कामधेनु सेना के राष्ट्रीय कार्यालय में मनाई चन्द्रशेखर आजाद जयन्ती


चन्द्रशेखर आजाद के बलिदान को हमेशा याद रखा जायेगा - राष्ट्रीय अध्यक्ष



एक आइना भारत / प्रकाश इन्दलिया 

नागौर। 
कामधेनु सेना के राष्ट्रीय कार्यालय में चन्द्रशेखर आजाद के चित्र पट्ट पर पुश्प माला पहनाकर चन्द्रशेखर आजाद जयन्ती मनाई गई। इस दौरान कामधेनु सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रवण सेन ने कहा कि देश की आजादी में अपना सब कुछ न्यौछावर करने वाले चन्द्रशेखर आजाद इस भारत भूमि के महान सपूत थे। किशोरावस्था में काशी में संस्कृत पढ़ने आए चंद्रशेखर तिवारी को उनकी बहादुरी और अदम्य साहस के कारण ज्ञानवापी में हुई सभा में चंद्रशेखर तिवारी का नामकरण चंद्रशेखर आजाद किया गया। 
राष्ट्रीय अध्यक्ष सैन ने बताया कि चन्द्रशेखर आजाद का जन्म आज ही के दिन 23 जुलाई 1906 को मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले के भाबरा में हुआ था। वे सन् 1920 में 14 वर्ष की आयु में गांधीजी के असहयोग आन्दोलन से जुड़े थे। देश की स्वतंत्रता अभियान में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। 
चन्द्रशेखर आजाद से अंग्रेजी हुकूमत थर-थर कांपती थी, उन्होंने कहा था कि ''मैं आजाद था, आजाद हूं, आजाद रहूंगा'' और वे सच में अपनी अंतिम सांसों तक आजाद रहे।
इस दौरान कामधेनु सेना के राष्ट्रीय महासिचव दिपेन्द्रसिंह राठौड़, श्रवणपुरी गोस्वामी, रामचन्द्र जाणी, प्रवीण बिश्नोई, खुमाराम सिंवर, हरिराम मेघवाल, संजय शर्मा, हरप्रीत सिंह, सिताराम वर्मा, छेलसिंह, नथुराम गोलिया, नथुराम सांगवा, प्रधान चैधरी, मुकेश रिणवा, सुभाष बेनिवाल इत्यादि कामधेनु सैनिक उपस्थि थे।

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