जसवंतपूरा से घेवाराम पारीक की रिपोर्ट
जसवंतपुरा
जिले में कोरोना के बढ़ते आंकड़े प्रशासन के लिए चुनौती बन रहे हैं। वही स्वास्थ्य विभाग की सर्वे टीम में महिला शक्ति इस वायरस का खात्मा करने के लिए कोई कसर नही छोड़ रही। खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दिलीप सिंह का कहना हैं कि जैसे ही किसी गांव में पॉजिटिव केस पाये जाने की सूचना मिलती हैं। खंड नियंत्रण कक्ष से विभिन्न गांवों में सर्वे हेतु सर्वे दलों को चिन्हित कर तुरंत उस गांव में घर घर स्क्रीनिंग हेतु रवाना किया जाता है। कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्र में कोरोना से पीड़ित मरीज को एपी सेंटर मानते हुए उसके तीन किलोमीटर दायरे को काँटेन्मेंट जॉन घोषित करते ही ये टीम वहाँ के घर घर को छान मारती है। खंड के 74 गांवों में टीमें भेजने ओर सर्वे की जिम्मेदारी संभाल रहे खंड पर्यवेक्षक दिनेश वत्सल इस कार्य को एक चुनौती के रूप में लेते हैं। जिले में सर्वाधिक पॉजिटिव केस जसवंतपुरा में सामने आने से यहाँ टीमों को हमेशा तैयार रखा जाता हैं। वही पिछले दिनों एक ही दिन में 8 गांवो में 10 केस पॉजिटिव आने पर टीमें भेजकर सर्वे करवाना चुनौती से कम नही रहा। प्रत्येक टीम में एक एएनएम के साथ आशा सहयोगिनी ओर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी मैदान में उतर जाती है। इन टीमो में महिलाओं ने ऐसा मोर्चा संभाल रखा हैं कि उनके लिए ज्येष्ठ महीने की तपती धूप भी इनकी राहे रोक नही पाती। नियंत्रण कक्ष से इन्हें सूचना मिलते ही स्वयं को सुरक्षा प्रदान करते हुऐ झांसी की रानी बनकर काँटेन्मेंट जॉन की ओर कूच करती है। अधिकतम दो दिन में पूरे गांव का चप्पा चप्पा छान मारती है। गांव के प्रत्येक परिवार की जानकारी तैयार कर रिपोर्ट अपने सुपरवाइजर को सौप कर ही प्रस्थान करती है। यही सिलसिला प्रतिदिन चलता है। किसी भी गांव में जाने के लिए इन नारी शक्ति का हौसला कम नही हुआ है।
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