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प्रतिबंध के बावजूद भी 20 से 30 रुपए में बिक रहे दुकानों पर गुटखा

एक आईना भारत
टीकमाराम भाटी
प्रतिबंध के बावजूद भी 20 से 30 रुपए में बिक रहे दुकानों पर गुटखा
ग्रामीण क्षेत्रों में नियमों को ताक पर रखकर कभी भी खोल देते है दुकान, प्रशासन मौन
भीनमाल-  उपखंड क्षेत्र में कोरोना महामारी को लेकर लॉकडाउन के चलते लोग बचाव हेतु कई प्रकार के प्रयत्न कर रहे है तथा प्रशासन द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। वहीं मौके का फायदा उठाकर भीनमाल कस्बा सहित निकटवर्ती कोटकास्ता, नरता, कुशलापुरा, भरुडी, दासपा, रुचियार व खानपुर क्षेत्र में कुछ परचून व किराणे के दुकानदारों ने कालाबाजारी शुरू कर दी है।

इस महामारी के संकट काल में भी कई दुकानदार राशन सामानों की निर्धारित रेट से अधिक व मनमाने दाम वसूल रहे हैं। जिससे आम आदमी को शक्कर, चायपत्ती, मिर्ची, तेल, हल्दी, धनिया पाउडर सहित प्रकार की राशन सामग्री खरीदने में दिक्कते आ रही है। लेकिन स्थानीय प्रशासन सुध नही ले रहा है।

प्रशासन बना मूकदर्शक-

 यहां तक कि दुकाने खोलने के समय की पालना भी ग्रामीण क्षेत्रो में नही हो रही है। कई जगह दोपहर बाद से लेकर रात्रि आठ से दस बजे तक भी दुकाने खुली रहती है। जिससे लोगों की आवाजाही दिन भर चालू रहती है। न ही इन दुकानों के सामने शोशल डिस्टनसिंग के गोले बने हुए है और न ही इसकी पालना हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि सरकारी प्रतिबंध के बावजूद गुटखा, जर्दा व अन्य तम्बाकू उत्पाद भी धड़ल्ले से बेचकर दुकानदार मनमाने दाम वसूल रहे है। हालात यह है कि 5 रुपए में मिलने वाला सामान भी 10 से 15 रुपए तक बेचा बिक रहा है।

अगर ग्राहक ज्यादा राशि देने से मना करता है तो उसको सामना दिए बगैर ही लौटाया जाता है। कुछ यही हालात गुटखा, बीड़ी, सिगरेट व तम्बाकू के है। सामान्य दिनों में बाजार में 10 रुपए में बिकने वाले जर्दा का पाउच 30 से 40 रुपए में बेचा जा रहा है। लॉकडाउन के चलते अधिकांश दुकानें बंद होने से कुछ दुकान वाले मनमाने दाम वसूलकर जनता को लूट रहे हैं। लेकिन स्थानीय प्रशासन कार्यवाही नही कर रहा है। जिससे ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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