कंकणाकृति सूर्य ग्रहण से सावधान, ग्रह और नक्षत्रों का ऐसा संयोग बनने जा रहा है जो पिछले 500 सालों में नहीं बना, जानिए ग्रहण से संबंधित सभी सवालों के जवाब यहां

साल का पहला सूर्य ग्रहण 21 जून को रविवार के दिन लगने जा रहा है। ये वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। ग्रहण की शुरुआत सुबह 10:09  बजे के करीब हो जाएगी और इसकी समाप्ति दोपहर 01:36  बजे तक होगी। क्योंकि ये ग्रहण भारत में दिखाई देने वाला है इसलिए इसका सूतक भी मान्य होगा। सूतक काल की शुरुआत 20 जून की रात 10.09 बजे से हो जाएगी। ज्योतिष अनुसार ये ग्रहण काफी प्रभावशाली माना जा रहा है। क्योंकि इस सूर्य ग्रहण के समय ग्रह और नक्षत्रों का ऐसा संयोग बनने जा रहा है जो पिछले 500 सालों में नहीं बना।

ग्रहण के दौरान ग्रहों की स्थिति: ये ग्रहण मृगशिरा, आर्द्रा नक्षत्र और मिथुन राशि में लगने जा रहा है। ग्रहण के दौरान 6 ग्रह बृहस्पति, शनि, मंगल, शुक्र, राहु और केतु वक्री अवस्था में होंगे। राहु और केतु तो सदैव ही वक्री रहते हैं। ग्रहों की ऐसी स्थिति सूर्य ग्रहण को बहुत ही अधिक प्रभावशाली बनाएगी। ज्योतिष अनुसार ग्रहण प्राकृतिक आपदाओं का कारक बन सकता है। जिसकी वजह से भूकंप, आंधी या तूफान जैसे योग बन रहे हैं।

क्या होता है वलाकार सूर्य ग्रहण: ऐसा नजारा धरती पर कम ही देखने को मिलता है। इस दिन सूर्य एक चमकती अंगूठी की तरह दिखेगा। ये न तो आंशिक ग्रहण होगा और न ही पूर्ण। चंद्रमा की छाया सूर्य का 99% भाग ढकेगी। जिस कारण सूर्य के किनारे वाले हिस्सा प्रकाशित रहेगा और बीच का हिस्सा पूरी तरह से चांद की छाया से ढक जाएगा।


कहां दिखाई देगा ग्रहण: भारत समेत नेपाल, पाकिस्तान, सऊदी अरब, यूऐई, एथोपिया तथा कोंगों में दिखाई देगा। भारत में देहरादून, सिरसा और टिहरी कुछ ऐसे प्रसिद्ध शहर हैं जहां वलयाकार सूर्य ग्रहण दिखेगा और देश के बाकी हिस्सों में आंशिक सूर्य ग्रहण का नजारा देखने को मिलेगा।

सूर्य ग्रहण पर क्या रखें सावधानियां: सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए। इस दौरान सूर्य से निकलने वाली किरणें आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसलिए इसे देखने के लिए खास तरह के उपकरणों का प्रयोग करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं अनुसार ग्रहण के समय किसी भी तरह के शुभ काम नहीं करने चाहिए। ग्रहण के समय न तो कुछ खाना चाहिए और न ही कुछ पीना। ग्रहण से पहले खाने पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालकर रख देने चाहिए। ग्रहण काल में प्रभु का स्मरण करते हुए पूजा, जप, दान आदि धार्मिक कार्य करें। ग्रहण का सूतक काल लगते ही घर में बने पूजास्थल को भी ग्रहण के दौरान ढक दें। ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान कर लें और पूजा स्थल को भी साफ कर गंगाजल का छिड़काव करें।

