परिहार ने की लॉकडाउन डायरी राज्यपाल के सचिव को भेंट
समय संवेदना का राग अनुराग नामक पुस्तक मे परिहार ने नीरसता मे सरसता ढुढिंए बताया
एक आईना भारत /अशोक राजपुरोहित
पाली:कोरोना वैश्विक महामारी के विभिन्न क्षेत्रों पर पड़ने वाले प्रभावों और आम व्यक्ति की लॉकडाउन मनोदशा पर केंद्रित लॉकडाउन डायरी (समय संवेदना का राग अनुराग) नामक पुस्तक को आज लेखक वीरेन्द्र परिहार द्वारा माननीय राज्यपाल के सचिव सुबीर कुमार को भेंट की गयी। जिसमे कुल 92 पृष्ठों की इस पुस्तक में कोरोना महामारी के दौरान आम व्यक्ति की संवेदनाओं , मनोदशाओं और आशावादी दृष्टिकोण के साथ लॉकडाउन पालन से सम्बंधित विभिन्न लेख शामिल किए गए है। माननीय राज्यपाल के सचिव सुबीर कुमार ने इसे कोरोना महामारी के दौरान रचनात्मकता से परिपूर्ण सामाजिक सरोकारों के प्रति एक बड़ा कार्य बताया। इस अवसर पर सुबीर कुमार ने श्री परिहार द्वारा ऐसे संकट के समय अपनी रचनात्मकता का निर्वहन करते हुए इस रचना के लिए बधाई दी। आपदा को अवसर में बदलिये, नीरसता में सरसता ढूंढिए,और मन के हारे हार है, मन के जीते जीत कुछ ऐसे ही इस डायरी के लेख है जिनसे निश्चित रूप से इस नाज़ुक दौर में विवेकपूर्ण तरीके से लड़ने की ताकत और नयी राह मिलती है। लॉकडाउन डायरी के लेखक वीरेन्द्र परिहार दूरदर्शन केंद्र जयपुर में कार्यक्रम निर्माता है और देश के सर्वोच्च कृषि पत्रकारिता पुरस्कार चौधरी चरणसिंह राष्ट्रीय कृषि पत्रकारिता पुरस्कार से सम्मानित है। ग़ौरतलब है कि श्री परिहार पाली ज़िले के खोड़ गांव के निवासी है। वही खौड ग्राम वासियों ने परिहार के लेखनी की प्रशंसा की|
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