बाड़मेर: राजस्थान पुलिस का ध्येय वाक्य अपराधियों में भय और आमजन में विश्वास बाड़मेर में उल्टा साबित होता नजर आ रहा है और अपराधियों के साथ पुलिस भी आमजनता पर हावी हो रही है. ऐसा ही एक मामला बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना कस्बे से सामने आया है जहां ठेला लगाकर अपने परिवार का पालन पोषण करने वाले दिव्यांग के साथ कुछ असामजिक तत्वों ने तोड़फोड़ कर उसके साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया.

जब पीड़ित दिव्यांग घटना की रिपोर्ट धोरीमन्ना थाने में दर्ज करवाने पहुंचा तो पुलिस ने मामला दर्ज करने की बजाय दिव्यांग को ही दुत्कारते हुए उसके साथ मारपीट कर दी. जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो आमजनता न्याय के लिए किसके पास जायेगी यह बड़ा सवाल है.
धोरीमन्ना ओवरब्रिज के नीचे ठेला लगाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाले दिव्यांग चनणाराम पुत्र विशनाराम मेघवाल के साथ कुछ दिन पूर्व असामाजिक तत्वों ने मारपीट कर दी और उसके ठेले में भी तोड़फोड़ कर नुकसान पहुंचाया. पीड़ित चनणाराम का आरोप है कि घटना को लेकर 20 सितम्बर को वह धोरीमन्ना थाने में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाने पहुंचा. जहां थाने के मुंशी भाखरसिंह ने उसके साथ गाली गलौच करते हुए मारपीट की और लॉकर में बंद कर दिया.
पूरे घटनाक्रम के बाद पीड़ित चनणाराम ने बाड़मेर जिला मुख्यालय पहुंचकर विकलांग शिक्षा एवं कल्याण संस्थान को अपनी आपबीती सुनाई. जिसके बाद विकलांग शिक्षा एवं कल्याण संस्थान के पदाधिकारियों ने भगवान् महावीर टाउन हॉल में बैठक का आयोजन कर घटना को निंदनीय बताया और पीड़ित चनणाराम को समर्थन देते हुए दोषी पुलिसकर्मियों एवं मारपीट करने के आरोपियो के खिलाफ कार्यवाही करने एवं ठेला लगाने के लिए चनणाराम को संरक्षण दिलवाने के साथ नुकसान का मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर जिला पुलिस अधीक्षक के नाम ज्ञापन सौंपा.
इस पूरे मामले को लेकर जिला पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा का कहना है कि दिव्यांगजन के साथ मारपीट का मामला सामने आया है और पुलिस पर मामला दर्ज ना करने और मारपीट के भी आरोप लगे हैं. घटनाक्रम संज्ञान में आने के बाद मामला दर्ज करने के आदेश दे दिए गए है और मामले की जांच डीवाईएसपी को सौंपी गई है. जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी.