रिमझिम बारिश से फसलों को मिला नया जीवनदान
एक आईना भारत
उम्मेदपुर (विक्रमसिंह बालोत)
सावन का महीना बारिश के लिए जाना जाता है, लेकिन आदा सावन महीने बीत गया लेकिन लोग आसमान की ओर टकटकी लगाए रहे, लेकिन निराशा हाथ लगी। किसानो ने बताया की शनिवार को हल्की बारिश शुरू हुई जिससे खेतो में खड़ी कपास व खरीफ की फसलों को मिला जीवनदान।साथ ही ठंडी हवा बहने लगी और लोगों को खुशनुमा मौसम का अहसास हुआ। लोगों के चेहरों पर अब हल्की सी खुशी दमकने लगी ।
उल्लेखनीय है कि बरसात नहीं होने से ग्रामीण क्षेत्र में लोग परेशान थे। आषाण और आदा सावन सूखे ही बीते लेकिन कई किसानो ने जुन महिने के लास्ट सप्ताह में हल्की बारिश से किसानों ने खरीफ की फसल की बुवाई की थी अब फसले मुरझाने लगी थी अब हल्की बारिश से फसलो को जिवनदान मिला है शहरवासी गर्मी से परेशान थे तो ग्रामीण फसलों की सिंचाई को लेकर चिंतित थे। तो रिमझिम बारिश ने लोगों को गर्मी से राहत दिलाई। शनिवार की शाम को हुई बरसात ने किसानों के चेहरों पर खुशी लौटा दी। शाम को हुई बरसात से मौसम खुशगवार हो गया। बरसात का यह दौर उम्मेदपुर के आस-पास के गांवों में कई पर हल्की बारिश तो कई पर हल्की बौछार हुई।
गौरतलब है की हल्की बारिश में लोगों को गर्मी और उमस से तो राहत मिल गई, परंतु कई किसानों की उम्मीद के मुताबिक बारिश नहीं हुई।अभी तक कई किसानों ने खरीफ की बुवाई भी नहीं की।इस समय बोवनी और सिंचाई का समय चल रहा है। शाम को हुई बरसात से किसानों के चेहरों पर खुशी वापस लौट आई। इससे किसानों की खरीफ की फसल पर खतरा मंडरा रहा था, लेकिन शनिवार को हुई बारिश से फसलों को मिला जीवनदान।
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