एक आईना भारत
सेतरावा
पंचायत समिति शेरगढ़ की ग्राम पंचायत रायसर के आयुर्वेद कम्पाउडर ईश्वरसिंह राठौड़ कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में लोगों के लिए दूत बनकर सेवा कर रहे हैं,
ईश्वरसिंह आयुर्वेद चिकित्सालय जोलियाली में कार्यरत हैं लेकिन कोरोना महामारी के मध्यनजर उन्हें जोधपुर जैसलमेर हाईवे चैक पोस्ट अरना फांटा पर 23 मार्च से लगातार स्क्रीनिंग टीम के साथ काम पर लगया गया ।
वर्तमान में फिलहाल चौपासनी जोधपुर में कोरोना सर्वे एवं सेम्पलिंग कार्य में मैडिकल टीम के साथ अपने कर्तव्य निभा रहे हैं ।
जो कि लगातार बिना कोई अवकाश के लगातार ड्यूटी कर रहे हैं।
रायसर गांव जोधपुर से 100 किमी दूर स्थित हैं और पास में कोई बड़ा अस्पताल नहीं होने से गांव के बुजुर्ग व बिमारी व्यक्ति जिनका इलाज जोधपुर में चल रहा था उनके सामने बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई थी एसे में ईश्वरसिंह गांव वालो के लिए दूत बनकर आगे आए और गांव के बुजुर्गों के लिए आवश्यक दवाएं भिजवाना में मदद करने लगे ।
साथ ही गांव के लोगो हेतु सेलफोन के माध्यम से आवश्यक मैडिकल सलाह देना हो या बीमार व्यक्तियों को स्टाफ डाक्टरों से फोन पर दवा हेतु चिकित्सा सलाह देना हो, एसे कार्यो में बखूबी सेवा दे रहे हैं ।
ईश्वरसिंह का परिवार गांव में रहता हैं जहा पर उनके पत्नी व बच्चे रहते हैं ।
ईश्वरसिंह के दो और भाई हैं जिनमें शैतानसिंह जो भारतीय सेना में सेवा देकर वर्तमान में कनिष्ट लिपिक के पद पर खिरजा तिबना में कार्यरत हैं। वे भी आवश्यक सेवाओं से जुड़े होने के कारण ग्रामीण अंचल में सेवा दे रहे हैं एवं सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार लोगों को जागरूक करते रहते हैं। वहीं तीसरे सबसे बङे भाई जबरसिंह पाली के तखतगढ फार्म हाउस पर पौधों की देखभाल का काम कर रहे हैं ।
सेतरावा
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रायसर का कोरोना योद्धा ईश्वर ड्यूटी के साथ गांव के बुजुर्गो के लिए भी कर रहा हैं काम |
पंचायत समिति शेरगढ़ की ग्राम पंचायत रायसर के आयुर्वेद कम्पाउडर ईश्वरसिंह राठौड़ कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में लोगों के लिए दूत बनकर सेवा कर रहे हैं,
ईश्वरसिंह आयुर्वेद चिकित्सालय जोलियाली में कार्यरत हैं लेकिन कोरोना महामारी के मध्यनजर उन्हें जोधपुर जैसलमेर हाईवे चैक पोस्ट अरना फांटा पर 23 मार्च से लगातार स्क्रीनिंग टीम के साथ काम पर लगया गया ।
वर्तमान में फिलहाल चौपासनी जोधपुर में कोरोना सर्वे एवं सेम्पलिंग कार्य में मैडिकल टीम के साथ अपने कर्तव्य निभा रहे हैं ।
जो कि लगातार बिना कोई अवकाश के लगातार ड्यूटी कर रहे हैं।
रायसर गांव जोधपुर से 100 किमी दूर स्थित हैं और पास में कोई बड़ा अस्पताल नहीं होने से गांव के बुजुर्ग व बिमारी व्यक्ति जिनका इलाज जोधपुर में चल रहा था उनके सामने बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई थी एसे में ईश्वरसिंह गांव वालो के लिए दूत बनकर आगे आए और गांव के बुजुर्गों के लिए आवश्यक दवाएं भिजवाना में मदद करने लगे ।
साथ ही गांव के लोगो हेतु सेलफोन के माध्यम से आवश्यक मैडिकल सलाह देना हो या बीमार व्यक्तियों को स्टाफ डाक्टरों से फोन पर दवा हेतु चिकित्सा सलाह देना हो, एसे कार्यो में बखूबी सेवा दे रहे हैं ।
ईश्वरसिंह का परिवार गांव में रहता हैं जहा पर उनके पत्नी व बच्चे रहते हैं ।
ईश्वरसिंह के दो और भाई हैं जिनमें शैतानसिंह जो भारतीय सेना में सेवा देकर वर्तमान में कनिष्ट लिपिक के पद पर खिरजा तिबना में कार्यरत हैं। वे भी आवश्यक सेवाओं से जुड़े होने के कारण ग्रामीण अंचल में सेवा दे रहे हैं एवं सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार लोगों को जागरूक करते रहते हैं। वहीं तीसरे सबसे बङे भाई जबरसिंह पाली के तखतगढ फार्म हाउस पर पौधों की देखभाल का काम कर रहे हैं ।
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