एक आईना भारत
सोजत कुलदीप सिंह
जिंदगी जीना कोई बड़ी बात नही है, जिंदगी तो हर कोई जी रहा है और अपनी बुनियादी जरुरतो के साथ साथ अत्याधुनिक सुख सुविधाओं का भी लाभ ले रहा है। प्राचीन समय में कम शिक्षा के अभाव के कारण आम आदमी का जीवन इतना संघर्षमय नही था किंतु आज के इस वर्तमान युग और आने वाले भविष्य युग मे जीना आसान नही होगा क्योंकि हर इंसान के सामने कई तरह की चुनोतियाँ खड़ी होगी जिसमें रोजी रोटी जैसी अहम चुनौती भी होगी। हर इंसान को अपना भविष्य सुधारने के लिए एक लक्ष्य लेकर चलना चाहिए और जब तक वो लक्ष्य प्राप्त न कर ले तब तक उसे चैन की सांस नही लेनी चाहिए। अलग अलग इंसानों द्वारा अलग लक्ष्य तय करना आम बात है और इसके साथ ही उस लक्ष्य की प्राप्ति में बाधाओं का आना भी, लेकिन इंसान को हिम्मत और धैर्य रख सदा आगे बढ़ते रहना चाहिए। इंसान द्वारा निर्धारित लक्ष्य भी स्वयं उसे अपनी ओर आकर्षित करता है जिससे व्यक्ति दिन-रात मेहनत कर उसे पाने की चेष्टा में लग जाता हैं। बिना लक्ष्य का इंसान एक भटके हुए साधक/राही की तरह होता है जो निरन्तर चलते हुए मेहनत तो करता है किंतु मंजिल का पता नही होने के अभाव में चलता ही रहता है।
'युवा सरताज' लेखक एवं कवि गजेंद्र सिंह राजपुरोहित गांव खारची सोजत मारवाड़ जंक्शन
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