आहोर मूंग खरीद केंद्र पर विवाद गहराया; पाँचवें दिन किसानों का विशाल धरना शुरू

आहोर मूंग खरीद केंद्र पर विवाद गहराया; पाँचवें दिन किसानों का विशाल धरना शुरू 

खरीद केंद्र के बाहर लगातार पाँच दिन से जड़ा ताला, समाधान की उम्मीदें कमजोर—प्रशासन पर बढ़ा दबाव

आहोर। समर्थन मूल्य पर मूंग खरीद को लेकर आहोर खरीद केंद्र पर चल रहा विवाद शनिवार को पाँचवें दिन और अधिक उग्र हो गया। किसानों द्वारा 4 दिसंबर को ज्ञापन सौंपने के बाद भी समाधान नहीं मिलने से ग्रामीण क्षेत्रों के सैकड़ों किसान आज सुबह से ही खरीद केंद्र पर जुटने लगे। देखते ही देखते मुख्य गेट पर दोबारा ताला जड़ दिया गया और किसानों ने विशाल धरना शुरू कर दिया।

किसानों ने एक स्वर में प्रशासन के सामने अपनी मांगें रखते हुए कहा कि—
“या तो सभी किसानों की मूंग खरीदी जाए, अन्यथा जिन किसानों की मूंग गुणवत्ता कमी बताकर रिजेक्ट की जा रही है, उन्हें बीमा मुआवजा दिया जाए। जब तक मांगें नहीं मानी जातीं, धरना वापस नहीं होगा।”

किसानों ने आरोप लगाया कि अब धैर्य की सीमा समाप्त हो चुकी है और समाधान के बिना आंदोलन खत्म करना संभव नहीं।


क्या है विवाद?

आहोर खरीद केंद्र पर पिछले कई दिनों से गुणवत्ता विवाद को लेकर किसानों में आक्रोश है। किसानों का कहना है कि—

  • बेमौसम बारिश से दाने का रंग काला हुआ है, गुणस्तर प्रभावित नहीं हुआ।

  • बिना लैब/मशीन परीक्षण के केवल रंग देखकर मूंग को “नॉन-स्टैंडर्ड” घोषित किया जा रहा है।

  • ऑनलाइन पंजीकरण के बावजूद कई किसान कई दिनों से अपनी खेप वापस लेकर लौट रहे हैं।

  • इससे मजदूरी, वाहन किराया और फसल के खराब होने का खतरा बढ़ता जा रहा है।

इन्हीं वजहों से पिछले चार दिनों से किसानों ने खरीद केंद्र पर ताला लगाकर शांतिपूर्ण धरना दिया था।


अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद भी नहीं निकला समाधान

बीते दिनों विधायक छगन सिंह राजपुरोहित, उपखंड अधिकारी रोहित चौहान, तहसीलदार लधाराम पंवार, कॉपरेटिव इंस्पेक्टर जमना मेघवाल और जीएम हिंगलाज दान चारण खरीद केंद्र पहुंचे थे।
काफी समझाइश और चर्चा के बावजूद न तो खरीद प्रक्रिया बहाल हो सकी, न ही विवाद का कोई ठोस समाधान निकल पाया।

किसानों ने एसडीएम को दिए ज्ञापन में यह मांगें रखी थीं—

  1. सभी किसानों की मूंग खरीदी सुनिश्चित की जाए।

  2. खराब घोषित मूंग का बीमा मुआवजा दिया जाए।

  3. गुणवत्ता परीक्षण पारदर्शी तरीके से मशीन आधारित हो।

  4. जालोर/भीनमाल में पर्याप्त वेयरहाउस सुविधा उपलब्ध कराई जाए।

किसानों ने चेतावनी दी थी कि समाधान न मिलने पर आंदोलन उग्र होगा—आज वही स्थिति सामने आई।


पाँचवें दिन संघर्ष निर्णायक मोड़ पर

शनिवार को आंदोलन ने बड़े रूप में प्रवेश किया।

  • सैकड़ों किसान खरीद केंद्र के बाहर इकट्ठा हुए।

  • गेट पर पाँचवें दिन भी ताला जड़ा रहा।

  • आसपास के गांवों से किसानों का पहुंचना लगातार जारी है।

  • भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में आंदोलन अब और अधिक संगठित होता दिख रहा है।

धान मंडी, आसपास के रास्तों और बाजार क्षेत्र में आंदोलन को लेकर दिनभर चर्चा बनी रही।


पुलिस बल तैनात, स्थिति नियंत्रण में रखने की तैयारी

धरने के तेज होने की आशंका को देखते हुए पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंच गया है।
केंद्र परिसर के बाहर पुलिस जाब्ता तैनात कर दिया गया है। अधिकारी किसानों से बातचीत कर स्थिति शांत रखने का प्रयास कर रहे हैं।

फिर भी किसान स्पष्ट कह रहे हैं—
“जब तक खरीद शुरू नहीं होती या बीमा की घोषणा नहीं की जाती, धरना जारी रहेगा।”


समाधान में देरी से बढ़ रही आशंकाएँ

लगातार बढ़ते तनाव और किसानों की जिद के कारण प्रशासन पर समाधान निकालने का दबाव बढ़ गया है।
यदि समय रहते कोई निर्णय नहीं लिया गया तो स्थिति और गंभीर होने की आशंका जताई जा रही है।

आहोर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में यह मुद्दा अब बड़े आंदोलन का रूप ले चुका है, जिसे देखते हुए सभी की निगाहें प्रशासनिक निर्णय पर टिकी हैं।

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