गजेन्द्र नाम की हैं, धवल रोशनी, मधुर कंठ हैं, जिनकी बोलती ।

गजेन्द्र नाम की हैं, धवल रोशनी,
मधुर कंठ हैं, जिनकी बोलती ।
जल - सा शीतल हैं, मन जिसका,
आवाज़ जग में हो बुलंद आपकी ।।1।।
निर्मल हृदय हृदय नेक विचार
तुम ही हो हम सबके दुलार ।
बैठा था आपके साथ एक शाम,
हो गई जीवन की दुविधा काम तमाम ।।2।।
माना कि कष्टों से घिरे हैं आप भी
फिर भी दिखे सदा मुस्कुराते आप भी ।
एक दिन मिल जाएगी मंजिल अपने आप ही ,
ये दुआ हैं मेरे मालिक से, मन की ।।3।।
तीन पीढ़ियों से मार्गदर्शन मिला जगत को
नए आयामों से तुमने अचंभित किया शिखर को ।
यूं ही कदम आगे बढ़ते रहें,
परिश्रम मेहनत से सदा फलते रहे ।।4।।
ये दुआ है मेरे मालिक से...........
गजेन्द्र नाम की ..................
जब भी निराशा छायी मेरे मन में
याद हो उठा एक नाम जेहन में।
वो कोई और नहीं है जो,प्रेरणा का पुंज दे ,
वो तुम ही हो गजेन्द्र जो नयी उम्मीद जगा गए ।।5।।
गजेन्द्र नाम की है ,धवल रोशनी
मधुर कंठ हैं,जिनकी बोलती ।
आपका प्रिय
रमेश कुमार टेलर
आचार्य आदर्श विद्या मंदिर माध्यमिक विद्यालय आहोर !
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