सोजत रोड. समीपवर्ती बड़ागुड़ा गौशाला का अवलोकन करते हुए राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने कहा कि
पशुधन प्रकृति का असली श्रृंगार है हीरे पन्ने माणक मोती से भी कीमती है इसका कोई विकल्प नहीं है पशुधन कोरोना वायरस महामारी के नियंत्रण के लिए अनमोल औषधि हैं। उक्त इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है छोटे-छोटे गांव में जहां पशुधन भारी संख्या में वहां पर कोरोना वायरस का प्रभाव नहीं के बराबर है।
उन्होंने कहा कि इंसान के बिना पशु जंगल में जिंदा रह सकते हैं लेकिन पशु के बिना इंसान एक पल भी जिंदा नहीं रह सकता पशु रक्षा में मानवता की रक्षा है।
राष्ट्रसंत ने प्रसन्नता जाहिर करते कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री माननीय अशोक जी गहलोत ने पंजीकृत 1950 गौशालाओं के लिए 270 करोड़ रुपए का अनुदान स्वीकृत किया है कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए मुनि कमलेश ने 500 करोड़ का अनुदान देने का सुझाव दिया।
जैन संत ने स्पष्ट कहा कि गोशालाएं दान पर चलती है इस प्राकृतिक प्रकोप में कितनी ही गौशालाओं के ऊपर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं संपूर्ण मानव समाज का कर्तव्य है मूक प्राणियों की सेवा के लिए आगे आए।
मुनि कमलेश ने कहां कि हमारे अनंत उपकारी मूक पशुओं की निस्वार्थ सेवा करने के लिए हमें निस्वार्थ भाव से उनके रक्षा के लिए सर्वस्व न्योछावर करना चाहिए।अखिल भारतीय जैन युवा के विचार मंच नई दिल्ली ने केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारों से सभी गौशालाओं के लिए इंसानों की तरह पशुओं के लिए भी विशेष पैकेज जारी करना चाहिए मुनि कमलेश गौशाला में गायों की स्थिति का अवलोकन करते हुए। हठयोगी श्री धैर्य मुनि जी ने कहा कि मानवाधिकार की भांति पशु अधिकार का गठन होना चाहिए इनको भी वोट डालने का अधिकार होता तो शायद सभी सरकारी इन पर पूरा ध्यान देती घनश्याम मुनि अरिहंत मुनि कौशल मुनि प्रशांत मुनि गौशाला में कार सेवा करने की प्रेरणा दी । वही सन्तो ने कहाकि इस वक्त जो भी मूक पशूओ की सेवा कर रहे है वे प्रशंसा के पात्र है। भारतीय जैन जगह के विचार मंच नई दिल्ली की ओर से गोपाल को को सम्मानित किया गया।