आंख पैर, का ध्यान रखें। पुलिस, कोर्ट कचहरी के मामले में सतर्कता बरते। धन खर्च बढेगा। किसी मित्र के द्वारा कोई कार्य की योजना बनेगी, यात्रा भी करनी पड़ सकती है ।

ग्रहण काल के दौरान ग्रहों की स्थिति निम्न रहेगी।* 

 सूर्य    :-  मिथुन राशि में
 चंद्र     :-  मिथुन राशि में
 मंगल  :-  मीन राशि में
 बुध     :-  मिथुन राशि में वक्री
 गुरु     :-  मकर राशि में वक्री
 शुक्र   :-  वृषभ राशि में वक्री
 शनि    :- मकर राशि में वक्री
 राहु     :- मिथुन राशि में वक्री
 केतु    :- धनु राशि मे वक्री

ज्योतिष गणना के आधार से 21 जून, यानी रविवार को होने वाले सूर्य ग्रहण पर ग्रहों की ऐसी स्थिति बन रही है। आषाढ़ महीने में लग रहे इस सूर्य ग्रहण के समय 6 ग्रह वक्री रहेंगे। यह स्थिति देश और दुनिया के लिए ठीक नहीं है।  6 ग्रहों के वक्री होने से ग्रहण खास होगा। यह ग्रहण राहुग्रस्त है। मिथुन राशि में राहु सूर्य-चंद्रमा को पीड़ित कर रहा है। मंगल जल तत्व की राशि मीन में है और मिथुन राशि के ग्रहों पर दृष्टि डाल रहा है। इस दिन बुध, गुरु, शुक्र और शनि वक्री रहेंगे। राहु और केतु हमेशा वक्री ही रहते है। इन 6 ग्रहों की स्थिति के कारण ये सूर्य ग्रहण और भी खास हो गया है। भूकम्प, आगजनी, देश विदेश में तनाव, विवाद और तनाव के हालात बन सकते हैं। कोरोना सितंबर तक स्तिथि देश हित मे आती दिख रही है। देश में इस ग्रहण का अशुभ असर दिखेगा। इस ग्रहण पर मंगल की दृष्टि पड़ने से देश में आगजनी, विवाद और तनाव की स्थितियां बन सकती हैं। चोरी, डकैती, बैंक लूट, हत्या की वारदात का योग देश मे बन रहा है।

 सूर्य ग्रहण कब और कहां दिखेगा 

रविवार को सूर्य ग्रहण सुबह करीब 10.09 बजे शुरू होगा और दोपहर 1.36 बजे खत्म होगा। इसका सूतक 12 घंटे पहले यानी 20 जून शनिवार को रात 10.09 पर शुरू हो जाएगा। जो कि ग्रहण के साथ ही खत्म होगा। 

 कहां-कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण 

यह सूर्य ग्रहण भारत समेत एशिया और अफ्रीका के कई देशों में देखा जा सकेगा।

 किस राशियों के लिए शुभ-अशुभ 

  शुभ  :- मेष,सिंह,कन्या,मकर

 अशुभ -  मिथुन, कर्क,   वृश्चिक, मीन

 सामान्य-  वृषभ, तुला,धनु,कुंभ

 क्या करें और क्या नहीं 

ग्रहण के समय घर से बाहर नहीं निकलें। ग्रहण से पहले स्नान करें। तीर्थों पर न जा सकें तो घर में ही पानी में गंगाजल, तीर्थो का जल मिलाकर स्नान करें। ग्रहण के दौरान भगवान शिव, सूर्यदेव, गायत्री मंत्र, इष्ट देव, गुरुमंत्र के मंत्रों का जाप करें। श्रद्धा के अनुसार दान करना चाहिए।

