एक आईना भारत
सवांददाता प्रकाश इंदलिया
नागौर। विश्व स्तरीय गो चिकित्सालय में महामण्डलेश्वर स्वामी कुशालगिरी महाराज के सानिध्य में विशेष एवं संक्षिप्त बैठक आयोजित कर लाॅकडाउन के दौरान शराब की दुकानों को खोलने का विरोध किया। चर्चा में संतों ने कहा कि एक ओर तो सभी धर्म स्थल इसलिए बंद है कि भक्तों की भीड़ एकत्रित न हो, वहीं दूसरी ओर देश में शराब दुकानें खोल दी गई है, जहां हजारों-लाखों शराबी देश- प्रदेश में लाईन लगाकर शराब खरीद रहे है। इससे यदि कोरोना बीमारी फेल गई तो रोकना मुश्किल हो जाएगा।
महामण्डलेश्वर स्वामी कुशालगिरी महाराज के सानिध्य में सत्संग परिचर्चा में विचार रखे गए। कोरोना महामारी के दौरान शराब की दुकानों को केन्द्र व राज्य सरकारों द्वारा खोले जाने का विरोध करते हुए निंदा प्रस्ताव रखा।
महामण्डलेश्वर ने कहा कि 45 दिन तक शराब नहीं पीकर जनता ने बता दिया कि वह शराब के बिना जिंदा रह सकती हैं, लेकिन ठेके खोलकर सरकारों ने बता दिया कि शराब के बिना सरकारें नहीं रह सकती।
महामण्डलेश्वर ने कहा ''मुझे ये नहीं समझ आ रहा है कि इंसान की जिंदगी ज्यादा जरूरी है या सरकारों को इनकम ? वह भी ऐसी चीज से इनकम जुटाने की कोशिश की जा रही है, जो वैसे भी जिंदगियां बर्बाद करती रही है। कोरोना काल में यह सोशल डिस्टेंसिंग को तोड़ रही है। इससे लोगों की जान खतरे में आएगी। इस खोल कर कुछ फायदा नहीं होने वाला। ये जल्दबाजी में लिया गया फैसला लगता है, इतना जरूरी चीज तो नहीं थी कि इसके बगैर काम नहीं चल सकता था सबसे बड़ा नुकसान सोशल डिस्टेंसिग के मोर्च पर हुआ है।
देश में शराब की दुकानें ऐसी हालत में आगे भी खोली जायेगी, क्या सोशल डिस्टेंसिग का पालन हो सकेगा ? जबकि कोरोना से बचने का सबसे कारगर तरीका सोशल डिस्टेंसिग को ही माना जा रहा है तो जब वो ही खराब हो रहा है सरकार के इस कदम से तो फिर कैसे हम कोरोना से जंग जीत जाएंगे ? सरकारें इनकम के चक्कर में देश के 135 करोड़ देशवासियों के जीवन से खिलवाड़े कर रही हैं, अगर दिल्ली में तब्लीकी जमाती के तरह कोरोना फेल गया तो लाॅकडाउन-4.0 हो गया तो लाखों करोड़ का अधिक नुकसान व देश के नागरिकों के जीवन से खिलवाड़ होगा।