राज्य सरकार के गो विरोधी निर्णय के खिलाफ प्रदेश व्यापी ज्ञापन आज गो सेवा की राशि दूसरे कार्यों में उपयोग लेने के विरोध में जिला कलेक्टर को देंगे ज्ञापन



एक आइना भारत / नागौर

 कामधेनु सेना राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं गोवंश संरक्षण संघर्ष समिति राजस्थान के संयोजक श्रवण सेन ने राष्ट्रीय कार्यालय राठौड़ी कुआ, नागौर  में एक विशेष बैठक रखी गई, जिसमें सेन ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा स्टाम्प ड्युटी पर गो सेवा सेस से प्राप्त राशि का अन्यत्र उपयोग करने का निर्णय लिया है इसके खिलाफ प्रदेशभर में तहसील स्तर पर गोवंश संरक्षण संघर्ष समिति जो कि प्रदेश की सभी धार्मिक एवं गोसेवी संगठनों का एक संयुक्त मंच है और 12सूत्री मांगों का ज्ञापन 21 सितम्बर 2020 को सुबह 11 बजे जिला कलेक्टर को दिया जाएगा। ज्ञापन में गौशालाओं को 365 दिन का अनुदान देने की मांग, गौशालाओं को बिजली बिल में जो छुट मिलती थी उस नियम को परिवर्तन कर दिया है, इससे गौशालाओं पर बिजली के बिलों में अतिरिक्त आर्थिक भार गौशालाओं पर पड़ रहा है। सरकार से यह निर्णय वापस लेने का आग्रह किया। राज्य सरकार के द्वारा प्रत्येक गांव में मांस की दुकान खोलने का जो निर्णय लिया गया है, उसे भी तुरंत प्रभाव से वापस लेने, राज्य सरकार के द्वारा, गत सरकार के द्वारा जो गोवंश पशु वध प्रतिशेध अधिनियम में संशोधन किया गया था, उस संसोधन के बाद बने नये कानून को सरकार तुरंत लागू करे तथा प्रत्येक ग्राम पंचायत पर नन्दी शाला खोलें एवं गोचर भूमि को विकसित करने के लिए नरेगा से जोड़कर गोचर भूमि विकास कार्य करवाये जायें एवं गोचर भूमि को अतिक्रमण से बचाने के लिए निकटतम रजिस्टर्ड गौशाला को उसका केयरटेकर बनाया जाये। राज्य के गौशालाओं को जो अनुदान देने के लिए राज्य स्तरीय में गोपालन समितियों एवं जिला स्तरीय गोपालन समिति में सम्मलित करें। 
इस दोरान  विश्व स्तरीय गो चिकित्सालय के अध्यक्ष महेन्द्रसिंह सांखला, भागवत सेवा प्रकल्प ट्रस्ट के संरक्षक प्रसिद्ध कथा वाचिका देवी ममता, कामधेनु सेना के राष्ट्रीय महासचिव दिपेन्द्रसिंह राठौड़, भगवा स्वयं सेवक संघ के ग्रामीण जिलाध्यक्ष कैलाश ईनाणियां, भारतीय दलित साहित्य अकादमी के प्रदेश प्रचार मंत्री दिनेश रावल, कामधेनु सेना नागौर तहसील अध्यक्ष राजूराम काला, अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के जिलाध्यक्ष रमेश बिश्नोई, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के नागौर जिला सहसंयोजक सहदेव रोज, श्रीकृष्ण सहयोगी गौशाला ताऊसर, श्रीराम गौशाला दिल्ली दरवाजा नागौर इत्यादि विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी व गौशाला संचालक मौजूद रहे।
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