 क्या न करें। 

सूर्य ग्रहण के दौरान सोना, यात्रा करना, पत्ते का छेदना, तिनका तोड़ना, लकड़ी काटना, फूल तोड़ना, बाल और नाखून काटना, कपड़े धोना और सिलना, दांत साफ करना, भोजन करना, शारीरिक संबंध बनाना, शौच करना, घुड़सवारी, हाथी की सवारी करना और गाय-भैंस का दूध निकालना। सूतक काल के दौरान भोजन न पकाए और न ही खाना खाएं। सूतक काल में भगवान की प्रतिमाओं को स्पर्श ना करें और ना ही पूजन करें। तथा तुलसी के पौधे को हाथ ना लगाए। सूतक काल में विशेषकर गर्भवती महिलाओं को ज्यादा ध्यान रखना होता हैं। सूर्य ग्रहण के सूतक काल के दौरान गर्भवती महिला चाकू एवं छुरी का प्रयोग ना करें।

 किस राशि पर क्या प्रभाव और जाप किसका करे।

 मेष राशि - राशि से पराक्रम भाव में सूर्य ग्रहण आपका आर्थिक पक्ष मजबूत करेगा। भविष्य में कई छोटी यात्रा बार बार होगी। छोटे भाई से वैचारिक मतभेद व नौकर को मन का भेद न बतावे अन्यथा धोखा मिल सकता है । कार्य व्यापार में उन्नति होगी। आपके साहस में वृद्धि होगी। परिवार के बड़े सदस्यों एवं भाइयों से मतभेद न पैदा होने दें।
 पूजन  हनुमान जी की आराधना श्रेष्ठ
 दान:- चावल गुड़ मिलाकर गाय को खिलावे।

 वृषभ राशि - राशि से द्वितीय भाव में पड़ने वाला ये सूर्य ग्रहण पारिवारिक कलह एवं मानसिक अशांति दे सकता है। आपकी स्पष्ठवादिता से परिवार में किसी का दिल दुखाएगी। स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा दाहिनी आंख, दाँत का ध्यान रखें। परिवार में अलगाव व तनाव न पैदा होने दें। विवादों से दूर रहें।
 पूजन माताजी आराधना करें।
 दान कुत्ते को दूध देवे।

 मिथुन राशि- आपकी राशि पर लग्न भावमें  लगने वाला ग्रहण आपके लिए अत्यंत कष्ट कारक सिद्ध हो सकता है इसलिए  स्वभाव में चिड़चिड़ापन न आने दें। पति/पत्नी में विवादके योग बन रहे है। शंका के कारण विवाद की स्तिथि सामने आवेगी।  यात्रा सावधानीपूर्वक करें । कुटुम्ब परिवार से बारहवे भाव मे ग्रहण होने से परिवार पर बड़ा धन खर्च होगा।
 पूजन श्रीकृष्ण जी का जाप करे
 दान कन्या को हरा फल देवे।

 कर्क राशि- राशि से व्यय भाव में पड़ने वाला ये ग्रहण आपके लिए स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालेगा। पेट, बाई आंख पैर, का ध्यान रखें। पुलिस, कोर्ट कचहरी के मामले में सतर्कता बरते। धन खर्च बढेगा। किसी मित्र के द्वारा कोई कार्य की योजना बनेगी, यात्रा भी करनी पड़ सकती है ।
 पूजन शिव जी के मंत्रों का जाप।
 दान चावल मूंगदाल की खिचड़ी दान करे।

 सिंह राशि- राशि से लाभ भाव में पड़ने वाला ग्रहण आपके लिए बेहतर साबित होगा। नौकरी पेशा लोगो के लिए पदोन्नति के योग। व्यापार को बढ़ाने के लिए कोई बड़ा धन व्यापार में विनियोग होगा। लाभ के योग बनेंगे। बड़े भाई बहन से प्रेम स्नेह बढ़ेगा।
 पूजन सूर्य चालीसा व मंत्रों का जाप
 दान गेहूँ गुड़ का करे।

