बाल्टी में सीवरेज का पानी लेकर कलेक्ट्रेट पहुँचा जिला परिषद कर्मचारी,
बोला— निकासी नहीं की जा रही; अनशन की चेतावनी, शराब पीने की पुष्टि पर पुलिस ने लिया हिरासत में
जालोर (उजीर सिलावट)। जालोर में बुधवार शाम कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर एक अनोखा वाकया देखने को मिला। जिला परिषद का कर्मचारी राजपाल मीणा अपने घर में भरे सीवरेज के गंदे पानी से परेशान होकर एक प्लास्टिक की बाल्टी में गंदा पानी भरकर सीधे कलेक्ट्रेट पहुँच गया। करीब शाम 6:30 बजे वह कलेक्ट्रेट गेट पर पहुँचा और कलेक्टर से मिलने की जिद करने लगा। उसका कहना था कि पिछले कई दिनों से उसके घर और आसपास का इलाका सीवरेज के पानी से भरा हुआ है, लेकिन नगर परिषद की ओर से कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो रही। पानी की निकासी न होने से उसका घर अंडरग्राउंड तक डूब चुका है।
कलेक्टर से ही मिलना चाहता था कार्मिक
कार्मिक राजपाल मीणा ने कहा कि सीवरेज और तालाब सौंदर्यीकरण के लिए हर साल बजट पास होता है, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं होता। परिषद की टीम औपचारिकता निभाने के लिए कभी-कभार सफाई कर देती है, मगर समस्या जस की तस बनी रहती है। उसने साफ कहा कि वह ज्ञापन केवल कलेक्टर को ही देगा क्योंकि वही जिले के “कर्ता-धर्ता” हैं।
अनशन की दी चेतावनी
कार्मिक ने चेतावनी दी कि यदि गुरुवार तक उसके घर से सीवरेज की निकासी नहीं की गई तो वह शुक्रवार से कलेक्ट्रेट के बाहर अनशन पर बैठ जाएगा। इस दौरान कलेक्ट्रेट परिसर में प्रभारी मंत्री के होने से भारी पुलिस जाप्ता तैनात था। कोतवाल अरविंद कुमार ने उसे समझाइश देकर नगर परिषद आयुक्त से मिलने को कहा, लेकिन कर्मचारी अपनी जिद पर अड़ा रहा।
शराब की पुष्टि पर हिरासत
इस दौरान मौजूद पुलिसकर्मियों ने नोटिस किया कि कार्मिक के मुंह से शराब की गंध आ रही है। शक होने पर उसे पकड़ा गया और मेडिकल जांच कराई गई। जांच में शराब पीने की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया।
मामला बना चर्चा का विषय
कलेक्ट्रेट के बाहर इस पूरे घटनाक्रम ने हाई-वोल्टेज ड्रामे का रूप ले लिया। लोग कर्मचारी की हठधर्मिता और नगर परिषद की लापरवाही दोनों पर चर्चा करते रहे। वहीं, कर्मचारी के शराब के नशे में होने की पुष्टि के बाद लोगों ने सवाल उठाए कि क्या यह विरोध वास्तविक था या फिर नशे में उठाया गया कदम।