स्पेनिश फ्लू और कोरोना मे क्या है, समानताएं: अशोक राजपुरोहित



एक आइना भारत /पाली

पाली:जिस तरह आज पूरी दुनिया में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है उसी तरह करीब सौ वर्ष पहले भी दुनिया, सबसे बड़ी महामारी, स्पेनिश फ्लू से जूझ रही थी. कोरोना काल के इस दौर में हमें सौ वर्ष पुरानी महामारी से मिले सबक याद करने चाहिए. स्पेनिश फ्लू नाम कि महामारी से दुनियाभर में करीब 50 करोड़ लोग संक्रमित हुए थे और 5 करोड़ लोगों कि इस बिमारी के कारण मृत्यु हुई थी स्पैनिश फ्लू और कोरोना वायरस से जुडे कुछ सवालों के जवाब *1: सवाल* क्या कोरोना वायरस खत्म होने के बाद दोबारा लौटकर आ सकता है, *जवाब* सौ वर्ष पहले स्पेनिश फ्लू ने साबित किया था कि वैश्विक महामारी एक बार में खत्म नहीं होती बल्कि वापस आती है, वर्ष 1918 की शुरुआत में स्पेनिश फ्लू का पहला दौर शुरू हुआ था. सितंबर तक जब ऐसा लगा कि प्रकोप खत्म होने को है तब दूसरा और सबसे खतरनाक दौर शुरू हुआ. फिर एक बार उम्मीद जगी तो फरवरी 1919 में इस महामारी की तीसरी लहर उठी. कुछ देशों में तो वर्ष 1920 में इस महामारी का चौथा दौर भी देखा गया था. चीन सहित कई देशों में कोरोना वायरस के दो से तीन दौर देखे जा चुके हैं. *2: सवाल* आखिर ये महामारी खत्म कैसे होगी
*जवाब* स्पेनिश फ्लू के खिलाफ बड़ी आबादी में सामूहिक इम्यूनिटी विकसित हो गई थी अर्थात जो लोग एक बार संक्रमित होकर ठीक हो रहे थे, वो दोबारा संक्रमित नहीं हो रहे थे और ये प्रतिरोधक क्षमता बाकी लोगों में भी विकसित हो रही थी. कई विशेषज्ञों का ये मानना है कि कोरोना को खत्म करने के लिए दुनिया को सामूहिक इम्यूनिटी के स्तर पर पहुंचना है *3: सवाल* क्या वैक्सीन आने तक संक्रमण खत्म नहीं होगा? *जवाब* स्पेनिश फ्लू का वैक्सीन विकसित होने से पहले ही इसका प्रभाव खत्म हो गया था. महामारी खत्म होने के करीब 25 वर्षों बाद 1945 में स्पेनिश फ्लू की वैक्सीन आई थी. लेकिन कोरोना की वैक्सीन बनाने के लिए पूरी दुनिया में तेजी से काम हो रहा है और संभव है कि एक डेढ़ वर्ष में कामयाबी भी मिल जाए. *4: सवाल* क्या लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग ही कोरोना संक्रमण से बचाने का एकमात्र उपाय है ? *जवाब* दुनियाभर में स्पेनिश फ्लू को फैलने से रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग, क्वारंटीन और साफ-सफाई पर जोर दिया जाना चाहिए. आज भी ठीक वैसी ही स्थिति है, *5: सवाल* आगे अर्थव्यवस्था का क्या होगा? *जवाब*
ये सवाल तब भी उठे थे. जब अमेरिका समेत कई देशों में लॉकडाउन जैसे कदम उठाए गए थे. जिनकी वजह से अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान होते देखा गया था लेकिन वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की रिपोर्ट के मुताबिक तब महामारी खत्म होने के बाद आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई थी और दुनिया को हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई हो गई थी. इस समय भी कोरोना महामारी की वजह से अर्थव्यवस्थाएं बुरी हालत में हैं लेकिन उम्मीद है कि लॉकडाउन हटने के बाद चीजें ठीक होंगी. स्पेनिश फ्लू की वजह से उस वक्त दुनिया की दो से ढाई प्रतिशत आबादी खत्म हो गई थी. तब के मुकाबले आज दुनिया की आबादी बहुत ज्यादा है. लेकिन अच्छी बात ये है कि कोरोना को काबू करने के लिए दुनियाभर में जो प्रयास हो रहे हैं, वो इशारा करते हैं कि कोरोना महामारी, अब दुनिया में बहुत ज्यादा लंबे वक्त की मेहमान नहीं रह पाएगी. और ना ही स्पेनिश फ्लू जितना नुकसान पहुंचा पाएगी।
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