 कन्या राशि- राशि से राज्य भाव में पड़ने वाला यह ग्रहण माता पिता के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालेगा।अधिकारियों से विगत समय मे बनाये संबंध का लाभ मिलेगा। कार्य स्थल पर कार्य रुक रुक कर चलेगा पर चलेगा जरूर। मानसिक स्तिथी में किसी विषय को लेकर गंभीर चिंतन करोगे।
 पूजन  दुर्गा देवी को आराधना
 दान  खड़े मूँग का करे।

 तुला राशि- राशि से भाग्य भाव में पड़ने वाला ये ग्रहण आपके लिए कार्य में रुकावटें आएगी।  स्वास्थ्य के प्रति चिंता तो रहेगी किंतु संतान संबंधी चिंता भी आपको तंग कर सकती है। यदि आप विद्यार्थी हैं तो पढ़ाई में और मन लगाएं ताकि परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने में परेशानी न हो। धर्म-कर्म के मामलों में अरुचि बढ़ेगी।
 पूजन वैष्णव देवी चालीसा
 दान  कबूतर को ज्वार देवे।

 वृश्चिक राशि- राशि से अष्टम भाव में पड़ने वाला यह ग्रहण पिता के स्वास्थ्य के लिए विपरीत प्रभाव कारक सिद्ध होगा। पेट संबंधी अथवा पेर से संबंधित अंगों के विकार से बचें। आकस्मिक धन प्राप्ति के योग बनाएगा। टेंशन ज्यादा न लेवे अन्यथा स्वास्थ नरम गरम होवेगा।
 पूजन शिव पंचाक्षर का जाप 
 दान  पक्षियों को मिक्स अनाज देवे।

 धनु राशि- राशि से सप्तम भाव में पड़ने वाले इस ग्रहण के प्रभाव स्वरूप आपके दांपत्य जीवन में कटुता आ सकती है इसलिए आपसी सौहार्द बनाए रखें झगड़े विवाद से बचें। दैनिक व्यापारियों के लिए समय अपेक्षाकृत बेहतर रहेगा। बड़ी यात्रा देशाटन पर अधिक व्यय होगा।
 पूजन विष्णु सहस्त्र नाम का जाप 
 दान  पपीता ब्राह्मण को भेंट करें।

 मकर राशि- राशि से छठेभाव में  ग्रहण होने से शत्रु को परास्त करेंगे । स्वास्थ्य का ध्यान रखें स्वास्थ्य में पेट पीठ और पैर मैं दवाई का खर्च होगा । व्यापार भाव से नवा स्थान होने से भाग्य में अड़चनों के द्वारा सफलता मिलेगी । ग्रहण के 30 दिन बाद स्थिति में सुधार होगा।
 पूजन गणेश जी के 12 नाम का जाप
 दान  चींटी को पंजीरी(कसार) देवे।

 कुंभ राशि- राशि से पंचम भाव में पड़ने वाला यह ग्रहण प्रेम के मामलों में बढ़िया खबर नही लाएगा। प्रेम विवाह के निर्णय में कुछ विलंब हो सकता है। संतान संबंधी चिंता भी परेशान कर सकती है। विद्यार्थियों के लिए यह समय काफी सावधानी बरतने का है पढ़ाई पर पूरा ध्यान केंद्रित करें
ूजन*  आराध्य देव का जाप
 दान  गरीब को भोजन सामग्री देवे।

 मीन राशि- राशि से सुखभाव में पड़ने वाला यह ग्रहण आपको पारिवारिक कलह एवं मानसिक अशांति देगा किंतु, कहीं न कहीं आपका आर्थिक पक्ष मजबूत भी करेगा। माता के स्वास्थ्य में कुछ नरम गरम होगा। भूमि परिवर्तन के योग बनेगे।
 पूजन इष्ट देवता का पूजन
 दान मछलियों को आटे की गोलियां खिलाये।


प. दिवेश ओझा भारद्वाज s/o प्रवीण कुमार शास्त्री
              आहोर
सम्पर्क सूत्र    P.9672548540
                      D.9610014744
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