आहोर में गर्भवती विवाहिता की संदिग्ध मौत
दहेज प्रताड़ना के आरोप, परिजनों ने 24 घंटे तक शव लेने से किया इनकार
डिप्टी की समझाइश के बाद 7 दिन के अल्टीमेटम पर राजी होकर लिया शव
आहोर (गजेंद्र गहलोत)। जालौर जिले के आहोर में एक गर्भवती विवाहिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद हालात तनावपूर्ण हो गए। मृतका गुड़िया कुमारी (23), जो करीब 4–5 महीने की गर्भवती थी, की मृत्यु के बाद पीहर पक्ष ने ससुराल वालों पर दहेज प्रताड़ना, मारपीट और हत्या का गंभीर आरोप लगाया। वहीं, ससुराल पक्ष का दावा है कि गुड़िया ने फंदा लगाकर आत्महत्या की।घटना की जानकारी मिलते ही पीहर पक्ष के दर्जनों लोग मॉर्च्युरी पहुंच गए और कार्रवाई की मांग करते हुए शव लेने से इनकार कर दिया। करीब 24 घंटे तक मॉर्च्युरी के बाहर धरना जारी रहा।
पति, सास और ससुर के खिलाफ मामला दर्ज — पति ने किया सरेंडर
थानाधिकारी करण सिंह ने बताया कि शुक्रवार शाम करीब 7 बजे पुलिस को सूचना मिली कि आहोर अस्पताल के बाहर एक क्रूजर गाड़ी में विवाहिता का शव रखा है। मौके पर पहुंचकर शव को मॉर्च्युरी में रखवाया गया। शनिवार सुबह पोस्टमॉर्टम करवाया गया।पीहर पक्ष की ओर से दर्ज रिपोर्ट पर पति, सास और ससुर के खिलाफ दहेज प्रताड़ना और हत्या के आरोप में केस दर्ज किया गया है। वहीं, मृतका का पति शनिवार को थाने पहुंचकर सरेंडर कर गया। हालांकि, पुलिस ने स्पष्ट किया कि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।परिजनों ने शव को अस्पताल लाने वाले वाहन चालक की गिरफ्तारी की भी मांग की है।
फोन पर रोते हुए गुड़िया ने मां से बात करने की जिद की थी
मृतका की बहन ने बताया कि दोपहर करीब 3 बजे गुड़िया ने उसे फोन किया था। फोन उठाते ही वह रोने लगी और अपनी मां से बात करवाने को कहा, पर उस समय मां काम पर गई हुई थी। बहन के अनुसार, जब दोबारा फोन मिलाया गया तो ससुराल वालों ने फोन काट दिया और कई घंटे तक संपर्क नहीं हो पाया।शाम 7 बजे ससुराल पक्ष की ओर से फोन आया और बताया गया कि गुड़िया अचानक बीमार हो गई है। जब परिजन पहुंचे तो गुड़िया मृत मिल चुकी थी।
सात महीने पहले हुई थी शादी
गुड़िया कुमारी मूल रूप से गोगरा, तखतगढ़ के पास की निवासी थी। उसकी शादी सात महीने पहले आहोर के गुड़ा बालोतन में हुई थी। पीहर पक्ष का आरोप है कि शादी के बाद से ही दहेज को लेकर गुड़िया को प्रताड़ित किया जा रहा था।
24 घंटे बाद शांत हुए हालात — 7 दिन में कार्रवाई के आश्वासन पर लिया शव
पोस्टमार्टम के बाद करीब 24 घंटे से अधिक समय तक मॉर्च्युरी के बाहर बैठे परिजनों और समाजजनों को शांत कराने के लिए प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा।थानाधिकारी करण सिंह ने बताया कि डिप्टी दशरथ सिंह मौके पर पहुंचे और परिजनों व समाज के लोगों से विस्तृत समझाइश की। डीप्टी ने आश्वासन दिया कि 7 दिन के भीतर निष्पक्ष जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। आश्वासन के बाद परिजन और समाजजन शव लेने को राजी हुए। इसके बाद पुलिस ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की प्रक्रिया पूरी कर शव परिजनों को सौंप दिया। कई परिजन और समाजजन रात भर मॉर्च्युरी के बाहर ही रुके रहे और हालात पर लगातार पुलिस-प्रशासन की नजर बनी रही।
क्षेत्र में शांति, लेकिन आक्रोश कायम
घटना के बाद पूरे क्षेत्र में रोष व्याप्त है। पीहर पक्ष और समाजजन दोषियों को जल्द गिरफ्तार करने और कड़ी कार्रवाई की मांग पर अड़े हुए हैं।पुलिस ने कहा कि जांच पूरी पारदर्शिता से की जाएगी और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सहित सभी तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।


