जालोर दुर्ग पर सड़क निर्माण को मिली हरी झंडी, दो साल बाद फिर शुरू होगी राह

 जालोर दुर्ग पर सड़क निर्माण को मिली हरी झंडी, दो साल बाद फिर शुरू होगी राह 



स्थानीयों ने कहा “देर आए दुरुस्त आए”, सरकार पर श्रेय लेने के आरोप तेज


जालोर (उजीर सिलावट) जालोरवासियों के लिए राहतभरी खबर आई है — लंबे समय से अटकी जालोर दुर्ग तक सड़क निर्माण की परियोजना को आखिरकार सरकार की स्वीकृति मिल गई है। लेकिन जहां एक ओर नागरिकों ने “देर आए दुरुस्त आए” कहकर संतोष जताया है, वहीं दूसरी ओर लोगों में सरकार की मंशा पर सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और नागरिकों का कहना है कि मौजूदा सरकार ने महज श्रेय लेने के लिए पुरानी परियोजना को फिर से शुरू किया है, जबकि इसकी नींव पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने रखी थी। जानकारी के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में 27 करोड़ रुपये की लागत से जालोर दुर्ग तक सड़क निर्माण की घोषणा की थी। वन विभाग की सहमति के बाद वन एवं पर्यावरण विभाग से स्वीकृति जारी हुई थी। इसके पश्चात वित्तीय मंजूरी, निविदा प्रक्रिया और कार्यादेश जारी कर दिए गए थे।

जालोर दौरे के दौरान इस परियोजना का शिलान्यास

3 जून को पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने जालोर दौरे के दौरान इस परियोजना का शिलान्यास किया था, और भैरूनाथ अखाड़ा के महंत गंगानाथजी महाराज के हाथों कार्य का शुभारंभ भी करवाया गया था। कार्यक्रम में जिला कलेक्टर और वन विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे। उस समय किसी प्रकार की तकनीकी आपत्ति नहीं उठाई गई थी। लेकिन भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद यह कार्य अचानक रोक दिया गया। स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि वन विभाग के ही एक अधिकारी द्वारा तकनीकी आपत्ति का बहाना बनाकर इस महत्वपूर्ण विकास कार्य को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

भाजपा सरकार ने केवल राजनीतिक कारणों से इसे रोक दिया

पूर्व अध्यक्ष, राज्य स्तरीय जन अभियोग निराकरण समिति पुखराज पाराशर ने कहा कि “यह परियोजना जनता के सपनों से जुड़ी थी, लेकिन भाजपा सरकार ने केवल राजनीतिक कारणों से इसे रोक दिया। अब जब जनदबाव बढ़ा, तो वही काम दोबारा शुरू कर श्रेय लेने की कोशिश की जा रही है।” लोगों का कहना है कि यही हाल जालोर मेडिकल कॉलेज परियोजना का भी रहा, जिसे कांग्रेस सरकार ने शुरू किया था, लेकिन भाजपा सरकार के आते ही काम रोक दिया गया, यहां तक कि शिलान्यास पट्टिकाएं तक हटा दी गईं।

जालोर दुर्ग सड़क निर्माण को वन विभाग की नई स्वीकृति मिल चुकी है

अब जब जालोर दुर्ग सड़क निर्माण को वन विभाग की नई स्वीकृति मिल चुकी है, नागरिकों ने सरकार से आग्रह किया है कि निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाए और मेडिकल कॉलेज की प्रक्रिया भी पुनः बहाल की जाए, ताकि जिले के युवाओं को शिक्षा और रोजगार के अवसर मिल सकें तथा मरीजों को उपचार के लिए बाहर न जाना पड़े। स्थानीय बुद्धिजीवियों का कहना है कि “ऐतिहासिक जालोर दुर्ग केवल हमारी शान ही नहीं, बल्कि जिले की पहचान है। इसके विकास में देरी प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम है।” अब जनता की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या सरकार इस बार सचमुच काम पूरा कराएगी, या फिर यह भी केवल राजनीतिक बयानबाजी बनकर रह जाएगा।

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