दीपावली के बाद सांचौर-चितलवाना के किसान सड़कों पर उतरेंगे!
10 सूत्रीय मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी
सांचौर (उजीर सिलावट) — सांचौर और चितलवाना क्षेत्र के हजारों किसानों ने दीपावली के बाद आंदोलन की चेतावनी दी है। किसानों का कहना है कि उनकी 10 सूत्रीय मांगों पर प्रशासन और विभागों ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। नाराज़ किसानों ने स्पष्ट किया है — "इस बार आश्वासन नहीं, कार्रवाई चाहिए। अगर दीपावली तक समाधान नहीं हुआ, तो आंदोलन तय है।"
कलेक्टर-MLA से हुई थी बातचीत, अब किसान बोले— "वक्त खत्म!"
27 अगस्त को जिला कलेक्टर और स्थानीय विधायक के साथ किसानों की वार्ता हुई थी, जिसमें सभी मांगें मानने का भरोसा दिया गया और 15 दिन का समय मांगा गया था। लेकिन किसानों के अनुसार, तब से अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई। अब किसानों का सब्र टूट रहा है।
मुख्य मांगें — बीमा, अनुदान और बिजली योजना पर घेराबंदी
किसान संघ के जिलाध्यक्ष छोगाराम चौधरी ने बताया कि प्रमुख मांगों में रबी 2022 का बकाया आदान अनुदान, रबी 2023 के 47 प्रतिशत फसल नुकसान की भरपाई, तथा रबी व खरीफ 2024 की पोस्ट हार्वेस्ट क्लेम राशि का त्वरित भुगतान शामिल है। साथ ही खरीफ 2024 के बरसम, प्रतापपुरा, विरोल और पथमेड़ा पटवार हल्कों में बीमा पॉलिसी स्वीकृत कर बीमा राशि का भुगतान भी किसानों की अहम मांग है।
बिजली विभाग पर गम्भीर आरोप — "स्मार्ट मीटर योजना धोखा है"
किसानों ने बिजली विभाग पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए कहा कि नई स्मार्ट मीटर योजना किसानों के साथ धोखा है। इसे चलाने वाली कंपनी ब्लैकलिस्टेड बताई जा रही है। एफ.आर.टी. टीमें सिर्फ कागजों पर सक्रिय हैं, जबकि जमीनी स्तर पर कोई सुधार नहीं दिख रहा। इससे किसानों को लगातार बिजली संकट झेलना पड़ रहा है।
अन्य मुद्दे भी शामिल
किसानों ने नर्मदा नहर से वंचित गांवों को लिफ्ट कैनाल से जोड़ने और चितलवाना तहसील के गांवों का गिरदावरी पोर्टल खोलने की भी मांग की है।
किसानों की चेतावनी: "दीपावली के बाद धरना तय"
किसानों का कहना है — "अब हम सिर्फ बात नहीं करेंगे। दीपावली तक समाधान नहीं मिला तो सांचौर और चितलवाना की सड़कों पर ट्रैक्टर और किसान उतरेंगे।" स्थानीय प्रशासन के लिए यह चेतावनी अब बड़ा इम्तिहान साबित हो सकती है।
10 सूत्रीय मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी
सांचौर (उजीर सिलावट) — सांचौर और चितलवाना क्षेत्र के हजारों किसानों ने दीपावली के बाद आंदोलन की चेतावनी दी है। किसानों का कहना है कि उनकी 10 सूत्रीय मांगों पर प्रशासन और विभागों ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। नाराज़ किसानों ने स्पष्ट किया है — "इस बार आश्वासन नहीं, कार्रवाई चाहिए। अगर दीपावली तक समाधान नहीं हुआ, तो आंदोलन तय है।"
कलेक्टर-MLA से हुई थी बातचीत, अब किसान बोले— "वक्त खत्म!"
27 अगस्त को जिला कलेक्टर और स्थानीय विधायक के साथ किसानों की वार्ता हुई थी, जिसमें सभी मांगें मानने का भरोसा दिया गया और 15 दिन का समय मांगा गया था। लेकिन किसानों के अनुसार, तब से अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई। अब किसानों का सब्र टूट रहा है।
मुख्य मांगें — बीमा, अनुदान और बिजली योजना पर घेराबंदी
किसान संघ के जिलाध्यक्ष छोगाराम चौधरी ने बताया कि प्रमुख मांगों में रबी 2022 का बकाया आदान अनुदान, रबी 2023 के 47 प्रतिशत फसल नुकसान की भरपाई, तथा रबी व खरीफ 2024 की पोस्ट हार्वेस्ट क्लेम राशि का त्वरित भुगतान शामिल है। साथ ही खरीफ 2024 के बरसम, प्रतापपुरा, विरोल और पथमेड़ा पटवार हल्कों में बीमा पॉलिसी स्वीकृत कर बीमा राशि का भुगतान भी किसानों की अहम मांग है।
बिजली विभाग पर गम्भीर आरोप — "स्मार्ट मीटर योजना धोखा है"
किसानों ने बिजली विभाग पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए कहा कि नई स्मार्ट मीटर योजना किसानों के साथ धोखा है। इसे चलाने वाली कंपनी ब्लैकलिस्टेड बताई जा रही है। एफ.आर.टी. टीमें सिर्फ कागजों पर सक्रिय हैं, जबकि जमीनी स्तर पर कोई सुधार नहीं दिख रहा। इससे किसानों को लगातार बिजली संकट झेलना पड़ रहा है।
अन्य मुद्दे भी शामिल
किसानों ने नर्मदा नहर से वंचित गांवों को लिफ्ट कैनाल से जोड़ने और चितलवाना तहसील के गांवों का गिरदावरी पोर्टल खोलने की भी मांग की है।
किसानों की चेतावनी: "दीपावली के बाद धरना तय"
किसानों का कहना है — "अब हम सिर्फ बात नहीं करेंगे। दीपावली तक समाधान नहीं मिला तो सांचौर और चितलवाना की सड़कों पर ट्रैक्टर और किसान उतरेंगे।" स्थानीय प्रशासन के लिए यह चेतावनी अब बड़ा इम्तिहान साबित हो सकती है।