फालना कानसिंह हत्याकांड का खुलासा : पत्नी से अवैध संबंध के शक में दस लाख की सुपारी देकर दोस्त को मरवा डाला



आठ माह पूर्व साजिश रच सिरोही के दो हत्यारों को दिए पांच लाख रुपए एडवांस

पाली, फालना । (नि स) दोस्त की पत्नी से बढ़ती नजदीकियां एक व्यक्ति को इतनी नागवार गुजरी कि उसने अपने मित्र की सुपारी देकर हत्या करवा दी। राजस्थान के पाली जिले के फालना कस्बे में पांच दिन पहले दिनदहाड़े गोली मार कर हुई हत्या के मामले में हुए राजफाश में पूरी कहानी अवैध संबंधों के शक से शुरू होकर पेशेवर हत्यारों तक पहुंची है। पुलिस ने साजिशकर्ता और हत्या के सहयोगी को गिरफ्तार भी किया है। कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी शेष है।

पाली के एसपी राहुल कोटकी ने बताया कि 20 अगस्त को पाली जिले के फालना में फालना से साण्डेराव जाने वाले रोड पर फालना में रेलवे टिकट बुकिंग व मोबाइल एसेसरीज विक्रय का कार्य करने वाले कानसिहं पुत्र घीसुसिहं सिसोदिया की बाइक पर आए अज्ञात हमलावरों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बृजेश सोनी व पुलिस उपअधीक्षक हिमांशु जांगिड़ के नेतृत्व में पुलिस टीमों का गठन किया गया। जिस पर पुलिस टीम ने मेहनत और सीसीटीवी फुटेज का अवलोकन किए जाने के बाद कानसिंह से रंजिश रखने वालों की जानकारियां गोपनीय रूप से प्राप्त की गई। कई कड़ियां जुड़ने पर खुलासा हुआ कि भरत पुत्र नवलदास वैष्णव हाल जावेरी बाजार मुम्बई निवासी ने दस लाख रुपए में कानसिंह की हत्या के लिए सुपारी दी और सिरोही के कुछ युवकों ने इस वारदात को पैसे लेकर अंजाम दिया।

टिकट बुकिंग से शुरू हुई कहानी
एसपी कोटकी ने बताया कि मृतक फालना स्टेशन के पास रेलवे के टिकट बुकिंग व रिजर्वेशन का काम करता था। मुख्य आरोपी भरत वैष्णव व उसकी पत्नी और परिवार मुम्बई से फालना जरिए ट्रेन आते-जाते रहते थे। वे टिकट बुकिंग कानसिंह के माध्यम से करवाते थे। भरत और कानसिंह के बीच अच्छे संबंध बन गए और पारिवारिक आवागमन के साथ जमीन के सौदे भी साथ मिलकर हुए। इसी दौरान भरत की पत्नी एवं मृतक कानसिहं सिसोदिया के मध्य संबंध गहराने लगे। भरत को शक होने लगा इस पर उसने जानकारी जुटाई। इसके बाद पति-पत्नी के बीच इस बात को लेकर झगड़ा भी हुआ। परेशान हो भरत ने कानसिंह को भी धमकाया ओर जान से मारने की धमकी भी दी।


आठ माह पहले रच दी थी साजिश
भरत मूलत: नोवी गांव का रहने वाला है। उसने ने इसी वर्ष जनवरी-फरवरी में, जब वह मुम्बई से अपने गांव नोवी आया हुआ था। तभी इसकी साजिश रची। सिरोही जिले के मोछाल निवासी अरविंदकरण सिंह को कानसिंह की हत्या के बाबत तैयार किया और पांच लाख रुपए की अग्रिम रकम बतौर सुपारी दी। अरविंद ने एक माह में वारदात को अंजाम देने का भरोसा दिया। अरविंद खुद के फोन से भरत से संपर्क नहीं कर रिश्तेदार ईश्वरसिंह के माध्यम से बात करता था। लम्बे समय तक काम नहीं होने पर भरत ने नाराजगी जताई तो अरविंदकरण ने 19 अगस्त को एक दो दिन में काम करने की बात कही और बाकी पेमेंट की व्यवस्था रखने को कहा। 20 अगस्त को उसने कान सिंह सिसोदिया की दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने ईश्वरसिंह और भरत वैष्णव को गिरफ्तार कर लिया है।

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