मुक्तक: मन
कभी नयनो उतरु मैं , कभी मैं दिल का हो जाऊँ तुम्हारे सामने आकर , जरा सा तुझ में खो जाऊँ मुझे हर…
कभी नयनो उतरु मैं , कभी मैं दिल का हो जाऊँ तुम्हारे सामने आकर , जरा सा तुझ में खो जाऊँ मुझे हर…
नवोदित कवियों के उत्साहवर्धन हेतु रचित रचना जो एक देश के सुनामधन्य वरिष्ठ कवि को मेरा प्रत्युत्त…
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