोकरण में एक मेडिकल की दुकान के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होना था। हादसे में राजेंद्र सिंह की मौत हो गई, वहीं उनके दोस्त मनोज भाटिया गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनका जोधपुर में इलाज जारी है। परिचितों ने बताया- जिस बस में हादसा हुआ वह एयरफोर्स चौराहे से आगे निकल गई थी, जिसके बाद उन्होंने ड्राइवर को फोन किया और बस को रेलवे स्टेशन पर रुकवाकर वहां से बस में सवार हुए। कुछ देर बाद ही यह दर्दनाक हादसा हो गया, जिसमें चौहान की मौके पर ही मौत हो गई। वे मरू लहर अखबार में लंबे समय से काम कर रहे थे।
सात भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर
परिचितों ने बताया- राजेंद्र सिंह चौहान सात भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर थे। उनके परिवार में पत्नी और दो बेटे हैं भव्यजीत सिंह की उम्र 17 वर्ष और हृदयांश की 12 वर्ष है। दोनों बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। उनके पिता बालकिशन सिंह चौहान का पहले ही निधन हो चुका था, और कुछ साल बाद मां का भी देहांत हो गया।
फुटबॉल-बास्केटबॉल के खिलाड़ी थे
पत्रकारिता के साथ-साथ राजेंद्र सिंह चौहान फुटबॉल और बास्केटबॉल के अच्छे खिलाड़ी रहे हैं। खेल भावना और सरल स्वभाव के चलते वे हर वर्ग में लोकप्रिय थे। उनके भाई महेंद्र सिंह चौहान मेडिकल व्यवसाय से जुड़े हैं और राजेंद्र सिंह भी समय-समय पर दुकान के कामकाज में मदद करते थे। उनके एक अन्य भाई देवी सिंह चौहान पूर्व पार्षद हैं।
2 पॉइंट में समझिए हादसा
राजस्थान के जैसलमेर में जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर मंगलवार दोपहर 3:30 बजे चलती एसी स्लीपर बस में आग लग गई। देखते ही देखते आग ने भीषण रूप ले लिया। बचने के लिए लोग आग का गोला बनी चलती बस से कूद गए। बस में 57 लोग सवार थे। हादसे में झुलसे यात्रियों को लोगों ने एम्बुलेंस से जैसलमेर के जवाहिर हॉस्पिटल पहुंचाया। प्राथमिक इलाज के बाद सभी को जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल और मथुरादास माथुर हॉस्पिटल रेफर किया गया। हादसे में 20 लोगों की मौत हो गई।
चश्मदीद ने बताया क्या थे मौके के हालात
मौके पर सबसे पहले पहुंचने वाले शराब ठेकेदार कस्तूर सिंह ने बताया- यहां पास ही में मेरा शराब का ठेका है। जैसे ही बस में आग लगी, मैं अपने साथियों को लेकर बस की तरफ दौड़ा। बस में इतनी तेज आग लगी थी कि हम पास भी नहीं जा पा रहे थे। हम कुछ नहीं कर पा रहे थे। इतने में एक लोकल ठेकेदार के पानी का टैंकर दिखाई दिया। वह आर्मी एरिया से आ रहा था। उसे आर्मी कैंट एरिया का ताला तोड़कर बाहर निकाला और बस की तरफ लेकर साथ-साथ दौड़े। इसके बाद भी बचाव नहीं कर पाए।
मिलिट्री JCB लेकर आई
शराब ठेकेदार कस्तूर सिंह ने बताया- इसके बाद मिलिट्री को किसी ने सूचना दी तो यहां मिलिट्री JCB लेकर आई। आर्मी ने JCB से बस का ताला तोड़ा। इसके बाद स्थानीय टैंकर से आग बुझाने के प्रयास किए। कस्तूर सिंह ने बताया- फायर ब्रिगेड को भी कॉल किया था, लेकिन 45 मिनट तक कोई फायर ब्रिगेड यहां नहीं आई। यहां से जैसलमेर करीब 9 किमी दूर है। कस्तूर सिंह का दावा है कि बस से 16 लोगों को ही बाहर निकाला गया। इसमें करीब 40 लोग और थे, जो अंदर ही जल गए हैं।