Jalore : मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग से सार्वजनिक माफी और पद से हटाने की मांग, कांग्रेसियों ने तीन घंटे तक किया प्रदर्शन, मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

 सायला में गरबा विवाद पर सियासी तूफान


 मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग से सार्वजनिक माफी और पद से हटाने की मांग, कांग्रेसियों ने तीन घंटे तक किया प्रदर्शन, मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन



जालोर/सायला (उजीर सिलावट)। सायला उपखंड मुख्यालय पर मंगलवार को कांग्रेस नेताओं और विभिन्न समाजों के लोगों ने विधानसभा के मुख्य सचेतक और जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि गर्ग ने कांग्रेस नेता और जिला परिषद सदस्य रामाराम चौधरी का धार्मिक मंच पर अपमान किया था। इस घटना से आक्रोशित कांग्रेसियों ने तीन घंटे तक धरना-प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा और मांग की कि गर्ग को उनके पद से तत्काल बर्खास्त किया जाए तथा उनसे सार्वजनिक रूप से माफी मंगवाई जाए।

मामला कैसे भड़का

कांग्रेस नेताओं के अनुसार, सायला के जीवाणा गांव में नवरात्रि के समापन अवसर पर 1 अक्टूबर की रात गरबा महोत्सव और प्रसादी कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में बतौर अतिथि मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग पहुंचे थे। कुछ देर बाद कांग्रेस नेता रामाराम चौधरी भी आमंत्रण पर वहां पहुंचे। चौधरी ने बताया कि उन्होंने मंच पर पहुंचकर गर्ग के चरण स्पर्श कर सम्मान किया, लेकिन गर्ग ने अपमानजनक लहजे में कहा — “तू यहां क्या करने आया? निकल जा यहां से।” यह सुनते ही चौधरी मंच से नीचे उतर गए और इसे अपनी सार्वजनिक बेइज्जती बताते हुए समर्थकों के साथ सड़क पर विरोध जताने लगे। विवाद बढ़ता देख आयोजक समिति ने स्थिति संभालने की कोशिश की, लेकिन मामला शांत नहीं हुआ। विवाद गहराता देख जोगेश्वर गर्ग भी कार्यक्रम बीच में ही छोड़कर चले गए। घटना के बाद से यह मामला लगातार गरमाया हुआ है और अब राजनीतिक रूप ले चुका है।




 सायला में कांग्रेसियों का हल्ला बोल

मंगलवार को सायला उपखंड मुख्यालय पर कांग्रेसियों और ग्रामीणों ने एकजुट होकर धरना दिया। सभा को संबोधित करते हुए कई वक्ताओं ने कहा कि मुख्य सचेतक का यह व्यवहार न केवल एक कांग्रेस नेता का, बल्कि पूरे समाज का अपमान है। उन्होंने मांग की कि जोगेश्वर गर्ग को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए और मुख्यमंत्री को उन्हें पद से हटाने की सिफारिश करनी चाहिए। विरोध प्रदर्शन के दौरान “जोगेश्वर गर्ग इस्तीफा दो” और “सम्मान करो या पद छोड़ो” जैसे नारे गूंजते रहे। धरने के बाद कांग्रेस नेताओं ने एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा, जिसमें माफी और कार्रवाई की मांग की गई।

 किसानों और ग्रामीणों ने भी रखी मांगें

धरने के दौरान केवल राजनीतिक मुद्दे ही नहीं, बल्कि ग्रामीणों ने भी अपनी स्थानीय समस्याएं उठाईं। किसानों ने बताया कि सायला में अनार का भारी उत्पादन होने के बावजूद स्वीकृत अनार मंडी अब तक शुरू नहीं हुई है। सरकार से इसे शीघ्र शुरू करने की मांग की गई। गृहमंत्री अमित शाह द्वारा की गई जवाई नदी पुनर्जीवित करने की घोषणा पर भी अब तक कोई काम शुरू नहीं हुआ है। ग्रामीणों ने जवाई बांध के पानी पर जालोर का हक तय करने की मांग की। बिजली विभाग (डिस्कॉम) पर भी गंभीर आरोप लगाए गए कि किसानों को पिछले दो महीनों से केवल सिंगल फेज बिजली दी जा रही है और ट्रांसफॉर्मर दिलाने में दलाली चल रही है। बेमौसम बारिश से मूंग, बाजरा और तिल की फसलें नष्ट हो गई हैं — किसानों ने तत्काल गिरदावरी कर बीमा और मुआवजा दिलाने की मांग की।




 प्रदर्शन में जुटी बड़ी संख्या

धरने में कांग्रेस जिलाध्यक्ष भंवरलाल, पूर्व प्रत्याशी रमिला मेघवाल, वरिष्ठ नेता उमसिंह चांदना, सवाराम चौधरी, और बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता व ग्रामीण शामिल हुए। सभा में वक्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही गर्ग माफी नहीं मांगते या सरकार कार्रवाई नहीं करती, तो आंदोलन को और व्यापक स्तर पर शुरू किया जाएगा। सायला का गरबा विवाद अब सियासी गर्मी में बदल गया है। एक धार्मिक कार्यक्रम से शुरू हुआ सम्मान विवाद अब सत्तापक्ष के मुख्य सचेतक तक पहुंच गया है। कांग्रेस ने इसे “जनसम्मान का मुद्दा” बताते हुए राज्य सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है — अब देखना होगा कि जोगेश्वर गर्ग इस विवाद पर क्या रुख अपनाते हैं।
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