नगरपालिका को दान में मिली 100 करोड़ की भूमि हड़पने का मामला गर्माया
कांग्रेस ने प्रशासनिक मिलीभगत का लगाया आरोप, उच्च स्तरीय जांच की मांग
आहोर। नगरपालिका आहोर को दान में मिली करोड़ों रुपये की भूमि के अवैध रूप से निजी व्यक्तियों के नाम चढ़ने के मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है। कांग्रेस पार्टी आहोर एवं विधानसभा प्रत्याशी सरोज चौधरी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर प्रशासन और भूमाफियाओं की मिलीभगत का गंभीर आरोप लगाया है। चौधरी ने कहा कि वर्ष 1977 में विधिवत रजिस्टर्ड दान-पत्र के माध्यम से यह भूमि नगरपालिका को सौंपी गई थी, लेकिन राजस्व विभाग की लापरवाही और भूमाफियाओं की सक्रियता से यह लगभग 100 करोड़ रुपये मूल्य की अमूल्य संपत्ति गलत तरीके से निजी व्यक्तियों के नाम दर्ज कर दी गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इसी प्रकरण में नगरपालिका की अतिरिक्त 8½ बीघा भूमि का भी अवैध नामांतरण कर दिया गया, जो सीधे-सीधे जनता के अधिकारों और लोकतांत्रिक ढांचे पर हमला है।
कांग्रेस पार्टी आहोर की ओर से मांग की गई है कि—
पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच (ACB या जांच आयोग) कराई जाए।
दोषी राजस्व अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाए।
सभी अवैध नामांतरण तत्काल निरस्त किए जाएँ।
03 नवंबर 2025 के निर्णय के विरुद्ध अपील/पुनरीक्षण दायर किया जाए।
चौधरी ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की, तो कांग्रेस पार्टी जनता के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर लोकतांत्रिक धरना-प्रदर्शन करेगी।
उन्होंने कहा—"जनता की आवाज़ को दबाया नहीं जा सकता। सत्य और न्याय की जीत निश्चित है।" इस दौरान जिलाध्यक्ष भंवरलाल मेघवाल, नगर अध्यक्ष भंवरलाल छीपा, पंचायत समिति सदस्य मांगीलाल चौधरी, व्यापार संघ अध्यक्ष नारायण सिंह, खिंमाराम परिहार, महिपाल सिंह राजपुरोहित, उदयराज, पोकरराम, रमेश कुमार, सुरेश जैन, युसुफ खान, प्रकाश पटेल, विनोद चौधरी, कुपाराम, थानाराम, कपूराराम सहित अनेक कार्यकर्ता मौजूद रहे।

