डिस्कॉम से स्टांप-पेपर चुराकर हड़पा जेठ का प्लॉट: महिला ने दोस्त के साथ रची साजिश, एफएसएल में सिग्नेचर हुए मैच; कोर्ट आदेश पर खुला पूरा मामला
बाड़मेर कोतवाली पुलिस ने आरोपी महिला और उसके साथी को किया गिरफ्तार, डिस्कॉम कर्मचारियों की भूमिका पर भी उठे सवाल
बाड़मेर।
राय कॉलोनी क्षेत्र में रिश्तों को कलंकित करने वाला एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। सगे छोटे भाई की पत्नी ने अपने दोस्त के साथ मिलकर अपने जेठ का प्लॉट हड़पने के लिए डिस्कॉम ऑफिस से जमा करवाए गए स्टांप पेपर चुरा लिए और उन पर फर्जी दस्तावेज तैयार करवा लिए। पुलिस जांच में सामने आया कि स्टांप पेपर पर जेठ के असली हस्ताक्षर थे, जो लाइट कनेक्शन के लिए पहले से किए गए थे। इन्हीं स्टांप पेपरों का दुरुपयोग करते हुए महिला ने अपने दिवंगत बेटे के नाम प्लॉट का बेचान लिखा और नगर परिषद से पट्टा भी बनवा लिया।
फर्जीवाड़े की कहानी: भाई की पत्नी और उसके दोस्त ने रची चाल
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि परिवादी तेजगिरी पुत्र हंसगिरी, निवासी रॉय कॉलोनी, बाड़मेर का रीको राजीव नगर में एक भूखंड है। तेजगिरी के छोटे भाई की कुछ वर्ष पूर्व मृत्यु हो चुकी थी। उसकी पत्नी लीला भारती ने अपने दोस्त हिंदुसिंह निवासी सिणधरी सर्किल के साथ मिलकर चाल चली।
दोनों ने डिस्कॉम में बिजली कनेक्शन के लिए जमा करवाए गए हस्ताक्षरित स्टांप पेपर चोरी कर लिए। इसके बाद उन स्टांप पेपर पर लीला भारती ने अपने दिवंगत बेटे के नाम प्लॉट का बेचान (रजिस्ट्री जैसी डील) लिखवा दिया। बाद में बेटे की पत्नी ने शपथ-पत्र देकर खुद को वैध वारिस बताते हुए नगर परिषद से भूखंड का पट्टा बनवा लिया।
पुलिस को दी थी रिपोर्ट, एफएसएल में सिग्नेचर सही पाए गए
तेजगिरी ने नवंबर 2022 में कोतवाली थाना, बाड़मेर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी भाभी ने उसके भूखंड को फर्जी तरीके से हड़प लिया है।
पुलिस ने दस्तावेजों की एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) जांच करवाई, जिसमें स्टांप पर किए गए हस्ताक्षर तेजगिरी के ही पाए गए।
इसके बाद पुलिस ने दिसंबर 2024 में यह मानते हुए कि दस्तावेज सही हैं, एफआर (फाइनल रिपोर्ट) कोर्ट में पेश कर दी।
कोर्ट में खुला राज: डिस्कॉम से चोरी हुए थे स्टांप पेपर
जब तेजगिरी को पता चला कि उसके हस्ताक्षर का गलत इस्तेमाल हुआ है, तो उसने कोर्ट में एफआर को री-ओपन करने का आवेदन दिया। उसने बताया कि ये हस्ताक्षर उसने डिस्कॉम और पीएचईडी कार्यालय में लाइट-पानी कनेक्शन के लिए खाली स्टांप पेपरों पर किए थे, जिन्हें बाद में आरोपियों ने चोरी कर लिया।
कोर्ट ने दिसंबर 2024 में एफआर को री-ओपन करने के आदेश दिए और विस्तृत जांच करने को कहा।
पुलिस की नई जांच में सामने आया फर्जीवाड़ा
कोतवाली पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर डिस्कॉम और पीएचईडी कार्यालयों से सभी मूल दस्तावेज मंगवाए। जांच में पता चला कि पीएचईडी ऑफिस में स्टांप सुरक्षित थे, लेकिन डिस्कॉम ऑफिस से दोनों स्टांप पेपर गायब थे।
इससे साफ हुआ कि आरोपियों ने वही स्टांप चोरी कर फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे।
दोनों आरोपी गिरफ्तार, डिस्कॉम कर्मचारियों की भूमिका पर भी संदेह
पुलिस ने अगस्त 2025 में महिला आरोपी लीला भारती को गिरफ्तार किया था। अब हाल ही में रविवार को उसके सहयोगी हिंदुसिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
कोतवाल बलभद्र सिंह ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ जारी है—किसने डिस्कॉम से स्टांप पेपर चुराने में मदद की, इसमें कार्यालय के किन कर्मचारियों की भूमिका रही, यह पता लगाया जा रहा है।
डिस्कॉम की ओर से अब तक इस चोरी को लेकर कोई औपचारिक रिपोर्ट दर्ज नहीं करवाई गई है, जिससे विभाग की लापरवाही भी उजागर हो रही है।
कई दस्तावेज जब्त, जांच जारी
पुलिस ने अब तक नगर परिषद से जारी पट्टा, बेचान दस्तावेज, और एफएसएल रिपोर्ट अपने कब्जे में ले लिए हैं। जांच के दौरान संबंधित कर्मचारियों और अधिकारियों से भी पूछताछ की जा रही है।
पुलिस का कहना है कि जल्द ही पूरे फर्जीवाड़े में शामिल अन्य लोगों की भूमिका स्पष्ट हो जाएगी।
