मन्दिर बन्द है, शराब की दुकानें खुली हैं
एक आईना भारत
सवांददाता प्रकाश इंदलिया
नागौर। विश्व स्तरीय गो चिकित्सालय में महामण्डलेश्वर स्वामी कुशाल गिरी महाराज के सानिध्य में विशेष बैठक हुई, व्यवस्थापक श्रवणराम बिश्नोई ने बताया कि लाॅकडाउन में शराब की दुकानों को खोलने का विरोध किया। चर्चा में संत गोविन्दराम महाराज, संतों व भक्तों ने कहा कि एक ओर तो सभी धर्म स्थल बंद है, वहीं दूसरी ओर देश में शराब दुकानें खोल दी गई है, जहां हजारों-लाखों शराबी देश- प्रदेश में सैकड़ों की संख्या में लाईन लगाकर शराब खरीद रहे है। महामण्डलेश्वर ने कहा कि 45 दिन तक शराब नहीं पीकर जनता ने बता दिया कि वह शराब के बिना जिंदा रह सकती हैं, लेकिन ठेके खोलकर सरकारों ने बता दिया कि शराब के बिना सरकारें नहीं रह सकती।
महामण्डलेश्वर ने साफ शब्दों में कहा कि भारत के मंदिर,मस्जिद, गुरूदारें, इत्यादि धार्मिक स्थल 24 मार्च से बंद पड़े है, सभी धार्मिक स्थल खोले जाने चाहिए। केन्द्र सरकार व राज्य सरकारों ने जिस प्रकार शराब बिक्री,पान, तम्बाकु, बीड़ी और सिगरेट इत्यादि पर एक नियम के तहत् दुकानें खुलवा दी, उसी प्रकार धार्मिक स्थलों के दर्शन हेतु नियम बनाकर खोलना चाहिए।
तो घर में संस्कार आयेगें और ना ही लोग मरेगे ना ही घरों में झगड़ा होगा।
अगर कोरोना का डर है जिस प्रकार शराब बिक्री के नियम लगाये उसी प्रकार धार्मिक स्थलों पर कोरोना को देखते हुए नियम लगाकर छुट करनी चाहिए।
सवांददाता प्रकाश इंदलिया
नागौर। विश्व स्तरीय गो चिकित्सालय में महामण्डलेश्वर स्वामी कुशाल गिरी महाराज के सानिध्य में विशेष बैठक हुई, व्यवस्थापक श्रवणराम बिश्नोई ने बताया कि लाॅकडाउन में शराब की दुकानों को खोलने का विरोध किया। चर्चा में संत गोविन्दराम महाराज, संतों व भक्तों ने कहा कि एक ओर तो सभी धर्म स्थल बंद है, वहीं दूसरी ओर देश में शराब दुकानें खोल दी गई है, जहां हजारों-लाखों शराबी देश- प्रदेश में सैकड़ों की संख्या में लाईन लगाकर शराब खरीद रहे है। महामण्डलेश्वर ने कहा कि 45 दिन तक शराब नहीं पीकर जनता ने बता दिया कि वह शराब के बिना जिंदा रह सकती हैं, लेकिन ठेके खोलकर सरकारों ने बता दिया कि शराब के बिना सरकारें नहीं रह सकती।
महामण्डलेश्वर ने साफ शब्दों में कहा कि भारत के मंदिर,मस्जिद, गुरूदारें, इत्यादि धार्मिक स्थल 24 मार्च से बंद पड़े है, सभी धार्मिक स्थल खोले जाने चाहिए। केन्द्र सरकार व राज्य सरकारों ने जिस प्रकार शराब बिक्री,पान, तम्बाकु, बीड़ी और सिगरेट इत्यादि पर एक नियम के तहत् दुकानें खुलवा दी, उसी प्रकार धार्मिक स्थलों के दर्शन हेतु नियम बनाकर खोलना चाहिए।
तो घर में संस्कार आयेगें और ना ही लोग मरेगे ना ही घरों में झगड़ा होगा।
अगर कोरोना का डर है जिस प्रकार शराब बिक्री के नियम लगाये उसी प्रकार धार्मिक स्थलों पर कोरोना को देखते हुए नियम लगाकर छुट करनी चाहिए।
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