प्रवीण कुमार, आहोर जालोर
आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित ने राजस्थान राज्य की प्रवासी पशुपालक जाति की परेशानियों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखते हुए लिखा कि राजस्थान की ज्यादातर देवासी (रेबारी, राइका) समाज के लोग पशुपालन का व्यवसाय करते हैं जो राजस्थान में सूखे व चारागाह नही होने के कारण वे अपने मवेशियों को लेकर हजारों परिवार देश के अलग अलग राज्यों में जैसे गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब तथा दिल्ली आदि क्षेत्रों में चारे पानी के लिए पलायन करते हैं जिससे वे अपनी आजीविका व परिवार का पालन पोषण कर सके, लेकिन आज वैश्विक स्तर पर फैली नोवल कोरोना महामारी के कारण पूरा देश लॉकडाउन है जिससे इन लोगों को परेशानी से जूझना पड़ रहा है, विधायक राजपुरोहित ने कहा कि मुझे फोन व सोशल मीडिया के माध्यम से पता चला व शिकायत मिली कि उन्हें उनके मवेशियों को खेतों में बैठने नहीं दिया जा रहा है जब यह लोग जंगलो से गांवो में राशन का सामान लेने जाते है तो गांव वालों द्वारा उनको गांवो में प्रवेश तक नहीं दिया जा रहा है।जिससे उनके खाने पीने की विकट परिस्थितियां पैदा हुई है इसलिये पत्र में प्रधानमंत्री व संबंधित राज्यो को प्रतिलिपि प्रेषित करते हुए निवेदन किया है कि इन पशुपालकों को अपना परिवार मानते हुए उनके लिए खाद्य सामग्री खरीदने हेतु गांवो में जाने की अनुमति और आवश्यक राशन सामग्री की आपूर्ति तथा चिकित्सा सेवा उपलब्ध करावें।
आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित ने राजस्थान राज्य की प्रवासी पशुपालक जाति की परेशानियों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखते हुए लिखा कि राजस्थान की ज्यादातर देवासी (रेबारी, राइका) समाज के लोग पशुपालन का व्यवसाय करते हैं जो राजस्थान में सूखे व चारागाह नही होने के कारण वे अपने मवेशियों को लेकर हजारों परिवार देश के अलग अलग राज्यों में जैसे गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब तथा दिल्ली आदि क्षेत्रों में चारे पानी के लिए पलायन करते हैं जिससे वे अपनी आजीविका व परिवार का पालन पोषण कर सके, लेकिन आज वैश्विक स्तर पर फैली नोवल कोरोना महामारी के कारण पूरा देश लॉकडाउन है जिससे इन लोगों को परेशानी से जूझना पड़ रहा है, विधायक राजपुरोहित ने कहा कि मुझे फोन व सोशल मीडिया के माध्यम से पता चला व शिकायत मिली कि उन्हें उनके मवेशियों को खेतों में बैठने नहीं दिया जा रहा है जब यह लोग जंगलो से गांवो में राशन का सामान लेने जाते है तो गांव वालों द्वारा उनको गांवो में प्रवेश तक नहीं दिया जा रहा है।जिससे उनके खाने पीने की विकट परिस्थितियां पैदा हुई है इसलिये पत्र में प्रधानमंत्री व संबंधित राज्यो को प्रतिलिपि प्रेषित करते हुए निवेदन किया है कि इन पशुपालकों को अपना परिवार मानते हुए उनके लिए खाद्य सामग्री खरीदने हेतु गांवो में जाने की अनुमति और आवश्यक राशन सामग्री की आपूर्ति तथा चिकित्सा सेवा उपलब्ध करावें।
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